शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज अपनी शिष्य मंडली के साथ भारत के तीर्थ स्थलों पर जगह जगह सनातन धर्म और सनातन धर्म के अनुयायियों की रक्षा और सनातन धर्म के शत्रुओ के समूल विनाश के लिए माँ बगलामुखी और महादेव के यज्ञ कर रहे हैं।
आज भी दो तीर्थो में माँ बगलामुखी और महादेव महायज्ञ की पूर्णाहुति सम्पन्न हुई। हिमाचल प्रदेश के चामुंडा तीर्थ में स्वयं महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने अपने शिष्य यति सत्यदेवानंद जी महाराज, बालयोगी ज्ञाननाथ जी महाराज व सुप्रसिद्ध हिंदूवादी विचारक विनोद सर्वोदय जी के साथ पूर्णाहुति सम्पन्न करवाई जबकि गाज़ियाबाद के दिल्ली गेट स्थित प्राचीन देवी मंदिर में उनके शिष्य यति रणसिंहानंद जी महाराज व सनोज शास्त्री जी ने पूर्णाहुति सम्पन्न करवाई।
चामुंडा तीर्थ में पूर्णाहुति के अवसर पर माँ बगलामुखी की शक्तियों के विषय मे बताते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि भक्तगणों के लिये माँ बगलामुखी व महादेव का यह महायज्ञ कल्प वृक्ष के समान है जो उनकी सभी सात्विक मनोकामनाओ की पूर्ति करने में सक्षम है।सनातन धर्म मे माँ बगलामुखी को श्री,विजय और सद्बुद्धि की देवी माना जाता है। महादेव के साथ इनकी साधना से मनुष्य अपने हर तरह के शत्रुओं को पराजित करने योग्य बनता है और सद्बुद्धि, ऐश्वर्य,शक्ति और दीर्घायु सहित विजय को प्राप्त करता है।
भगवान परशुराम इस पृथ्वी पर पहले साधक थे जिन्होंने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना करके अलौकिक शक्तियां प्राप्त की।भगवान परशुराम ने माँ बगलामुखी साधना का रहस्य भगवान श्रीराम,योगेश्वर श्रीकृष्ण सहित अपने पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण व दानवीर कर्ण जैसे महान योद्धाओ को बताया।महापराक्रमी इंद्रजीत मेघनाथ सहित दशानन रावण और कुम्भकर्ण भी माँ बगलामुखी और महादेव के ही उपासक थे।सतयुग से लेकर कलयुग तक सभी सनातन धर्म के प्रमुख योद्धाओ ने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना और भक्ति से ही स्वयम को महान बनाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि आज सनातन धर्म जिस तरह के संकट का सामना कर रहा है,उस संकट को आध्यात्मिक ऊर्जा के बिना समाप्त नहीं किया जा सकेगा।आज सनातन धर्म के मानने वालों को ऐसी ऊर्जा माँ बगलामुखी और महादेव की साधना से ही मिल सकती है।
इस अवसर पर अखिल भारतीय संत परिषद के पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के प्रभारी यति सत्यदेवानंद जी महाराज ने कहा कि सभी हिन्दुओ को अपने हर तरह के व्यक्तिगत, जातिगत,संस्थागत, दलगत तथा राजनैतिक स्वार्थों और मतभेदों को भुलाकर महायज्ञ अभियान में सम्मिलित होना चाहिये।हम सभी को समझना ही पड़ेगा कि सनातन धर्म की रक्षा से ही मानवता की रक्षा होगी और मानवता की रक्षा से ही हम सबका अस्तित्व बचेगा। उन्होंने सभी हिन्दुओ से इस महान अभियान में तन,मन और धन से साथ देने और सहयोग करने का आह्वान किया।