Archana Kumari. एशिया की सर्वाधिक सुरक्षित जेल माने जाने वाले तिहाड़ से आतंक फैलाने का गोरखधंधा चलाया जा रहा है और हैरानी की बात तो यह है कि इसकी कानो कान खबर सुरक्षा एजेंसियों को नहीं है लेकिन अब इसका खुलासा होते ही सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर तिहाड़ जेल और इसमें बंद कैदी आ गए हैं ।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि इजराइली एंबेसी ब्लास्ट और उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास विस्फोटक लदी गाड़ी मिलने के तार तिहाड़ से जुड़े है क्योंकि इसकी साजिश जेल में ही रची गई थी।
जिस जेल में यह साजिश रची गई उस जेल में इंडियन मुजाहिदीन का आतंकवादी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू रहता है। मूल तौर पर बिहार के रहने वाला यह खूंखार आतंकी पर ही जैश उल हिंद नामक संगठन बनाए जाने का शक है । फिलहाल इस बाबत पूछताछ जारी है ।
पुलिस सूत्रों का कहना है दोनों मामले इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि दोनों ही मामलों में साजिश तिहाड़ जेल से रची गई और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम तिहाड़ में दोनों ही मामलों में सुराग तलाशने में जुटी हुई है।
यह भी छानबीन में पता चला है कि कारोबारी मुकेश अंबानी के आवास के पास एक एसयूवी में विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी लेने का दावा करने वाले जैश-उल-हिंद संगठन का ‘टेलीग्राम’ चैनल दिल्ली के तिहाड़ इलाके में बनाया गया जबकि इजराइली एंबेसी के पास हुए ब्लास्ट की साजिश भी यही रची गई थी।
स्पेशल सेल के अधिकारियों के मुताबिक इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी तहसीन अख्तर से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है जबकि यह मोबाइल फ़ोन स्पेशल सेल ने तिहाड़ में सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद किया।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि तहसीन अख्तर तिहाड़ की जेल नंबर 8 में बंद है और यह खूंखार आतंकी वह आरोपी है जिस पर पटना में गांधी मैदान में पीएम मोदी की रैली में धमाके किए जाने के अलावा हैदराबाद और बोधगया में धमाकों का आरोप है।
यह भी पता चला है कि तहसीन अख्तर के पास बरामद मोबाइल पर ही टेलीग्राम चैनल एक्टिवेट किया गया था जबकि टोर ब्राउजर के जरिये डार्क नेट पर वर्चुअल नम्बर क्रिएट किया गया फिर उसी से एंटीलिया के पास पास बरामद विस्फोटक के बाद धमकी भरा पोस्ट तैयार किया गया। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि तिहाड़ जेल से 2 नंबर एक्टिवेट हुए थे, जो फर्जी आईडी पर लिए गए, अब दूसरे मोबाइल नंबर की भी तलाश की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि इजराइली एंबेसी ब्लास्ट की जांच के दौरान पता चला था कि टेलीग्राम पर भेजे गए मैसेज के तार तिहाड़ जेल से जुड़े हुए थे जबकि एंटीलिया के पास स्कॉर्पियो में जो 20 जिलेटिन की छड़ें बरामद हुई थी, उसकेेेे बाद मिली धमकी में भी आतंकी तहसीन का हाथ हो सकता है।
तिहाड़ जेल में बैठे आतंकी तहसीन अख्तर ने ही दोनों वारदातों की साजिश रची और टेलीग्राम पर भी वहीं से दोनों मामलों में जैश-उल-हिंद के नाम से जिम्मेदारी संबंधित मैसेज सोशल मीडिया ऐप टेलीग्राम पर भेजी गई।
आपको बता दें कि जैश-उल-हिंद का नाम भी इस मामले में सामने आया था। इस संगठन ने दूसरे दिन टेलीग्राम एप्प के जरिये इस मामले की जिम्मेदारी ली थी और बाद में मुकर गया था।
सनद रहे कि विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो मिलने के बाद जांच टीम ने उसको अपने कब्जे में ले लिया था और स्कॉर्पियो फॉरेंसिक जांच की गई थी। जांच में पता चला था कि स्कार्पियो के चेचिस नंबर और इंजन नंबर को ग्राइंडर से मिटाने की कोशिश की गई थी।
इस बीच मुंबई पुलिस कार का चेचिस नंबर और इंजन नंबर हासिल कर, कार मालिक की भी पहचान कर ली गई थी। जिनकी कुछ दिन पहले हत्या कर उनकी लाश को मुंब्रा की खाड़ी में फेंक दिया गया था।
डीसीपी प्रमोद कुशवाहा का कहना है कि टेक्निकल सर्विलांस की मदद से उनकी टीम को तिहाड़ जेल से संदिग्ध गतिविधि में लिप्त एक मोबाइल के बारे में जानकारी मिली थी ।
उन्होंने तलाशी अभियान चलाया और एक मोबाइल जब्त किया । यह मोबाइल जहां से बरामद हुआ है, वहां पर सजा पा चुके आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू बंद हैं।
स्पेशल सेल का मानना है कि इजरायल एंबेसी के बाहर धमाका और कारोबारी मुकेश अंबानी के आवास के समीप मिले विस्फोटक सामग्री रखने की जिम्मेदारी इसी मोबाइल के टेलीग्राम एप से की गई थी।
तिहाड़ जेल से जल्द ही इस मोबाइल को उन्हें सौंपा जाएगा जिसके बाद इसकी फॉरेंसिक जांच की जाएगी। इससे काफी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आएंगी। गौरतलब हो कि तहसीन अख्तर समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत मनियारी गांव का रहने वाला है जबकि तहसीन के दादा मोहम्मद जहरुल हक सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक है।
उसके पिता वसीम अख्तर अपने भाईयों में सबसे बड़े हैं जबकि तहसीन उनके तीन पुत्रों में सबसे बड़ा है। तहसीन ने अपने गांव मनियारी स्थित हाई स्कूल से मैट्रिक किया था और वह इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी के लिए दरभंगा गया था जहां वह यासीन भटकल के संपर्क में आया तथा इंडियन मुजाहिदीन का सक्रिय सदस्य बना।
करीब 7 साल पहले यासीन भटकल को नेपाल से गिरफ्तार किया गया था उसके बाद तहसीन को नेपाल सीमा पर ककारवित्ता से गिरफ्तार किया गया था। जब वह काठमांडू से भारत लौट रहा था। बम बनाने में विशेषज्ञ और आईएम के खूंखार आतंकी तहसीन अख्तर यासीन भटकल के बाद आईएम के सरगना के तौर पर काम कर रहा था।
तहसीन को प्रतिबंधित संगठन के दरभंगा मॉड्यूल से जुड़ा होना बताया जाता है जबकि उसके चाचा बिहार में जदयू के नेता थे लेकिन उन्होंने उससे किसी रिश्ता होने से इनकार किया था।