अर्चना कुमारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी को बेंगलुरु के कैफे विस्फोट मामले में दो मुख्य आरोपियों की तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड मिल गई है।
इन दोनों ने कई राज उगले है जबकि आतंकवादियों को शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के न्यू दीघा स्थित एक लॉज से गिरफ्तार किये जाने के बाद शनिवार को शहर की एक विशेष अदालत में पेश किया गया था।
सूत्रो ने बताया कि आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने एक मार्च के विस्फोट का मामला अपने हाथ में लिया था। बम विस्फोट के इस मामले में लगभग दस लोग बम से घायल हुए थे। दोनों की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब और अदबुल मथीन ताहा के रूप में की गयी है।
शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली का रहने वाला मुसाविर हुसैन शाजिब इस हमले का मास्टरमाइंड है और उसी ने इस धमाके को अंजाम दिया था।
सूत्रो ने बताया, ‘‘मुसाविर हुसैन शाजिब वह आरोपी है जिसने कैफे में आईईडी रखा था और अब्दुल मथीन ताहा विस्फोट की योजना बनाने उसे अंजाम देने और उसके बाद कानून के चंगुल से भागने का मास्टरमाइंड है।’’
एनआईए ने कहा कि देशभर में उनकी एक महीने तक चली तलाश शुक्रवार को खत्म हो गई।
एक अन्य सूत्र ने कहा कि आतंकवादी कई फर्जी नामों के साथ छिपे हुए थे और उनके पास कई फर्जी आधार कार्ड मिले है और न्यू दीघा में पर्यटक रिसॉर्ट के लिए बस से जाने से पहले वे कोलकाता के मध्य भाग में एक होटल में रुके थे।
एनआईए 12 अप्रैल, 2024 की सुबह के समय कोलकाता के पास फरार आरोपियों का पता लगाने में सफल रही, जहां वे झूठी पहचान के तहत छिपे हुए थे। यह खोज एनआईए द्वारा सफलतापूर्वक पूरी की गई।’’
एनआईए को इस काम में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल पुलिस की राज्य पुलिस एजेंसियों के बीच ऊर्जावान समन्वित कार्रवाई और सहयोग मिला।
एनआईए ने कहा, ‘‘उसने आरोपियों की हासिल करने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस से अनुरोध किया था और पुलिस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी, जिससे तलाशी अभियान सफल रहा और दोनों आतंकवादियों को पकड़ लिया गया।