अर्चना कुमारी । यह घिनौना कार्य कोई कसाई ही कर सकता है कि एक लड़की को पहले प्यार की जाल में फंसा ले और फिर उसके टुकड़े टुकड़े करके फेंक दे। हैवानियत को दर्शाता यह घटना हुई राजधानी दिल्ली के महरौली इलाके में जहां पर 26 साल की श्रद्धा की हत्या के बाद आरोपी ने न केवल उसकी हत्या की, बल्कि शव के कई टुकडे़े किए, उन्हें फ्रिज में रखा और फिर धीरे-धीरे करके शव को ठिकाने लगाता रहा।
हिंदू संगठनों के द्वारा बार-बार हिंदू लड़कियों को मुसलमानों के चक्कर में ना पड़ने की अपील की जाती है लेकिन इसके बावजूद हिंदू लड़कियां मुस्लिम लड़कों के प्यार के जाल में फंस जाती है। घटना के बारे में दक्षिण जिला पुलिस ने खुलासा किया है कि आफताब और उसकी प्रेमिका श्रद्धा एक दूसरे से प्रेम करते थे लेकिन आरोपी श्रद्धा को नहीं चाहता था और कुछ ही दिनों बाद वह नफरत करने लगा था । दोनों एक दूसरे को तकरीबन 2 सालों से जानते थे। दोनों की मुलाकात मुंबई में हुई थी। बताया जाता है कि धीरे-धीरे दोनों के बीच प्यार होने लगा और फिर दोनों रिलेशनशिप में दिल्ली आकर रहने लगे थे।
26 साल की श्रद्धा वाकर मुंबई के मलाड इलाके में स्थित मल्टीनेशनल कंपनी के काल सेंटर में काम करती थीं। आफताब भी यहीं पर काम करता था। बताया जाता है कि दोनों के परिवारों को जब रिश्ते के बारे में पता चला तो श्रद्धा का परिवार इसके लिए तैयार नहीं था। एक बड़ी वजह थी कि आफताब मुस्लिम लड़का था और श्रद्धा हिंदू। लेकिन दोनों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था और खासकर श्रद्धा ने इसका विरोध जताते हुए अफताब के साथ दिल्ली आ गई थी। पहले दोनों कुछ दिन दोनों हरिद्वार, हिमाचल से लेकर कई जगहों पर घूमते रहे, लेकिन दिल्ली के महरौली इलाके में आकर बस गए।
महरौली में आते ही दोनों के बीच शुरू हुआ असली ड्रामा। लव जिहाद की शिकार हुई श्रद्धा को आफताब ने मारना पीटना शुरू कर दिया और बताया जाता है कि दोनों की छोटी-छोटी बातों पर अक्सर लड़ाई होती रहती थी। मई महीने में तो दोनों की लड़ाई हुई। आखिरकार इस बात से गुस्साएं आफताब ने उसे मारने की प्लानिंग ही रच डाली। मौका पाकर उसने श्रद्धा की गला दबा दिया। जिससे उसकी मौत हो गई और इसके बाद उसे डर था कि किसी तरह बाडी को यहां से हटा दे। इसलिए उसने कसाई की तरह चौपड़ से श्रद्धा की लाश को टुकड़े-टुकड़े कर दिए फिर लाश को फ्रिज में रख कर महरौली के जंगलों में फेंकना शुरू कर दिया।
हत्या के बाद उसने रूम फ्रेशनर का इस्तेमाल किया। साथ साथ कुछ टुकड़े एक बैग में रख लिए और बाकी टुकड़ों को अच्छे से धो कर फ्रिज में रख दिया ताकि बदबू न आए। शरीर के टुकड़ों को आरोपी ने पालीथीन में रखा था। आरोपी उसी फ्रिज से रोजाना पानी, दूध और अन्य चीजों को सेवन करता था।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने महरौली के जंगलों में ज्यादातर टुकड़े फेंके। उसने लाश के 35 से 40 टुकड़े किए। हाथ, पैर के कई टुकड़े किए। वो मौके देख कर घर से निकलता था और शरीर के टुकडे़ जंगल में और दूसरी जगहों पर फेंक कर आता था। जुलाई के अंत तक शरीर के सारे टुकड़ों को ठिकाने लगाने के बाद उसने कमरा बदल लिया था। अब वो दूसरी जगह पर रहने लगा था। अपने बेटी की हत्या से बेखबर श्रद्धा की अपने परिवार वालों से बात नहीं होती थी, लेकिन फिर भी उसके परिवार वाले को उसके बारे में सोशल मीडिया से अपटेड मिलता रहता था। लेकिन दो-तीन महीनों से ऐसा नहीं हो रहा था।
लिहाजा उसके श्रद्धा के पिता को शक हुआ। उन्हें ये तो पता था कि श्रद्धा दिल्ली में महरौली में रह रही है, लेकिन उन्हें उसके घर का पता नहीं मालूम था। काफी मशक्कत के बाद श्रद्धा के पिता विकास मदान वाकर ने घर का पता खोज निकाला, लेकिन महरौली के फ्लैट पर ताला लगा था। उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी और इसके बाद मामले का खुलासा हुआ और आरोपी आफताब को गिरफ्तार कर लिया गया