वे नायक नहीं है और न उनके अंदर कोई नायकत्व वाले गुण ही हैं।
भारत में मीडिया ‘प्रहरी’ नहीं ‘विलेन’ बनकर उभर रहा है।
भारत में मीडिया ‘प्रहरी’ नहीं ‘विलेन’ बनकर उभर रहा है।
अस्पताल लाए जाने से पहले ही सिद्धार्थ की मौत हो चुकी थी।
दिल का दौरा पड़ने के बाद उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई।