अर्चना कुमारी नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में मंगलवार को मुठभेड़ में 29 नक्सलियों के मारे जाने के बाद पुलिस ने दावा किया है कि इससे माओवादियों की उत्तर बस्तर ‘डिवीजन कमेटी’ को बड़ा झटका लगा है।
यह कमेटी क्षेत्र में अवैध लेवी वसूलने और संगठन के आपूर्ति नेटवर्क को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी। कांकेर जिले के छोटेबेठिया थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मार गिराया था।
पिछले तीन दशकों से अधिक समय से इस समस्या से जूझ रहे छत्तीसगढ में यह पहली बार है कि जब सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों को मार गिराया है।
पुलिस ने बताया कि मारे गए दो नक्सलियों की पहचान शंकर राव और ललिता के रूप में की गई है। दोनों ‘डिविजनल कमेटी’ सदस्य थे और उनके सिर पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था।
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि यह मुठभेड़ कांकेर, नारायणपुर (छत्तीसगढ में) और गढचिरौली (महाराष्ट्र से सटे) के त्रिकोणीय स्थान पर हुई है। उनके अनुसार इस जगह को माओवादियों की उत्तर बस्तर ‘डिवीजन कमेटी’ के लिए सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है।
उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी में लगभग 70 से 80 नक्सली हैं, जिसमें माओवादियों की चार क्षेत्र समितियां हैं रावघाट, परतापुर, कुवे और किसकोड़ो शामिल हैं। माओवादियों की अलग-अलग डिवीजन समितियां अलग-अलग काम संभालती हैं।
उनका कहना है कि उत्तर बस्तर ‘डिवीजन समिति’ अवैध लेवी वसूली और रसद आपूर्ति नेटवर्क संभालती है। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, ‘ मुठभेड़ ने उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी को भारी झटका पहुंचाया है। इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, हम सही दिशा में जा रहे हैं।