क्रिस्टोफर नोलान एक विश्व प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक हैं। उनकी फ़िल्में जब प्रदर्शित होती हैं तो उनकी चर्चा होती है। उन फिल्मों पर मीडिया में बड़े लेख लिखे जाते हैं। क्रिस्टोफर नोलान एक सितारा फिल्मकार हैं। उनकी हॉलीवुड में वही पहचान है जो हमारे यहाँ एस.राजामौली की है। सितारें उनके साथ काम करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। हर फिल्म स्टार का सपना होता है कि उसकी फिल्म यात्रा में एक मील के पत्थर पर ‘नोलान’ जरूर लिखा हो। उनकी नई फिल्म ‘ रिलीज होने जा रही है। इस बार उनकी फिलॉसफी के बक्से से जासूस निकलने वाला है।
क्रिस्टोफर की फिल्मों के पात्र किसी फिलॉसफी के कुहासे में घिरे होते हैं। जैसे उनकी बैटमैन ट्रिलॉजी का ‘जोकर’। जोकर के लिए ‘नाइलिस्ट’ शब्द प्रयोग किया जाता है। उसे खुद को विशेष दिखने की भूख है। वह ‘शून्यवादी’ है। नोलान के पात्र बहुत गहराई से एक ‘दर्शन’ प्रस्तुत करते हैं। उनकी नई फिल्म ‘Tenet‘ एक भव्य फिल्म है, जिसे सात देशों में शूट किया गया है।
नोलान ने अब तक इस फिल्म का प्लॉट मीडिया के सामने आने नहीं दिया है। वे रिलीज डेट तक रहस्य बनाए रखना चाहते हैं। फिल्म के प्रोमो देखने के बाद कहा जा सकता है कि नोलान एक अनूठी ‘स्पाई मूवी’ पेश करने जा रहे हैं। इसमें दिखाए गए गैजेट्स की तुलना बॉन्ड फिल्मों से जरूर होगी। इसकी कहानी को लेकर जो बातें चल रही हैं, उनमे कहा जा रहा है कि ये एक ‘ताले’ और ‘चाबी’ की कहानी है।
नोलान बचपन से बॉन्ड फिल्मों के शौक़ीन रहे हैं और एक भव्य बॉन्ड फिल्म बनाना चाहते हैं। वे बॉन्ड फ्रेंचाइसी से इस बात के लिए हमेशा चर्चा करते रहे हैं। बीच में ये खबर आई थी कि डेनियल क्रेग वाली आखिरी बॉन्ड फिल्म के बाद निर्माता इसे ‘रिबूट’ करेंगे और अगली नई बॉन्ड फिल्म के निर्देशक नोलान ही होंगे। ये कहा जा सकता है कि ‘Tenet’ उनकी भविष्य की स्पाई सीरीज का घोषणापत्र है।
‘द प्रेस्टीज’, ‘मोमेंटो’, ‘बैटमैन ट्रिलॉजी’, ‘इन्सेप्शन’, ‘ इंटरस्टेलर’ ‘Dunkirk’ जैसी फिल्मों से इतिहास बना देने वाले नोलान की ये फिल्म कोरोना वायरस के कारण अटक गई है। ये फिल्म पहले जुलाई में रिलीज होने वाली थी लेकिन प्रदर्शन टाल दिया गया। अगली तारीख अगस्त में आ सकती है, जब विश्व में माहौल सामान्य होने लगेगा। बहरहाल उनकी ताज़ा फिल्म को लेकर अटकलों का बाज़ार बहुत गर्म है।
उनके जैसे फिल्मकारों के लिए विश्व सिनेमा में एक शब्द आमतौर पर प्रयोग किया जाता है। खासतौर से फिल्म निर्देशकों और नाट्य निर्देशकों के लिए ये शब्द क्रिएट किया गया है। ‘auteur’ मतलब ऐसा फिल्मकार, जिसका स्टाइल फिल्म के हर विभाग में दिखाई दे। उसका व्यक्तित्व उसकी फिल्म के पात्रों के व्यक्तित्व से झलके। और नोलान ऐसी ही श्रेणी के फिल्मकार माने जाते हैं।
‘इंटरस्टेलर’ विश्व की सबसे तथ्यात्मक और लोकप्रिय फिल्मों में गिनी जाती है। इंटरस्टेलर के लिए उन्होंने जैसे इफेक्ट्स प्रयोग किये, किसी स्पेस फिल्म में प्रयोग नहीं हुए थे। इस फिल्म का प्लॉट बहुत रुचिकर था। फिल्म का हीरो ‘कूपर’ एक लम्बी अंतरिक्ष यात्रा पर निकला है। पृथ्वी पर फसलों को रेतीले तूफ़ान ख़त्म करते जा रहे हैं।
नए बीजों का अंकुरण नहीं हो रहा। कूपर का लक्ष्य ऐसा ग्रह खोजना है, जिसका वातावरण पृथ्वी से मिलता-जुलता है। समस्या ये है कि किसी दूसरी आकाशगंगा में कूपर जितनी देर लगाएगा, उसकी तुलना में पृथ्वी पर कई वर्ष बीत जाएंगे। इस फिल्म के क्लाइमैक्स पर कई लेख लिखे गए थे।
वे एक भव्य स्पेस फिल्म ‘इंटरस्टेलर’ बनाते हैं और उसके लिए ऐसे स्पेशल इफेक्ट्स देते हैं, जैसे कभी रचे नहीं गए। इसके बाद अगली ही फिल्म ‘Dunkirk’ के लिए सीजीआई का प्रयोग करने से मना करते हैं। नोलान का कहना था कि द्वितीय विश्व युद्ध के लिए वास्तविक युद्धक विमानों का प्रयोग होना चाहिए। उनके मुताबिक कम्प्यूटर ग्राफिक्स से लागत तो कम हो जाती लेकिन उस महायुद्ध की वास्तविक अनुभूति नहीं मिल पाती।
आप जानते हैं उन्होंने इस फिल्म के लिए क्या किया। वे वायु सेना के कई संग्रहालयों में गए और वहां से उस समय के युद्धक विमान खोजे जो आज भी उड़ सकते हो। उन विमानों को वास्तव में हवा में उड़ाकर शूटिंग की गई थी। नोलान ज़िद के पक्के हैं। इस फिल्म को लेकर उनका विजन क्लियर था और फिल्म प्रदर्शित होने के बाद वे सही साबित हुए। उनके इन दृश्यों को ‘आईमैक्स थियेटर’ में देखकर दर्शक अचंभित रह गए।
विश्व में इस सितारा निर्देशक के करोड़ो प्रशंसक हैं। खासतौर से ‘इन्सेप्शन’ के बाद उनकी फॉलोइंग हिमालय छूने लगी। कोरोना काल में सम्पूर्ण विश्व के सिनेमा उद्योग को भारी नुकसान हुआ है। अब इस नुकसान से राजामौली और क्रिस्टोफर नोलान जैसे निर्देशक ही उबार सकते हैं। इन निर्देशकों के नाम से थियेटर्स में कतारें लग जाती हैं।
‘Tenet’ को लेकर उनके प्रशंसकों में अपार उत्साह है। सात देशों में फिल्माया गया ये रोमांचक थ्रिलर जब आईमैक्स व अन्य सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी तो निश्चित ही निर्माताओं पर पैसों की बरसात होगी। ये नोलान का सिनेमा है। वे ओटीटी प्लेटफॉर्म से घृणा करते हैं। वे अपनी फिल्मे कभी इस प्लेटफॉर्म पर रिलीज नहीं करेंगे क्योंकि वे ये मानते हैं कि छोटा स्क्रीन उनकी फिल्म का ‘जादू’ कम कर देगा।