दिल्ली से बल्लभगढ की दूरी महज (53km) है जबकि हाथरस( 201km) पर स्थित है लेकिन हाथरस पर विधवा विलाप करने वाले भाई-बहन (राहुल गांधी और प्रियंका ) की जोड़ी अब तक बल्लभगढ़ नहीं पहुंचे हैं । हाथरस में जहां पूरा मामला जांच के घेरे में है वही बल्लभगढ़ में मुस्लिम युवक ने एक हिंदू लड़की को जबरन शादी के लिए धर्म परिवर्तन नहीं किए जाने पर नाराज होकर गोली मार कर हत्या कर दी लेकिन इसके बावजूद मौके पर ना तो भाई-बहन की जोड़ी पहुंची और ना ही वह नेता जो खुद को अखिलेश यादव और चंद्रशेखर रावण बताता है ।
बल्लभगढ़ पर चुप्पी सामने वाले कथित राजनेता हाथरस में तो राजनीतिक रोटी सेक रहे थे लेकिन इस मसले पर चुप इस वजह से हैं क्योंकि आरोपी मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखता है और वहां पहुंचने से उनके वोट बैंक के खिसकने का खतरा है। इस बीच आरोपियों के एनकाउंटर और फांसी दिए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। इस लोमहर्षक घटना को लेकर पूरे देश में रोष फैल रहा है और लोग जगह-जगह जमा होकर मुस्लिम दोनों हत्यारे को एनकाउंटर से लेकर फांसी दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
निकिता के भाई प्रवीण का साफ कहना है कि हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द हमारी बहन को न्याय मिले। दोषियों को फांसी हो या उनका एनकाउंटर किया जाए। आखिर पुलिस किस बात का इंतजार कर रही है जब सीसीटीवी में सबकुछ साफ दिखाई दे रहा है। इस बीच बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत भी खुलकर निकिता के पक्ष में आ गई है और वह ने अपने ट्वीट में कहती है कि #WeWantEncounterofTaufeeq (हम तौसीफ का एनकाउंटर चाहते हैं)। कंगना ने ट्वीट में लिखा था,’हिंदुओं की जिंदगी मायने नहीं रखती, पश्चिमी देश द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 5-6 मिलियन यहूदियों के नरसंहार पर आज भी फिल्में बना रहे हैं।इसलिए यह घटना दोबारा नहीं हुई। हमें नहीं पता कि सैकड़ों वर्ष की गुलामी में कितने हिंदुओं का नरसंहार हुआ।
यह आंकड़ा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यहूदियों के नरसंहार से 100 गुना भी हो सकता है। इस बीच निकिता हत्याकांड में एसआईटी की जांच चारी है और पुलिस टीम ने आरोपियों से गन पाउडर, तमंचा और वारदात में प्रयोग कार बरामद कर ली है। इसके अलावा टीम ने आरोपियों के मोबाइल भी कब्जे में ले लिए हैं। SIT को लीड एसीपी क्राइम अनिल कुमार कर रहे हैं।बुधवार को SIT टीम मृतका के घर जाकर पिता मूलचंद तोमर से मुलाकात की और जांच की जानकारी दी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों हत्या आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर उनकी कॉल डिटेल खंगाली जा रही है जबकि एसआईटी निकिता के मोबाइल की भी जांच कर सकती है।SIT टीम ये जानने का प्रयास करेगी कि हत्यारोपी ने साल 2018 के बाद कभी निकिता से बातचीत की थी या नहीं हालांकि परिवार के लोग आरोपी से बेटी की बातचीत होने से इंकार कर रहे हैं । पुलिस का कहना है कि आरोपियों के हाथ पर लगा गन पाउडर मिल गया है और फॉरेंसिक लैब में इस पाउडर का मिलान उस हथियार से कराया जाएगा, जिससे आरोपी ने निकिता की हत्या की थी दूसरी ओर पोस्टमार्टम के दौरान निकिता के शरीर से निकली गोली भी पुलिस ने कब्जे ले लिया है। उधर ,इस घटना को लेकर हरियाणा में राजनीतिक गहमागहमी अचानक बढ़ गई है।
गृह मंत्री अनिल विज ने कड़े शब्दों में कहा है कि उनकी सरकार हरियाणा में गुंडाराज नहीं चलने देगी और ना ही बेटियों को सिसकने देगी। उन्होंने कहा इस हत्याकांड की जांच के लिए SIT गठित कर दी है और ये आदेश दे दिए हैं कि मामले में न सिर्फ इस हत्याकांड , बल्कि 2018 से इस मामले की जांच की जाए । जब बेटी के परिवार ने अपहरण की शिकायत देकर वापस ले ली थी।अनिल विज ने मामले की जांच लव जिहाद के एंगल से भी करने की बात कही और उन्होंने साफ कर दिया कि ऐसी घटनाएं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी ।
हरियाणा सरकार के इस कदम से आरोपियों से संबंधित कांग्रेसी नेताओं की मुश्किलें बढ़ना तय है, क्योंकि गृह मंत्री को इस बात का अंदेशा है कि 2018 में भी कांग्रेसियों ने दबाव बनाकर ही परिवार से शिकायत वापिस लेने का एफिडेविट दिलवाया होगा। हरियाणा के फरीदाबाद में छात्रा की हत्या के बाद प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं । इस बीच हरियाणा के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने दावा किया है कि लव जिहाद इस समय हिंदुस्तान में बड़ा चिंताजनक षड्यंत्र चल रहा है। उन्होंने कहा है कि हिंदू इस समय लव जिहाद बात से बहुत ताकत से संघर्ष कर रहा है। जबकि इस घटना को लेकर पूरे देश में रोष का माहौल है ।
उधर, कोई इसे पुलिस की चूक बता रहा है तो कोई उस कॉलेज की लापरवाही जहां निकिता पढ़ा करती थी। जांच में साफ हुआ है कि निकिता अग्रवाल कॉलेज में पढ़ती थी और उस दिन भी परीक्षा देकर घर लौट रही थी। ऐसे में सवाल अग्रवाल कॉलेज पर भी उठ रहे हैं और अग्रवाल कॉलेज में छात्राओं की सुरक्षा नहीं होने पर वहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में गुस्सा है। यही वजह है कि छात्राओं ने कॉलेज के बाहर बुधवार को प्रदर्शन कर गुस्सा जाहिर किया। इस प्रदर्शन में निकिता के साथ पढ़ने वाले कई छात्र भी शामिल हुए।
निकिता के कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा का कहना था कि निकिता पढ़ने में बहुत अच्छी थी और वह स्कूल और कॉलेज की टॉपर थी। उसने बताया अगर स्कूल के बाहर पीसीआर होती तो आज निकिता जिंदा होती अब जबकि निकिता जिंदा नहीं है तब इस हत्याकांड के बाद कॉलेज प्रशासन जागा है और इस वारदात के बाद अब कॉलेज के बाहर कैमरे लगाए गए हैं।
निकिता के साथ पढ़ने वाली एक और छात्रा का कहना है निकिता सीधी लड़की थी और वह बड़े होकर अफसर बनना चाहती थी। उसने कहा कि इससे पहले कई बार लड़कियों के साथ गेट के बाहर छेड़छाड़ हो चुकी है, लेकिन कभी कॉलेज की ओर से एक्शन नहीं लिया गया। इस बीच मृतका के घर पर नेताओं का तांता लगा रहा। पहले केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पहुंचे और परिवार के लोगों को सात्वना दी जबकि इसके बाद हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा भी मृतका निकिता के परिवार से मिलने पहुंचे। लेकिन इसके बावजूद निकिता के परिजन अभी भी यही गुहार लगा रहे हैं कि जिस तरह से आरोपियों ने उनकी बेटी को गोली मारी ठीक उसी तरीके से आरोपी तोसीफ व रिहान को भी मौत की सजा दी जाए। निकिता का परिवार चाहता है यदि इन आरोपियों एनकाउंटर नहीं हुआ तो अपने राजनैतिक रसूक के चलते ये लोग बच निकलेंगे।
सोमवार को दिन-दहाड़े हुई छात्रा की हत्या के मामले में शामिल एक और आरोपी को गुरुवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने नूंह से आरोपी अजरू को गिरफ्तार किया है. अजरू ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी तौसीफ को हथियार मुहैया कराए थे.
It will go with one & all