Archana Kumari. दिल्ली दंगे को लेकर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा दायर किए गए तीसरे पूरक आरोप पत्र को दंगाइयों की कुंडली कहा गया है । इसमें उनके नाम के उल्लेख के अलावा बताया गया है कि कैसे यह साजिश रची गई थी और इसके लिए क्या-क्या तैयारी की गई थी ।
आरोपियों के नाम -पता क्या है और उनके संबंध किन किन लोगों या संगठनों से रहे हैं। पूरक आरोप पत्र में फोरेंसिक साक्ष्यों और दूसरे तकनीकी परीक्षणों को आधार बनाया गया है और स्पेशल सेल दिल्ली दंगों के पीछे साजिश का विस्तार से खुलासा किया है ।
इस बीच दंगे के एक साल पूरे होने पर उस समय के तत्कालीन डीसीपी वेद प्रकाश सूर्य को उनके पद से हटा दिया गया है। इतने दिन तक अपने पद पर बने रहना ही साबित करता है कि डीसीपी पर दंगा को लेकर कोई गाज नहीं गिरी है बल्कि उनका रूटिंग ट्रांसफर किया गया।
पुलिस सूत्रों का दावा है दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है और इन 18 में से एक आरोपी सफूरा जरगर के अलावा सभी आरोपी दंगाई जेल में बंद हैं।
इनमें सफूरा जरगर को गर्भवती होने के बाद मानवीय आधार पर हाईकोर्ट से जमानत मिली थी जबकि सफूरा जरगर को छोड़कर दंगे की साजिश रचने वाले जो आरोपी जेल में बंद हैं, उनमें ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं और सभी के खिलाफ यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस सूत्रों का कहना है हर आरोपपत्र में एक प्राथमिकी संख्या का जिक्र है और वह प्राथमिकी है FIR नंबर 59 क्योंकि इसी प्राथमिकी के जरिए दंगे की साजिश को जानने के लिए यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था।
सूत्र बताते हैं दंगों से जुड़ी हर साजिश में एफआईआर नंबर 59 का जिक्र है और दंगे से जुड़े जितने भी खुलासे होते हैं, उनमें भी एफआईआर नंबर 59 का जिक्र किया गया है ।
इस प्राथमिकी में सीएए विरोध प्रदर्शन, जामिया, शाहीन बाग और उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों से लेकर संबंधित जानकारी है। यहां तक कि दंगों की साजिश का ताना-बाना बुने जाने की जानकारी भी इसी एफआईआर में दर्ज है और इस एफआईआर तथा इससे जुड़ी आरोप पत्र में उन लोगों के नाम की सूची है, जिन्हें गिरफ़्तार तो अलग-अलग एफआईआर के आधार पर किया गया लेकिन बाद में यूएपीए वाली एफआईआर संख्या 59 में उन सभी का नाम जोड़ दिया गया।
इस मामले में केवल उमर ख़ालिद ही अकेले व्यक्ति हैं, जिनका नाम उस एफआईआर में पहले से लिखा हुआ था। इस बीच कड़कड़डूमा कोर्ट आज दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद शरजील इमाम की दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट और दूसरे दस्तावेजों की मांग पर सुनवाई करेगा।
ज्ञात हो कि पिछले 22 फरवरी को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया था कि इस मामले पर फिजिकल सुनवाई की जाए, ताकि वो बता सकें कि इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज कैसे सौंपे जाएंगे