अर्चना कुमारी। यह महिला हवलदार रतन लाल की हत्या में शामिल रही थी लेकिन पिछले ढाई साल से फरार चल रही थी लेकिन उसे अब नोएडा से धर दबोचा गया है। पुलिस के अनुसार उत्तर पूर्वी जिले में फरवरी 2020 में हुए दंगे के दौरान रतन लाल की हत्या के लिए भीड़ जुटाने वाली को पुलिस ने ढाई साल बाद गिरफ्तार किया । इसके नाम के बारे में पुलिस ने स्पष्ट तौर पर नहीं बताया लेकिन सूत्रों का दावा है कि इसकी पहचान रवीश के रूप में हुई है।
पूछताछ में पता चला है कि वारदात के बाद से ही वह फरार चल रही थी और इस पर ₹50000 का इनाम घोषित था। इस बीच कड़कड़डूमा कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया हुआ था। पुलिस उपायुक्त संजय कुमार सैन ने बताया कि वर्ष 2020 फरवरी में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन को रहे थे। उसी दौरान दंगे भड़क गए थे और कई स्थलों पर मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं को टारगेट किया गया।
25 फरवरी को वजीराबाद रोड पर चांद बाग के पास दंगे में दिल्ली पुलिस के हवलदार रतन लाल की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में युवती समेत पांच मुख्य आरोपी थे। पकड़ी गई महिला वारदात के बाद से ही फरार चल रही थी। कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया था। लेकिन वह बड़े आराम से नोएडा में नौकरी कर रही थी। पुलिस टीम लगातार महिला की तलाश में थी और सूचना मिली की युवती नोएडा में एक मोबाइल नंबर पर लगातार बात कर रही है।
पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिये उसकी लोकेशन ट्रेस की तो वह नोएडा सेक्टर-63 की निकली। जांच के दौरान पता चला कि युवती नोएडा में नौकरी कर रही है, बृहस्पतिवार शाम को पुलिस ने उसे नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि सीएए को लेकर यमुना पार में जगह-जगह हुए प्रदर्शन में युवती ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। प्रदर्शन के लिए लोगों की भीड़ को जमा करती थी। पुलिस ने बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रही थी।