अर्चना कुमारी। इंडिया जस्टिस 2022 की रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार भारत के हाईकोर्ट में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है।
पटना, त्रिपुरा, मेघालय, मणिपुर और उत्तराखंड हाइकोर्ट में एक भी महिला न्यायाधीश नही है। इसके अलावा रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट में लंबित है। जबकि सबसे कम लंबित मुकदमों की संख्या त्रिपुरा में है।
बताया जाता है कि यह रिपोर्ट टाटा ट्रस्ट की एक पहल है और दक्ष, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, कॉमन कॉज, सेंटर फॉर सोशल जस्टिस और विधि सेंटर फॉर पॉलिसी के सहयोग से तैयार की गई है।
जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक जिलेवार जजों की कुल संख्या में महिलाओं की संख्या 35 फीसदी है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020-2022 के बीच देश की अदालतों में लंबित मुकदमों की संख्या 4.1 करोड़ से बढ़कर 4.9 करोड़ हो गई है।
जिनमें 69 फीसदी आपराधिक मामले है।जिला अदालतों में रिक्तियों की स्थिति काफी खराब है और पुरानी है।10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में न्यायधीशों को स्वीकृत पदों में से 25 फीसदी की नियुक्ति नही की गई है। सबसे ज्यादा खाली पद पुडुचेरी-57.7 फीसदी, मेघालय-48.5 फीसदी और हरियाणा-39 फीसदी की जिला अदालतों में है।