अर्चना कुमारी। शाहरुख पठान दिल्ली दंगों का पोस्टर ब्वाय रहा है । उसने एक पुलिसकर्मी पर पिस्टल इस अंदाज में ताना था कि वह उसे गोली मार देगा । अपराधी परिवार से ताल्लुक रखने वाला शाहरुख पठान को उस समय एक निजी चैनल ने ब्राह्मण बता कर इस दंगे को हिंदू आतंकवाद से जोड़ने की असफल कोशिश की थी लेकिन इन दिनों उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है ।
वीडियो में शाहरुख पठान के समर्थक उसका जोरदार स्वागत करते हुए दिख रहे है, ऐसा लग रहा है कि वह कोई भारत पाक सीमा से जंग जीतकर आ रहा हो । दंगाई के समर्थन में मौके पर मौजूद लोग नारे भी लगा रहे हैं। वहां पर पुलिसकर्मी भी मौजूद है और सब कुछ देखते हुए भी खामोश है। वायरल हुए वीडियो में शाहरुख भीड़ के सामने हाथ हिलाकर उनका जवाब देता नजर आ रहा है, जैसे उसने कोई बड़ा काम कर घर आपसी कर रहा हो।
उल्लेखनीय है कि शाहरुख पठान 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के मामले में जेल में बंद है और उस पर कई गंभीर आरोप है। उसे दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दंगे के बाद फरारी की हालत में गिरफ्तार किया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जेल में रहने के दौरान शाहरुख पठान ने जमानत लेने की हर संभव कोशिश की लेकिन नाकामी मिलने पर उसने माता पिता के उपचार को लेकर पैरोल मांगा था ,जिसके बाद जेल में बंद शाहरुख पठान को चार घंटे की पैरोल दी गई ।
पैरोल पर रिहा होने के बाद पुलिसकर्मी उसे जाफराबाद इलाके स्थित उसके घर लेकर पहुंचे, तंग गलियों की वजह से काफी दूर उसे पैदल चलना पड़ा। इस दौरान काफी संख्या में उसके समर्थक वहां एकत्र हो गए और नारेबाजी करने लगे। इस तरह शाहरुख पठान का स्वागत का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में दंगे भड़क गए थे। हिंसा में करीब 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया था।
इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी-एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी। दंगे के दौरान शाहरुख पठान ने गोलियां चलाई थी और एक पुलिसकर्मी को बंदूक दिखाकर डराने की कोशिश की थी और इसके बाद से वह लगातार जेल में बंद है।