अर्चना कुमारी नई दिल्ली। पटियाला में दंगे करने के आरोप में कुछ लोगों को पकड़ा गया है जबकि दिल्ली में यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने पटियाला के काली माता मंदिर का अनादर करते हुए तलवार और लाठियों और पत्थरों से लैस करीब 2000 खालिस्तान समर्थकों द्वारा हमला करने और पंजाब सरकार द्वारा दोषियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करने के विरोध में शाहदरा चौक पर रोष प्रदर्शन किया तथा अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और आतंकी सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू के पुतले फूंके।
इस अवसर पर फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं राष्ट्रवादी शिव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा कि पटियाला में हिंदुओं और खालिस्तान समर्थकों के बीच घटना के 2 दिन बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात में जाकर अपनी चुप्पी तोड़ रहे हैं।
केजरीवाल और भगवंत मान दोनों को पूरे देश में अपनी पार्टी खड़ी करने की पड़ी है और दोनों कभी हिमाचल और कभी गुजरात के दौरे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पटियाला की घटना पंजाब सरकार की प्रशासनिक नाकामी और लापरवाही का नतीजा है।
आनन-फानन में कुछ पुलिस वालों पर कार्रवाई का ठीकरा फोड़कर पंजाब सरकार ने वाहवाही लूटने का प्रयास किया लेकिन असली दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने से पंजाब सरकार आज भी बच रही है।
पटियाला की घटना वास्तव में घृणा की राजनीति का परिणाम है जो पिछले कुछ वर्षों से आप दिल्ली में करती रही है और अब पंजाब में करने लगी है। खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकालने वाले हिंदू नेता को तो तुरंत राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया
लेकिन आतंकी सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू के निर्देशों का पालन करते हुए 29 अप्रैल को खालिस्तान दिवस मनाने का प्रयास करने वाले खालिस्तान समर्थकों ,जिन्होंने घटनास्थल से 3 किलोमीटर दूर काली माता मंदिर पर जानबूझकर तलवारों, लाठियों और पत्थरों से हमला कर दिया, उन्हें यूं ही छोड़ दिया गया।
मंदिर पर हमला करने वाले दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई ?, यह प्रश्न आज पंजाब के हर हिंदू के मस्तिष्क में घूम रहा है।
जय भगवान गोयल ने कहा कि जब तक काली माता मंदिर की बेअदबी करने और हमला करने वालों के विरुद्ध पंजाब सरकार कड़ी कार्रवाई नहीं करती तब तक वह दिल्ली और पंजाब में अपना संघर्ष जारी रखेंगे।