Cambridge Analitica की योजना को भारत बंद के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने पूरी तरह से फलीभूत किया। पूरे देश में यह Fake News प्रसारित किया गया कि भाजपा ने आरक्षण समाप्त कर दिया है, और फिर इसकी आड़ लेकर पूरे देश में आग लगाने की कोशिश की गयी, जिसमें 12 से अधिक लोग मारे गये।
एक अंग्रेजी चैनल ने भारत बंद के दौरान जगह-जगह जाकर प्रदर्शनकारियों से जब यह पूछा कि आप यहां क्यों आए हैं तो दलित समाज के अधिकांश लोगों ने जवाब दिया कि भाजपा ने हमारा आरक्षण समाप्त कर दिया। भाजपा चाह कर भी आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था को समाप्त नहीं कर सकती है, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में समूची जातिवादी विपक्षी पार्टियों ने यह झूठ फैलाया और देश को जला डाला।
उप्र में कांग्रेस की सहयोगी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के नेताओं की तो इस पूरे दंगे में संलिप्तता खुलकर उजागर हुई है। इन पार्टियों के नेता गिरफ्तार भी किये जा चुके हैं। मप्र में बहुजन समाजवादी पार्टी की एक महिला नेता का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह दंगाईयों को भड़काते हुए दिख रही है! और इन सभी के कंधे पर सवार होकर प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब पाले बैठे कांग्रेसी युवराज राहुल गांधी का ट्वीट साफ तौर पर दिखा रहा है कि इस झूठ को सबसे पहले हवा उन्होंने ही दिया है! सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की समझ जिस व्यक्ति को नहीं है, वह प्रधानमंत्री का ख्वाब भारत में ही देख सकता है, क्योंकि उसे पता है कि उसके फेक न्यूज को फेक न्यूज इंडस्ट्रीज यानी मीडिया का सपोर्ट हासिल है।
दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS/BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं।
हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं।
हम उनको सलाम करते हैं।#BharatBandh
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 2, 2018
जांच एजेंसियों ने भी मोदी सरकार को यही फीड दिया है कि देश में आग आरक्षण समाप्त करने का झूठ फैला कर देश भर में उपद्रव मचाया गया है। खासकर मप्र और राजस्थान जैसे राज्यों में जहां इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होना है। इन प्रदेशों में सबसे अधिक लोग मारे गये हैं। राजस्थान में तो जय भीम-कहते हुए दंगाईयों ने एक पुलिसकर्मी को ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। यह साफ तौर पर चुनाव जीतने के लिए कैंब्रिज-कांग्रेस का तरीका है। केंद्र सरकार और भाजपा तत्काल सतर्क हुई और उनकी तरफ से यह स्पष्ट करने की कोशिश की गई है कि आरक्षण को कोई समाप्त नहीं कर सकता है। यह सब केवल एक परिवार को सत्ता दिलाने के लिए रचा जा रहा प्रपंच है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने तत्काल ट्वीट कर राहुल गांधी को एक्सपोज किया
Dear Congress leaders,
During your 58 years of misrule, we the Tribals, Dalits, North-East People, Backward classes all have suffered. You insulted & defeated Dr BR Ambedkar. You divided India for the sake of power to one family. Now you want to divide India on caste lines?
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) April 4, 2018
तो दूसरी तरफ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट के जरिए अपनी पार्टी का पूरा स्टैंड साफ किया है।
अनेक दल जो दलित समुदाय को वोट बैंक समझते रहे हैं,वह समय-समय पर सामूहिक रूप से आरक्षण के बारे में भ्रामक प्रचार प्रारंभ कर देते है किन्तु भाजपा अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को विश्वास दिलाती है कि भाजपा के होते हुए कोई भी राजनीतिक दल या विचार उनके हकों को प्रभावित नहीं कर पायेगा pic.twitter.com/zBoBupaLZn
— Amit Shah (@AmitShah) April 3, 2018
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