नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र व जम्मू एवं कश्मीर सरकार को कश्मीर घाटी में जल्द हालात सामान्य करने के लिए हर संभव कोशिश करने केलिए कहा है। हालांकि शीर्ष अदालत ने साफ किया है कि देशहित और देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कदम उठाया जाना चाहिए।
चीफ जस्टिस रंजन गोगई की अध्यक्षा वाली पीठ ने अटॉर्नी जनरल केकेवेणुगोपाल से पूछा है कि राज्य में स्थिति सामान्य बनाने केलिए अब तक अथॉरिटी द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं। पीठ ने केंद्र सरकार को हलफनामे के जरिए यह बताने के लिए कहा है कि अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।
कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने पीठ ने कश्मीर घाटी में इंटरनेट और मोबाइल सेवा बंद है। इस पर पीठ ने कहा कि अगर स्थिति यह है तो हाईकोर्ट इन मामले को बेहतर तरीकेसे परीक्षण कर सकता है। वहीं कुछ याचिकाकर्ताओंं ने अस्पताल में चिकित्सा सेवा और परिवहन व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया। हालांकि अटॉर्नी जनरल ने इन दावों को बेबुनियाद बताया। कश्मीर से अन्य अखबार प्रकाशित हो रहे हैं। सरकार की ओर से हर संभव मदद की जा रही है।
इस पर पीठ ने वेणुगोपाल ने कहा, ‘ याचिकाकर्ता सिर्फ एक या दो अखबारों की बात नहीं कह रहे है। इनका कहना है कि सामान्य संचार सेवा भी बंद है। हम जानना चाहते हैं कि क्या वहां पूरी तरह सेवाएं ठप है और हैं तो इसकेपीछे वजह क्या है। .साभार: राजीव सिन्हा, अमर उजाला ब्यूरो