आईएसडी नेटवर्क। प्रभास की फिल्म राधे-श्याम को भारत में नहीं सराहा जा रहा है लेकिन रुस में इसे बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। रुस युद्ध के कारण खबरों में बना हुआ है। पता चला है कि वहां की सरकार ने हॉलीवुड की फिल्मों को अपने यहाँ प्रतिबंधित कर दिया है। अब रुस में भारत, चीन, लैटिन और कोरियाई फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
प्रभास की बहुत महंगे बजट से बनी राधे-श्याम को भारत समेत संपूर्ण विश्व से मिश्रित प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई है। लगभग 350 करोड़ के बजट से बनी इस फिल्म ने अब तक 120 करोड़ का कलेक्शन किया है। इसमें विदेश के कलेक्शन को जोड़ दे तो आंकड़ा लगभग 144 करोड़ पर ठहरता है। भारत में इसके कलेक्शन दिन ब दिन गिरते चले जा रहे हैं। ऐसे में रुस की धरती पर राधे-श्याम को पसंद किया जाना आश्चर्यजनक है।
रुस की तीन बड़ी मल्टीप्लेक्स चेन में राधे-श्याम प्रदर्शित की गई थी। यहाँ फिल्म के सभी शो हाउसफुल जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि रुस का सिनेमा बाज़ार चीन के सिनेमा बाज़ार की तरह है। रुस की अपनी फिल्म मेकिंग बहुत कम है। वहां विदेशी फ़िल्में अधिक दिखाई जाती है। युद्ध शुरु होने के बाद यूरोपीय देशों ने रुस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने शुरु कर दिए थे।
बड़े प्रोडक्शन हाउस वार्नर ब्रदर्स ने भी अपनी नई और सफल फिल्म बैटमैन को रुस में प्रदर्शित करने से इंकार कर दिया। इसके बाद रुस ने भी डिज्नी और नेटफ्लिक्स की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया। एम्मी और कॉन्स पुरस्कार समारोहों ने भी रुस को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ऐसे में भारतीय फिल्मों को रुस में अधिक एक्सपोजर मिलता दिखाई दे रहा है।
राधे श्याम ने ओवरसीज में लगभग 24 करोड़ का कलेक्शन किया है। जानकारी के अनुसार रुस में फिल्मों को बड़े चाव से देखा जाता है। यही कारण है कि युद्ध शुरु होते ही रुस में महंगाई अचानक बढ़ गई लेकिन फिल्मों के टिकटों का मूल्य नहीं बढ़ाया गया है। उल्लेखनीय है कि सिनेमा को लेकर भारत और रुस के संबंध राज कपूर के समय से ही मधुर रहे हैं। जल्द ही प्रदर्शित होने जा रही आर आर आर के कुछ दृश्यों की शूटिंग रुस में ही की गई थी।