अर्चना कुमारी। पप्पू यादव बिहार का नेता है और लालू यादव कि तरह MY फार्मूला को अपनाते हैं । एम मतलब मुस्लिम और वाई मतलब यादव। लेकिन इस ठगी के धंधे में एमवाई समीकरण तार-तार हो गया।
जबकि राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस की सांसद है लेकिन पप्पू यादव के पार्टी का एक राज्य सचिव ठगी का आरोप में अपने दोस्त के साथ पकड़ा गया है । दिल्ली पुलिस सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट साइबर थाना पुलिस ने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी के राज्य सचिव और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया है ।
आरोपी की पहचान दिनेश कुमार यादव (39) और प्रवीन कुमार (38) के रूप में हुई है। आरोपी दिनेश ने वर्ष 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मधुबनी के हरलखी से चुनाव लड़ा था और वह पप्पू यादव के पार्टी का नेता है। आरोपी विदेश जाने वाले लोगों को सपने दिखाकर उनके साथ ठगी कर रहे थे। पुलिस का दावा है कि इन लोगों ने देशभर के 500 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। इनके बैंक खातों में कुछ ही दिनों के भीतर दो करोड़ से अधिक की रकम का लेन-देन हुआ है।
आरोपियों के पास से एक लाख कैश, ढाई लाख बैंक खाते में, छह मोबाइल, छह सिमकार्ड, एक लैपटॉप और 16 डेबिट कार्ड व भारी मात्रा में दस्तावेज बरामद किए गए हैं और आरोपियों के ठगी की रकम से करोड़ों की जमीन की खरीदने का पता चला । पिछले दिनों मध्य जिला के साइबर थाने में 17.60 लाख रुपये ठगी की शिकायत आई थी। पीड़ित मोहम्मद असकर ने बताया कि उसका दोस्त शीजू पोलैंड में है। उसे भारत से कुछ लोगों को काम के लिए बुलाना था।
असकर ने 30 लड़कों का इंतजाम कर शीजू को सूचना दी। असकर ने फेसबुक पर आर्यन ट्रैवल्स’ का विज्ञापन देखा जो वीएफएस ग्लोबल’ से जुड़ी थी। वीएफएस, विश्व स्तर पर विदेश में जाने वाले अभ्याथियों की तलाश कर उनको वीजा दिलवाती है। असकर ने फेसबुक पेज पर दिए गए नंबर से संपर्क किया। असकर ने कहा कि वह उनकी कंपनी को लड़के उपलब्ध करा देगा। इसके बाद उसने दिए गए बैंक खाते में 17.60 लाख रुपये ऑन लाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद लड़कों के पास वीजा के साथ नियुक्ति पत्र मेल पर आ गए।
सभी दिए गए पते पर पहुंचे तो पता चला सभी नियुक्ति पत्र फर्जी हैं। असकर की शिकायत पर साइबर थाने ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। छानबीन के दौरान पता चला कि रुपये ट्रांसफर होकर बिहार के अलग-अलग बैंकों में गए हैं। आरोपी दिनेश और उसके सहयोगी प्रवीन कुमार को गिरफ्तार कर दिया। पूछताछ के दौरान दोनों ने ठगी की बात स्वीकार की। आरोपी प्रवीन ने बताया कि वह मलेशिया जाकर काम कर चुका है। उसे वीजा लगवाने से लेकर उसको लेकर होने वाली दिक्कतों का पता था। वह पूरी प्रक्रिया को भी जानता था।
प्रवीन ने दिनेश के साथ मिलकर ठगी की योजना बनाई।आरोपी दिनेश ने बताया कि उसको लगता था कि बिहार में राजनीतिक पहुंच होने के कारण उस तक कोई नहीं पहुंच सकता था। इसलिए वह बड़े आराम से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था। इसने ठगी की रकम से मधुबनी और दूसरी जगहों पर करोड़ों की जमीन खरीद ली थी।