अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ करीब तीन करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने वाली सीबीआई ने अब उनसे सारे अधिकार भी छीन लिए हैं। सीबीआई के अंदर जितनी भी लड़ाई चल रही दिखती हो लेकिन यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रशासनिक निराकरण है। मोदी भले ही साढ़े चार साल से प्रधानमंत्री हों लेकिन प्रशासनिक अनुभव अब जवाहरलाल नेहरू से भी ज्यादा दिन का हो चुका है। कांग्रेस तथा उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भले ही राकेश अस्थाना को मोदी का नजदीकी अधिकारी बताकर फेक न्यूज प्रचारित करें, लेकिन सच यह है कि अस्थाना शुरू से ही सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के नजदीकी रहे हैं। तभी तो मोदी अस्थाना के बहाने अहमद पटेल के गुजराती कैडर का सफाया कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
* सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के विदेश दौरे पर जाने के दौरान अस्थाना ने कई अधिकारियों की सीबीआई में नियुक्त की थी
* राकेश अस्थाना के सारे अधिकार छीन लिए गए, अब उन सारे अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
महाभारत में बरबरिक नाम के पात्र की एक कथा काफी प्रचलित है। महाभारत की लड़ाई खत्म होने के बाद हर कोई जीत का श्रेय लेने कूद पड़ा। हर कोई अपनी वीरता बढ़ा चढ़ा कर बता रहा था। सवाल उठा कि सत्य कौन बताएगा। सत्य तो वही बताएगा जो सब कुछ अपनी आंखों से देखा हो। बरबरिक वह पात्र था जो महाभारत की पूरी लड़ाई अपनी आंखों से देखी थी। बरबरिक से लड़ाई के दौरान सभी की भूमिका के बारे में पूछा गया। बरबरिक ने कहा कि इस पूरी लड़ाई में तो मुझे सिर्फ कृष्ण का ही चक्र सबसे आगे दिखा। हर किसी का अस्त्र हो या शस्त्र सभी चक्र के पीछे ही थे। उसी प्रकार अद्यतन खबर है कि राकेश अस्थना के सारे अधिकार भी छीन लिए गए हैं।
अस्थाना तो बहाना है दरअसल अहमद पटेले के पाले अधिकारियों को भगाना है। इसी उक्ति पर यह सरकार आगे बढ़ रही है। अगर भ्रष्टाचार के मामले में अभी तक उस तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है जो होनी चाहिए तो वह इसलिए कि इस सरकार में अभी भी कांग्रेस के प्रति प्रतिबद्ध कुछ अधिकारी घुसे बैठे हैं। स्वामी ने इस मामले में स्पष्ट कहा है कि जब तक यूपीए के प्रति प्रतिबद्ध अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों से नहीं हटाया जाएगा चिदंबरम जैसे दागी पूर्व मंत्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जा सकती। शायद इसलिए मोदी ने अब गुजरात कैडर के उन अधिकारियों का शिकार करना शुरू कर दिया है जो अहमद पटेल के पाले हुए हैं।
ध्यान रहे कि जब आलोक वर्मा विदेश गए थे तभी अस्थाना ने अपनी मर्जी से कई अधिकारियों को सीबीआई में नियुक्त की थी। आरोप है कि ये सारी नियुक्तिया अस्थाना ने पटेल के निर्देश पर ही किए थे। तभी तो कोई भी जांच अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाती थी। क्योंकि सारी जांच इन्ही अधिकारियों को सौंपा जाता था। तभी तो नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद अस्थाना जितने भी मामलो की जांच कर रहे थे वे सारे मामले उनसे छीन लिए गए हैं। इसके साथ ही सारे मामले में उनके मामले की जांच करने वाले सीबीआई अधिकारी एके शर्मा को सौंप दिए गए है। कहने का मतलब अभी तक जिन मामलों की जांच अस्थाना कर रहे थे उनकी जांच अब शर्मा करेंगे।
इस कार्रवाई के बाद उम्मीद की जानी चाहिए कि अस्थाना के नियुक्त किए कई सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ भी गाज गिर सकती है। आगे-आगे देखिये होता है क्या
URL: PM Modi destroying Ahmad Patel’s Gujarati cadre on pretext of Rakesh Asthana.
Keywords: Ahmed Patel, Amit Shah, Rakesh Asthana, Alok Verma, Gujarat cadre, Hasmukh Adhia, Narendra Modi, अहमद पटेल, अमित शाह, राकेश अस्थाना, आलोक वर्मा, गुजरात कैडर, हंसमुख अदिया, नरेंद्र मोदी