अर्चना कुमारी। पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात में 30 मार्च को रामनवमी के जुलूस में दंगे हुए थे। इन दंगों में घायल होने वाले भक्तों और उनकी संपत्ति को हुए नुकसान का हर्जाना देने की मांग की गई है। हिंसा प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों से रिपोर्ट तलब करने की मांग भी सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में की गई है।
याचिका मे मांग की गई है कि जिन लोगो पर ह़िसा फैलाने और सम्प्पति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है ,उनसे ही हर्जाना वसूला जाए। याचिका में ये मांग की गई है कि राज्य सरकारों को ये निर्देश दिया जाए कि किसी भी इलाके को सिर्फ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र बताकर हिन्दुओ की शोभायात्राओ और जुलूसो को अनुमति देने से ना रोका जाए।
बताया जाता है कि याचिका में हिंसा प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों से रिपोर्ट जल्द से जल्द तलब करने की मांग की गई है । इतना ही नहीं याचिका में हिंसा के दौरान घायल या नुकसान झेलने वाले राम भक्तों को मुआवजा देने की मांग भी की गई है जिससे हिंदू जनमानस को आर्थिक तौर पर नुकसान ना उठाना और सबसे महत्वपूर्ण बिंदु इस याचिका की यह है कि हिंसा फैलाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाइयों से हर्जाने की रकम वसूलने की मांग हो ताकि दंगाई दंगा करने से पहले सोचने को मजबूर हो जाए।
इसके अलावा कहा गया है कि मुस्लिम बाहुल्य इलाका होने पर शोभायात्रा की अनुमति देने से इंकार न किया जाए क्योंकि इसी तरह का मामला दिल्ली के जहांगीरपुरी से लेकर पश्चिम बंगाल तथा बिहार में भी आया था । बताया जाता है कि वकील विष्णु जैन के जरिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई हालांकि इसकी सुनवाई की तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है।