सीबीआई के गिरफ्त में आए पत्रकार उपेंद्र राय के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय के छापे के बाद एक के बाद दूसरी सच्चाई सामने आती जा रही है।सीबीआई सूत्रों के अनुसार, अपने काले साम्राज्य को चलाने के लिए उन्होंने पत्रकारों का एक पूरा गैंग बना रखा है। उपेंद्र राय के कई राजदारों में दो राजदारों पर सीबीआई की नजर है। सीबीआई सूत्रों का कहना है कि छापे की भनक लगते ही उपेंद्र राय ने संवेदनशील दस्तावेज और अधिकांश नकदी इन्हीं दोनों के यहां छिपाया है। सीबीआई इन दोनों पत्रकारों की जांच कर रही है। इनमें से एक सहारा के ही एक स्टेट ब्यूरो का प्रमुख है, तो दूसरा एक कांग्रेसी नेता के न्यूज चैनल का संपादक है।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार, उपेंद्र राय का एक राजदार सहारा चैनल के एक राज्य का प्रमुख है। वह 2010 तक एक मामूली रिपोर्टर हुआ करता था। लेकिन जब 2010 में उपेंद्र राय सहारा का सर्वेसर्वा बना तो उसने इसे रातों-रात एक राज्य में ब्यूरो प्रमुख बना दिया। एक ही बार में उसे सात पदों का प्रमोशन दे दिया गया। सीबीआई सूत्र बताते हैं कि उपेंद्र राज्य का साम्राज्य दिल्ली, उप्र, बिहार, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ तक फैला है, जिसे यही पत्रकार संभालता है। इसमें मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में खनन की माफियागिरी से लेकर कई फर्जी कंपनियों का संचालन तक शामिल है। यह भी आरोप है कि उपेंद्र राय के कालेधन को ठिकाने लगाने में भी इसी शख्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। उपेंद्र राय के इस राजदार के कई सिम कार्ड का पता सीबीआई को लगा है। उन अलग-अलग सीम कार्ड के जरिए काफी सारे व्यवसायियों और नेताओं को ब्लैकमेल किए जाने की सूचना भी सीबीआई ने इकट्ठी की है।
मोदी सरकार द्वारा नवंबर 2016 में नोटबंदी (Demonetization) किए जाने की मार से उपेंद्र राय के मास्टर पी.चिदंबरम सहित उपेंद्र राय पर भी पड़ी। सूत्र बताते हैं कि नोटबंदी की मार से प्रभावित उपेंद्र राय ने अपने इस पत्रकार राजदार के जरिए कई तरह की फर्जी खबरों को प्लांट कराया। यहां तक कि लोगों को भड़काने के लिए विरोध प्रदर्शन को भी प्रायोजित कराया गया। यही नहीं, दो हजार के नोट की गुणवत्ता के खिलाफ अफवाह फैलाने में भी इसी गिरोह की प्रमुख भूमिका सामने आयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस अभियान के संचालन में कांग्रेस की पूरी मदद इस पत्रकार गिरोह को मिल रही थी। ईडी को इस गिरोह की कई ऐसी संपत्तियों का पता चला है, जो बेनामी हैं।
वहीं उपेंद्र राय का दूसरा वफादार पत्रकार कांग्रेस के एक पूर्व सांसद व उद्योगपति के चैनल में संपादक है। उपेंद्र राय ने अपने इस वफादार पत्रकार को रातों-रात सहारा चैनल के एक अन्य राज्य का चैनल हेड बना दिया था। इस वफादार के जरिए वह उप्र और दिल्ली के अपने धंधे को नियंत्रित करता था। इस पत्रकार की कई बेनामी संपत्तियां नोएडा सहित उप्र के कई हिस्सों में मिली है, जिसकी जांच चल रही है। यही पत्रकार जेल में बंद उपेंद्र राय को जमानत पर बहार निकालने के लिए अपने पत्रकारीय कौशल और कांग्रेसी संपर्क का इस्तेमाल कर रहा है।
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