अर्चना कुमारी । अंजलि मौत मामले को लेकर दिल्ली पुलिस को अदालत ने फटकार लगाई है। अदालत का कहना था कि इस मामले को लेकर अब तक पुलिस सारे सीसीटीवी फुटेज को क्यों नहीं सबूत के तौर पर जमा किए हैं और इसके अलावा जांच के लेकर हो रही लापरवाही पर भी अदालत ने दिल्ली पुलिस की जमकर क्लास ली। दिल्ली पुलिस ने आज कोर्ट को बताया कि कंझावला एक्सीडेंट के 2 मिनट बाद ही 2 लोग कार से उतरते हैं, नीचे देखते हैं।
उन्हें मालूम पड़ जाता है कि लड़की नीचे है। वे फिर भी गाड़ी भगाते हैं और लड़की मर जाती है। फिर किसके दबाव मे जानबूझकर किए गए इस मर्डर को एक्सीडेंट का नाम दिया जा रहा है?इस बीच कार से घसीट कर मारी गई अंजलि के घर में चोरी हो गई और चोर एलसीडी टीवी तथा कुछ अन्य सामान चुरा कर ले गए। कंझावला कांड में जान गंवाने वाली अंजलि के घर पर चोरी को लेकर उनके परिजन बोले निधि और पुलिस की साजिश लगता है।
परिवार को निधि और बाकी आरोपियों पर आशंका है ,ये चोरी जान बूझ कर की गई है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कल तक अंजलि के घर पर पुलिस तैनात रहती थी लेकिन रविवार को अचानक पुलिस कहां चली गई है यह दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को पता नहीं। पुलिस सूत्रों का दावा है कि अंजली का घर अमन विहार स्थित करण विहार में है और रविवार को चोरी की घटना को अंजाम दिया गया।
पुलिस सूत्रों का कहना है सोमवार सुबह करीब 8.30 बजे दिल्ली के करण विहार स्थित थाना अमन विहार में घर में चोरी की घटना की सूचना मिली और इस जानकारी के बाद थाने अमन विहार की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और दरवाजे का कुंडा टूटा हुआ पाया। मौके पर क्राइम टीम को बुलाया गया और सीन ऑफ क्राइम का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया। शिकायतकर्ता श्रीमती कांता पत्नी रेवाड़ी प्रसाद के बयान के अनुसार, एक एलईडी टीवी, कुछ कपड़े और बर्तन चोरी हो गए हैं।
मामले में प्राथमिकी संख्या 10/23 दिनांक 09/01/2023 यू/एस 457/380 आईपीसी के तहत पीएस अमन विहार में मामला दर्ज किया गया है और जांच चल रही है। लेकिन चोरी किसने की और इसका मकसद क्या था, यह पुलिस को अभी ज्ञात नहीं हो पाया है। इस बीच बताया जा रहा है अंजली की माँ अस्पताल मे है और बहन ननिहाल मे गई थी तथा अंजली के घर पर कोई नहीं था। बताया जाता है कि इसी का फायदा उठाकर चोरो ने घर मे हाथ साफ कर दिया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि सुल्तानपुरी मामले में हादसे की शिकार अंजली की मां इलाज के बाद सोमवार को अपने घर पहुंची। अंजलि की मां और परिवार के लोगों ने दिल्ली पुलिस पर कई सवाल खड़े किए। परिवार का कहना है कि अब खुद आरोपी भी मान चुके हैं कि उन्हें पता था कि उनकी कार के नीचे लड़की है उसके बावजूद भी कार को नहीं रोका। इसमें हत्या का मुकदमा 302 का मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया जा रहा।
रविवार तक 302 का मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस ने परिवार से समय मांगा था आज वह समय सीमा समाप्त हो चुकी है और सोमवार है इसलिए परिवार के लोग सुल्तानपुरी थाने में भी पहुंचेंगे और 302 का मुकदमा दर्ज करने की मांग करेंगे। उन लोगों ने पुलिस प्रशासन पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है और बताया है कि पुलिस आरोपियों को बचाने का काम कर रही है तथा राज से पर्दा उठाने नहीं चाहती है।
परिवार के लोगों ने बताया कि दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया खुद आर्थिक मदद का आश्वासन देकर गए थे। कोई भी मदद अभी इलाज के दौरान भी अंजली की मां को दिल्ली सरकार की तरफ से नहीं मिली। बताया जाता है कि केस के पांचों मुख्य आरोपियों को सोमवार को रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया जहां से सभी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पिछली सुनवाई में कोर्ट को जांच अधिकारी ने जानकारी दी थी कि आरोपियों ने जिस रूट पर अंजलि को करीब 13 किलोमीटर घसीटा था, उस रूट पर ले जाकर जांच करनी है और बताया जाता है कि जांच अधिकारी ने कोर्ट को ये भी बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पुलिस को गलत जानकारी दी थी कि कार दीपक नहीं अमित चला रहा था क्योंकि अमित के पास लाइसेंस नहीं था। पुलिस सूत्रों का दावा है कि पुलिस रिमांड में सभी आरोपियों ने अपने गुनाह को कबूल कर लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि एक्सीडेंट के बाद अंजलि गाड़ी के नीचे फंस गई थी बावजूद इसके ना तो आरोपियों ने गाड़ी रोकी, बल्कि कई किलोमीटर तक उसको गाड़ी के नीचे घसीटते ही रहे। बताया जाता है कि अदालत में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि अब उन्हें आरोपियों की पुलिस रिमांड नहीं चाहिए और दिल्ली पुलिस नेआरोपियों को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की।
दिल्ली पुलिस का कहना था कि आशुतोष की भूमिका अलग है ,वो उस शख्स का हैंडलर है जिसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। अदालत को पुलिस ने बताया कि रूट बड़ा था ,हमने रूट के 6 सीसीटीवी फुटेज लिए हैं
आरोपी दुर्घटना के बाद 2 मिनट आगे जाकर उतरे और उन्होंने देखा कि गाड़ी में कोई फंसा हुआ है, दोनों की पहचान हो गई थी, पेट्रोल पंप का सीसीटीवी मिला है, बाकी में गाड़ी जाते हुए दिखाई दे रही है हमने पूरी टाइम लाइन बना ली है आरोपियों को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की है,एक और गवाह मिला है, फेस रिकॉगनिजेशन के जरिए सीसीटीवी से चेहरे की पहचान कर रहे हैं और साजिश का पता कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस का दावा था कि अब तक कुल 20 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं गवाह के तौर पर और जांच जारी है। आशुतोष की जमानत पर कल सुनवाई होगी