दीपक कुमार द्विवेदी। 2017 के पहले उत्तर प्रदेश पिछड़ा बीमारू राज्य की श्रेणी में आता था उत्तर प्रदेश माफियावाद गुंडा वाद अराजकता हिंसा दंगे के लिए जाना जाता था19 मार्च 2017 कर्मयोगी योगी आदित्यनाथ ने शपथ ली उसके बाद 5 साल मे उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से निकलकर इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए दुनियाभर में जाना जाने लगा । ये बदलाव 5 साल में कैसे आया उसकी कहानी सुनाने आया हूँ योगी आदित्यनाथ जी जब मुख्यमंत्री बने उन्होंने पहले वक्तव्य मे कहा अपराधी उत्तर प्रदेश छोड़ दे या उपर जाने के लिए तैयार रहे उन्होंने अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश करने कि शुरुआत की उन्होंने सबसे पहले महिला सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया बड़े पैमाने पर मनचलों की गिरफ्तारी हुई उसके बाद अपराधी अराजक तत्वों पर लगाम लगाने के लिए ऑपरेशन क्लीन के तहत 6126 एनकाउंटर जिसमें 122 बड़े अपराधी मारे गए जिससे उत्तर प्रदेश में अपराध पर लगाम लगीं। उत्तर प्रदेश मे पहले हर एक जिले में एक माफिया होता था वो माफिया हर जिले में अपनी सरकार चलाते थे। उन माफिया तत्वों पर लगाम लगाने के लिए यूपी सरकार ने यूपी कोका कानून उत्तर प्रदेश मे लागू किया है यूपी कोका एक्ट के तहत मफिया तत्वों की संपत्ति जब्त करके बुलडोजर चलवाकर माफिया तत्वों की आर्थिक कमर तोड़ी गई।
मफिया किसी जाति या वर्ग उसके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत माफिया तत्वों पर सख्ती से कार्रवाई की गई जिसका बड़ा उदाहरण मुख्तार अंसारी को लाने के लिए योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ी उसे उत्तर प्रदेश लाई जिस मुख्तार अंसारी के भय से उत्तर प्रदेश की आम जनता कांप उठती उस मुख्तार अंसारी के मन मे योगी आदित्यनाथ का इतना भय था की योगी सरकार जब उसे उत्तर प्रदेश ला रही थी तो वह व्हीलचेयर पर बैठने को मजबूर हो गया था वो घटना पूरी दुनिया ने लाइव देखा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह गुंडा माफिया तत्वों पर लगाम लगाई इसकी मिसाल सैकड़ों वर्षो तक दी जाएगी ।
अब विषय से आगे बढ़ते है उत्तर प्रदेश 2017 के पहले प्रतिदिन दंगा होता था हिंदू अपनी धार्मिक अनुष्ठान नहीं कर पाते थे उत्तर प्रदेश दंगों के लिए जाना जाता था उसमें मऊ 2005 का दंगा 2013 मुजफ्फरनगर दंगा 1987 का मेरठ दंगा कोई हिंदू नही भूल सकता है। उन दंगाईयों को राजनीतिक संरक्षण और न्यायिक संरक्षण मिलता था उत्तर प्रदेश मे CAA के वक्त उत्तर प्रदेश को जलाने का षडयंत्र हुआ योगी जी ने दंगाइयों की सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई करने के लिए शहर में पोस्टर लगवा दिए उस वक्त यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में गया था। उस वक्त योगी सरकार की कार्रवाई पर रोक लगी थी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था यह कानूनी नहीं है ऐसे कार्रवाई नहीं कर सकते। योगी आदित्यनाथ ने जब से कानून बना दिया है तब से उतर प्रदेश में दंगे करने की किसी कि हिम्मत नहीं हुई। 5 साल में उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त प्रदेश बन गया है ।
अब आगे विषय पर बढ़ते हैं कुछ लोग कहते है योगी सरकार के कार्यकाल में विकास नही हुआ है रोजगार नहीं है मैं कुछ आंकड़े प्रस्तुत करूंगा। मैं कानपुर की कहानी सबको को पता होगी कैसे कानपुर उत्तर प्रदेश इंड्रस्ट्रियल हब हुआ करता था जिससे समाजवादियों वामपंथियों के हड़तालों की वजह से बंद हो गई उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास पर ग्रहण लग गया था। उत्तर प्रदेश की ये स्थिति थी कि वहां के 80% युवा पलायन करने को मजबूर थे। कारण एक था उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में संसाधन होते हुए स्किल्ड मेन पावर होते हुए उत्तर प्रदेश का युवा पलायन लिए मजबूर था उसके लिए काग्रेस वामपंथी सपा बसपा जिम्मेदार हैं क्योंकि इन लोगों ने अपने राज में उत्तर प्रदेश के उद्योगों बंद करवाए थे।योगी सरकार कानून व्यवस्था सुधार करके 5 साल मे ईज आफ डूइंग रैकिंग मे बड़ा सुधार किया जो राज्य 12 वे नंबर पर था नंबर 2 पहुंच गया है
इज ऑफ डूइंग रैंकिंग सुधार की वजह से 3 लाख करोड़ निजी निवेश जमीन पर उतार दिया गया है उतर प्रदेश 2017 से पहले अर्थव्यवस्था में 10 वे नंबर पर था वो अब 2021 मे नंबर 02 बन गया है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश नोएडा मे इस समय 70 मोबाइल मैनुफैक्चरिंग यूनिट काम कर रही हैं सैमसंग कि दुनिया की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नोएडा में हैं जब उत्तर प्रदेश 3 लाख करोड़ निजी निवेश से उत्तर प्रदेश के करोड़ों युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। मुद्रा योजना के तहत 1 करोड़ 61 लाख युवाओं को लोन दिए गए। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट जैसी योजना लागू करके लघु उद्योगो को बढ़ावा दिया गया है। जिसके कारण उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर 4% प्रतिशत हो गई। योगी सरकार ने युवाओं को 6 लाख 65 हजार सरकारी नौकरी दी है। जो सपा ने 4 लाख दी थी बसपा ने 2 लाख दी थी योगी सरकार मे भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीकें से हुई है पहले समय भर्ती निकलती चाचा मामा ताऊ वसूली के निकल जाते थे ये तथ्य है कई सपा बसपा के नेता जेल में हैं जिसमें सपा के नेता आजम खान भी हैं ।
उत्तर प्रदेश की विकास की कहानी सुनाता हूँ उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ शासन शिक्षा स्वास्थ्य सड़क पर जितना काम हुआ उतना काम किसी सरकार मे नही हुआ शिक्षा के क्षेत्र में योगी सरकार ने बहुत काम किया जो उत्तर प्रदेश नकल के लिए जाना जाता था अब उन नकल माफिया पर लगाम लगाकर शिक्षा गुणवत्ता मे सुधार किया है। सरकारी विद्यालयो मे बायोमेट्रिक अटेंडेस प्रणाली लागू करके हजारों फर्जी शिक्षकों के फर्जीवाड़े को खत्म किया जो शिक्षक नही थे सरकारी सैलरी लेते थे बायोमेट्रिक प्रणाली अटेंडेंट प्रणाली लागू होने के बाद प्रतिदिन शिक्षक विद्यालय जाने लगे फिर योगी सरकार विद्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जिसका प्रभाव आज दिख रहा है योगी सरकार बच्चों के खातों मे 11 सौ प्रतिवर्ष भेजती है जिससे गरीब बच्चे किताब कॉपी बैग गणवेश खरीद सकें।
गरीब बच्चों को आवश्यक सुविधाओं के लिए भटकाना नहीं पड़े उच्च शिक्षा के लिए हर जिले में विश्वविद्यालय खोले गए हैं कुछ शुरू हो गए कुछ पर काम चल रहा है 2013 से पहले उत्तर प्रदेश में23 मेडिकल कालेज थे योगी सरकार ने 5 साल में 59 मेडिकल कालेज खोल दिए हैं 2 एम्स बनवाए पहला गोरखपुर एम्स दूसरा रायबरेली एम्स गोरखपुर समेत पूर्वांचल में जापानी बुखार से हजारों बच्चों की मृत्यु हो जाती थी ,योगी सरकार ने उस जानलेवा जापानी बुखार पर नियंत्रण पाया है योगी सरकार कोराना काल में कोराना मैनेजमेंट की सराहना WHO ने भी की है। 5 साल मे उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा में आमूल चूल परिवर्तन आया है। अभी आई नीति आयोग की वार्षिक रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश देश मे स्वास्थ्य सेवा गुणवत्ता मे प्रथम स्थान दिया हैं। कोराना काल में बच्चों को ऑनलाइन अध्ययन करने दिक्कत में आ रही थी योगी सरकार ने 11वीं 12वीं उच्च शिक्षा तकनीकी शिक्षा अध्ययन कर रहे बच्चों को 1 करोड़ मोबाइल टेबलेट दे रही है जिससे विद्यार्थियों को कोई दिक्कत नहीं हो इतनी संवेदनशील युवाओं विद्यार्थियों के लिए आजतक कोई सरकार नही थी। अप्रैल 2017 से फरवरी 2021 तक 13,189 किमी नई सड़कें बनी 3,32,804 किमी सड़कों को गड्ढा मुक्त किया गया। गंगा नदी के साथ हरिद्वार से वाराणसी तक एक्सप्रेस-वे बनाया जाना है।
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरो पर हैं. सत्तारूढ़ योगी सरकार ने अपनी चुनावी नैय्या पार लगाने के लिए कई नारों में हवा भर दी है. बेशक कई बड़े वादों को सीएम योगी आदित्यनाथ पूरा करने में कामयाब रहे हैं, लेकिन कई वादे अब भी ऐसे हैं जिनके पूरे होने का इंतजार जनता कर रही है. इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां एक साथ पांच एक्सप्रेस-वे और पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहे हैं. एक्सप्रेस-वे से लेकर, गांव, ब्लॉक, तहसील, जिला, प्रदेश मुख्यालय, प्रदेश से जुड़ने वाले दूसरे प्रदेशों और देश की सीमाओं तक जाने वाली सड़कों को बनाया जा रहा है।
यूपी की उड़ान का अंदाजा दिलाने के लिए यह बात ही काफी है कि राज्य में अब आठ हवाई अड्डों से उड़ान भरी जा रही है, इसके साथ ही 13 और नए हवाई अड्डे भी बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रेल परियोजना सहित 10 शहरों में मेट्रो, ग्रेटर नोएडा में विश्वस्तरीय मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब बन रहा है। सरकारें आईं और चली गईं पर पश्चिमी यूपी विकास से कोसों दूर रहा. चाहे अखिलेश यादव की सरकार रही हो या मायावती की पश्चिमी यूपी को ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ. योगी सरकार में आ रही परियोजनाएं पश्चिमी यूपी के लिए अवसर की तरह हैं.अगर सड़कों की बात करें तो यूपी में एक अप्रैल 2017 से फरवरी 2021 तक 13,189 किमी नई सड़कें बनाई गई हैं. 13,613 किमी सड़कों का चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण, 3,32,804 किमी सड़कों को गड्ढा मुक्त और 428 छोटे-बड़े पुल बनाए गए हैं. ऐसे ही तहसील और विकास खंड मुख्यालयों को दो लेन सड़क से जोड़ने, प्रदेश से जुड़ने वाले अन्य प्रदेशों और देश की सीमाओं तक जाने वाले 76 सड़कों के लिए 1599 करोड़ की लागत से 840 किमी सड़कें बनाई जा रही हैं।
राज्य सरकार ने बजट में वित्तीय वर्ष 2021-22 में लोक निर्माण विभाग की सड़कों और पुलों के लिए 12,441 करोड़ दिए हैं. इसमें सड़कों और पुलों के रखरखाव के लिए 4,135 करोड़, गांवों और बसावटों को पक्के मार्गों से जोड़ने के लिए 695 करोड़, विश्व बैंक की मदद से उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क परियोजना के तहत सड़क बनाने के लिए 440 करोड़, एशियन डेवलपमेन्ट बैंक सहायतित उत्तर प्रदेश मुख्य जिला विकास परियोजना के तहत सड़क बनाने के लिए 208 करोड़ और रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण के लिए 1192 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है.
रिकॉर्ड समय में पूर्वाचंल एक्सप्रेस काम पूरा हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसका उदघाटन कर चुके हैं
लखनऊ से गाजीपुर जिले तक 22,496 करोड़ की लागत से बना है इसी तरह सुल्तानपुर जिले के कुड़ेभार में 3.2 किमी लंबी एयर स्ट्रिप भी लगभग तैयार है. एक्सप्रेस वे छह लेन चौड़ा होगा और आठ लेन तक विस्तार दिया जा सकता है. यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ के सुल्तानपुर रोड स्थित चांदसराय गांव से शुरू होकर यूपी-बिहार की सीमा से 18 किमी पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर स्थित ग्राम हैदरिया पर समाप्त होगा. यह बताना जरूरी है कि योगी सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में 1107 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. 27 किमी लंबे बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे को भी मंजूरी दी गई है और डीपीआर बन रही है. इससे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर आदि जिले के लोग लखनऊ और दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों की यात्रा कम समय में कर सकेंगे.
इसी एक्सप्रेस-वे से जुड़ा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे आजमगढ़ जिले से गोरखपुर तक करीब साढ़े 91 किलोमीटर लंबा बन रहा है. यह एक्सप्रेस-वे चार लेन चौड़ा होगा और इसे छह लेन तक विस्तारित किया जा सकता है. इसका मुख्य कैरेज मार्च 2022 तक पूरा होने की संभावना है. यूपी सरकार ने बजट में परियोजना के लिए 860 करोड़ की व्यवस्था की है. यह गोरखपुर जिले के बाईपास एनएच-27 पर ग्राम जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ जिले के ग्राम सलारपुर में समाप्त होगा. इससे गोरखपुर, अंबेडकरनगर, संतकबीरनगर और आजमगढ़ आदि जिले के लोगों को फायदा होगा. न केवल सामाजिक और आर्थिक विकास बल्कि कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों की आय को भी बढ़ावा मिलेगा.
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे बन जाने से बचेगा लोगों का समय
यूपी के बहुचर्चित बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की बात करें तो 14,849 करोड़ की लागत से बन रहा 297 किमी लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे चार लेन चौड़ा है और इसे छह लेन तक विस्तार दिया जा सकता है. इसके मुख्य कैरेज दिसंबर तक पूरा होने की पूरी संभावना है. इसके लिए राज्य सरकार ने बजट में 1492 करोड़ की व्यवस्था की है. एक्सप्रेस-वे झांसी-प्रयागराज राष्ट्रीय मार्ग संख्या 35 पर स्थित चित्रकूट जिले में भरतकूप के पास से शुरू होकर इटावा जिले के ग्राम कुदरैल में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर समाप्त होगा. बुंदलेखंड एक्सप्रेस-वे लोगों को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे से दिल्ली सहित अन्य राज्यों से जोड़ेगा. इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा आदि जिलों के लोग लाभान्वित होंगे.
डिफेंस कारिडोर के लिए भी आ रहे हैं निवेशक
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बुंदेलखंड क्षेत्र में 3525 हेक्टेयर भूमि में छह जिलों लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी और चित्रकूट में बनाया रहा है. इससे बुंदेलखंड क्षेत्र में 20 हजार करोड़ का निवेश और ढाई लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की आशा है. इसमें 1370 हेक्टेयर भूमि खरीदी जा चुकी है और करीब 29 सौ करोड़ के निवेश प्रस्ताव पास हुए हैं. नोडल एजेंसी यूपीडा ने अलीगढ़ में डिफेंस कारिडोर के लिए अधिग्रहित भूमि 15 कंपनियों को आवंटित किया है. यहां 78 हेक्टेयर भूमि पर डिफेंस पार्क बनेगा. अलीगढ़ में निवेश के लिए 25 कंपनियों ने यूपीडा के साथ एमओयू भी किया है. इससे करीब 15 सौ करोड़ का निवेश प्रस्तावित है. लखनऊ में एचएएल और बीडीएल ने करीब 250 एकड़ भूमि मांगी है.
इसके अलावा टाटा टेक्नॉलोजी, सीमेंस और डेसाल्ट की तरफ से सेंटल फैसिलिटी सेंटर की स्थापना के लिए प्रस्ताव मिले हैं. पिछले साल हुए डिफेंस एक्सपो में 45 एमओयू हुए हैं, जिनमें इंस्टीयूशनल एमओयू भी हैं. गंगा नदी के साथ हरिद्वार से वाराणसी तक एक्सप्रेस-वे बनाया जाना है. पहले चरण में 36 हजार करोड़ की लागत से मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा 596 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे छह लेन चौड़ा होगा और आठ लेन तक बढ़ाया जा सकेगा. सरकार ने बजट में भूमि अधिग्रहण के लिए 7200 करोड़ और निर्माण के लिए 489 करोड़ की व्यवस्था की है. मेरठ-बुलंदशहर राष्ट्रीय राजमार्ग 334 से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज में बाईपास पर समाप्त होगा. एक्सप्रेस-वे पर सामरिक आवश्यकता की दृष्टि से शाहजहांपुर के पास एक हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी.
निवेश और रोजगार की है भारी संभावना
राज्य सरकार ने यमुना एक्सप्रेस-वे, लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किनारे उद्योगों के लिए करीब 67 सौ एकड़ भूमि आरक्षित की है. इससे निवेश आने की संभावना है और स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा. देश की पहली रैपिड रेल का निर्माण मेरठ से नई दिल्ली वाया गाजियाबाद हो रहा है. मेरठ-गाजियाबाद-दिल्ली रैपिड रैपिड रेल में करीब 33 हजार करोड़ खर्च हो रहे हैं. इसका प्राथमिक खंड 2023 और परियोजना 2025 तक पूरी होगी. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में 1326 करोड़ आवंटित किए गए हैं. मेट्रो और हवाई उड़ानों पर भी है योगी सरकार का फोकस
उत्तर प्रदेश में जल्द ही लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, अयोध्या और गौतमबुद्धनगर से अंतरराष्ट्रीय यात्राएं की जा सकेंगीं. जेवर में बन रहे एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट में हवाई पट्टियों की संख्या अब दो के बजाय छह होंगी. इसके लिए राज्य सरकार ने बजट में 2000 करोड़ की व्यवस्था की है. प्रदेश में घरेलू ऑपरेशनल हवाई अड्डों की संख्या अब आठ हो गई है. अयोध्या में बन रहे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा अयोध्या के लिए 101 करोड़ का बजट प्रस्तावित है. मेट्रो की बात करें तो सरकार का मानना है कि यूपी के सबसे ज्यादा शहरों में मेट्रो चल रही है. गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के साथ मेट्रो की सेवाएं लखनऊ में हैं. कानपुर मेट्रो रेल की 11,076 करोड़ और आगरा मेट्रो रेल की 8,379.62 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत है.
ग्रेटर नोएडा जल्द ही विश्व स्तरीय मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स का हब बनने वाला है. 7725 करोड़ के निवेश से बनने वाले मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब आने वाले समय में यूपी के विकास को नई और ले जा सकता है. इससे लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी. साथ ही एक ही स्थान पर यात्रियों को रेल, सड़क और मेट्रो मिलेंगीं. योगी सरकार की मानें तो उन्हें लगता है कि राज्य सरकार पिछली सरकारों की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में कहीं आगे है. यह सभी प्रोजेक्ट प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचने वाले प्रतीत होते हैं.
बिजली व्यवस्था सुधार उत्तर प्रदेश गांवों शहरों लोग पहले बिजली जैसी मूलभूत सुविधा वंचित थे उत्तर प्रदेश 4 घंटे 2017 के पहले बिजली मिलती योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश मे 5 साल मे सौभाग्य योजना के तहत सरकार ने यहां के जिन गांवों में सालों से बिजली नहीं पहुंची थी, उनको राज्य सरकार ने चार साल में रौशन कर दिया है. 1.38 करोड़ से अधिक घरों को निशुल्क बिजली कनेक्शन दिया गया. हजारों गांवों 70 साल बिजली नही पहुंची थीं योगी सरकार हजारों घरों तक बिजली पहुचा दी है योगी सरकार ने बड़े शहरों मे खुले तार से मुक्त कराया है आज उत्तर प्रदेश सभी गांवों मे 24 घंटे बिजली मिल रही है जो लोग आज 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने वादा कर रहे हैं उनके समय बिजली एक सपना थी योगी मोदी सरकार ने गरीब किसान श्रमिक कल्याण के लिए जितना कार्य किया उसके आंकड़े प्रस्तुत कर रहा हूँ इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत 20 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री ने आगरा से की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि हर गरीब का अपना घर हो।
इन दो योजनाओं में पिछले चार वर्षों में लगभग 42 लाख आवास स्वीकृत किए गए, जबकि पहले के 30 वर्षों में कुल 53 लाख आवास बने है उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने शत प्रतिशत गरीब महिलाओं गैस सिलेंडर दिया योगी मोदी सरकार उज्जवल योजना तहत उत्तर प्रदेश की 2 करोड़ गरीब महिलाओं को गैस सिलेंडर दिया है उन्हें धुए मुक्ति दी है योगी सरकार ने 5 साल मे स्वच्छ भारत के तहत 2 करोड़ 33 लाख शौचालय बनवाए हैं जिसमें उत्तर प्रदेश महिलाओं खुले शौच मुक्त करवाया है खुले शौच वजह बहुत गंभीर बीमारियां होती हैं उस पर शौचालय बनने की वजह नियंत्रण हुआ है लाखों जिंदगी बची हैं योगी सरकार ने राशन कार्ड आधार कार्ड लिंक किया 3 साल में 94 लाख फर्जी राशन कार्ड हुए रद्द, हुए हैं जो 94 लाख फर्जी राशन कार्ड गरीबों हक नहीं मिला था योगी सरकार राशन दुकानों बायोमेट्रिक मशीन की व्यवस्था लागू की जिससे गरीबी आसानी लाभ मिले जिसका फायदा उत्तर प्रदेश राशन माफिया पूरी तरह खत्म हो गया है कोराना काल उत्तर प्रदेश सरकार ने 15 करोड़ गरीब परिवारों राशन उपलब्ध करवाया है कोराना काल खंड महंगाई खाद्य तेल कीमत बढ़ोतरी योगी सरकार गरीबों प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए दीवाली लेकर होली तक 15 करोड़ परिवार राशन साथ खाद्य तेल दिया जो देश पहला उदाहरण जो किसी सरकार खाद्य तेल दिया है दाल नमक भी उपलब्ध करवाया है
उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र सरकार द्वारा गरीबों हक देने 43 वाली योजनाओं को अच्छी तरह लागू करने मे देश प्रथम स्थान रखता है कोराना इस संकटकाल असंगठित क्षेत्र मजदूरों के लिए परिवार भरण पोषण करने दिक्कत न हो उत्तर प्रदेश सरकार मई 2020 से प्रतिमाह उत्तर प्रदेश के 1 करोड़ 50 लाख श्रमिकों 1000 रूपये प्रतिमाह भरण पोषण भत्ता दे रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 2017 चुनावों समय मे उत्तर प्रदेश किसानों वादा किया था हमारी सरकार बनी तो पहली कैबिनेट बैठक किसानों कर्ज माफी होगी योगी जी पहली कैबिनेट बैठक मे 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ कर्ज माफ किया है उत्तर प्रदेश गन्ना किसानों भुगतान बहुत बड़ी समस्या थीं योगी सरकार 5 साल 1 लाख 51 हजार करोड़ रुपए का है रिकॉर्ड भुगतान किया गन्ना मुल्य मे भी वृद्धि की है जो ये सिद्ध करती हैं कोराना संकटकाल किसानों कोई दिक्कत नहीं हुई उत्तर प्रदेश मे पहले MSP खरीद उचित व्यवस्था नही थी योगी सरकार ने व्यवस्था बनाई है प्रतिवर्ष तरह इस वर्ष भी यूपी में कैसे संभव हुई गेहूं की रिकॉर्ड खरीद. बार उत्तर प्रदेश सरकार ने 56.21 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीद लिया है. जबकि, 55 लाख टन ही खरीद का लक्ष्य था.
जानिए किस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कितना गेहूं खरीदा गया.हैं उत्तर प्रदेश मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान सम्मान निधि के तहत उत्तर प्रदेश के 2 करोड़ 36 किसानों किसान सम्मान निधि लाभ मिल रहा है उत्तर प्रदेश मे बुंदेलखंड किसानों सबसे बड़ी समस्या पानी की समस्या थी वहां पानी नही था कई सरकारे आई गई बुंदेलखंड की पानी की समस्या खत्म नहीं हुई योगी सरकार ने जल जीवन तहत बुंदेलखंड के 90 % घरो तक नल से पानी पहुंच गया है उत्तर प्रदेश किसानों पानी मिले इसके लिए प्रधानमंत्री सिचाई योजना तहत उत्तर प्रदेश 75% सिचाई परियोजना पूरी हो गई है सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना जिसका भूमिपूजन 1978 मे हुआ था उस परियोजना बच हुआ 52% काम योगी सरकार ने सरकार ने पूरा किया है ऐसी सैकड़ों सिचाई परियोजनाओं सरकार ने पूरा किया है जो योगी मोदी किसान विरोधी बताते हैं वो लोग किसानों लिए कुछ किया होता है 40 साल सरयू नदी परियोजना लंबित नही होती अब वो लोग बताए जो लोग गरीब किसान श्रमिक मसीहा बनते है उन लोग ने क्या किया है योगी सरकार ने गरीब किसान श्रमिकों को के लिए किया उतना किसी सरकार ने 70 साल मे नही किया है।
मोदी योगी जी के नेतृत्व सनातन वैदिक धर्म पुनः उत्थान की शुरुआत हुई है
इस देश कुछ राजनीतिक दल विचारधारा को मानने वाले लोगों ने सनातन धर्म मानने वाले लोगों को द्वितीया श्रेणी नागरिक बना दिया था भारत एक प्रधानमंत्री कहा करते थे भारत के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों हक है मुस्लिम तुष्टिकरण ईसाई मिशनरियों हमारी सरकारें सरंक्षण देती थी धर्मांतरण खिलाफ करने वाले कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती 2004 में दीपावली के दिन गिरफ्तार कर लिया गया था उसी सरकार ने 2006 मे सुप्रीम कोर्ट हलफनामा डालकर राम और कृष्ण को काल्पनिक बताया था उसी ने सरकार मालेगांव ब्लास्ट मे हिंदू आंतकवाद थ्योरी गढ़ी साध्वी प्रज्ञा स्वामी असीमानंद कर्नल पुरोहित गिरफ्तार कर लिया था उन्होंने मानसिक शारीरिक यातनाएं दी गई थी जिससे हिंदुओं आंतकवादी सिद्ध किया जा सके सार्वजनिक मंच पर उस सरकार ग्रह मंत्री पी चिदंबरम सुशील शिंदे हिन्दुओं आंतकवादी कहा था सपा की सरकार आतंकवादियों का केस वापस ले रही भारत के प्रतिवर्ष इफ्तार पार्टी देते हैं गोल टोपी पहने हुए दिखते हैं थी उस निराशा के माहौल मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आए उन्होंने साहस दिखाते हुए भारत की आध्यात्मिक धार्मिक सांस्कृतिक केन्द्र वाराणसी चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है उस वक्त जब चुनाव का नामांकन भरने गए थे
उन्होंने एक शब्द कहा था मु झे गंगा मां ने बुलाया है वो बात भारतीय राजनीति के लिए गेम चेंजर थी मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने सनातन धर्म को आध्यत्मिक चेतना उदय सके इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट छड़ी लगी दी चाहे रामायण सर्किट बौद्ध सर्किट हो चार धाम एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट हो या रामायण एक्सप्रेस हो दिल्ली से कटरा तक वैष्णो देवी भक्तों के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू की है नरेंद्र मोदी जी काशी विश्वनाथ कारीडोर निर्माण किया है जो सनातन धर्म पुनः उत्थान का प्रतीक बना हैं नरेंद्र मोदी जी के कार्यों योगी आदित्यनाथ जी महाराज आगे ले गए योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद संस्कृतिक आध्यत्मिक पुनः स्थापना के लिए कार्य शुरू किए उसमें अयोध्या दीपोत्सव कार्यक्रम प्रतिवर्ष कराते हैं जो विश्व प्रसिद्ध हैं योगी जी मथुरा वृंदावन में मे होली पर रंगोत्सव कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित करवाते हैं मथुरा वृंदावन के विकास के लिए मथुरा वृंदावन परिषद गठन किया है उत्तर प्रदेश हिंदू जनमानस 2017 के पहले इतना प्रताड़ित था
अपने त्योहार नहीं मना पता था जेहादी शक्तियों इतना तांडव था कि हिंदू अपने त्योहार जलूस नहीं निकाल पाता था जेहादी हिन्दुओं जलूस पर पत्थरबाजी करते थे योगी जी आने के बाद जेहादियों हिम्मत नही होती हिन्दुओं जलूस पर पत्थरबाजी कर सकें योगी सरकार हिन्दुओं जलूस पुष्प वर्षा प्रतिवर्ष करती हैं 2017 पहले पहले थानों श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा नही होती थी सपा की सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था उत्तर प्रदेश हिंदुओं सपा बसपा की काग्रेस सरकार ने बहुत प्रताड़ित किया था 1989 मे रामभक्तों गोली चलवाई थी वहीं लोग कहते राम मंदिर फैसला सुप्रीम कोर्ट आदेश इसमें भाजपा कोई योगदान नहीं है वो उन लोग के लिए तथ्य रखना चाहता हूं इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला 2010 आया था सुप्रीम कोर्ट मामला 2011 आया था उस समय बसपा की सरकार थी 2012 से 2017 तक सपा की सरकार थी
इन दोनों सरकारों ने जो राम मंदिर के लिए निर्णय के लिए जो महत्वपूर्ण चार लाख पेज दस्तावेज थे उनका अनुवाद सपा बसपा काग्रेस सरकारों ने क्यों नहीं किया था जिसे योगी सरकार ने आने के बाद 1 साल सभी दस्तावेजों का अनुवाद करवाया इसी वजह सुप्रीम कोर्ट सुनवाई शुरू हुई 9 नवबंर 2019 को राम मंदिर पर फैसला आया राम मंदिर निर्माण कार्य के लिए भूमिपूजन नरेंद्र मोदी जी के करकमलों द्वारा 5 अगस्त 2020 को संपन्न हुआ जिसकी प्रतीक्षा सनातनियों को 500 वर्ष से थी राम मंदिर केलिए ने 500 वर्ष चले संघर्ष मे लाखों सनातनियों अपने प्राणों आहुति दे थी लाखों बलिदान के बाद राम मंदिर का निर्माण शुरू होना साधारण घटना नही थी सनातन धर्म के पुन : उत्थान की प्रतीक थी काशी विश्वनाथ कारिडोर निर्माण कार्य पूरा होना सनातन धर्म के उत्थान दुसरा चरण हैं योगी सरकार मे प्रयागराज का कायाकल्प हुआ और विंध्यवासिनी का कारिडोर निर्माण कार्य हो रहा है मोदी योगी सरकार ने जो कार्य किया है इतना कार्य सनातन धर्म के पुनः उत्थान के लिए किसी सरकार ने नहीं किया है।
योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के कार्यकाल मे जो कार्य हुए अकल्पनीय हैं योगी सरकार मे गरीब को न्याय मिला है श्रमिक को सम्मान किसान को उनके उपज का उचित भाव मिला है। योगी सरकार के पांच साल में महिलाओं को उनका अधिकार और सुरक्षा मिली है विद्यार्थियों को मोबाइल टैबलेट मिला है गरीब बच्चों को प्रति वर्ष 11 सौ रूपये मिलता है जिससे गरीब बच्चो के माता पिता गणवेश खरीद सकें उत्तर प्रदेश के युवाओं योगी सरकार ने 6 लाख 65 सरकारी नौकरी दी है। माफिया अराजक तत्वों की कमर तोड़ उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था दुरुस्त की है जो माफिया गरीबों की जमीन कब्जा करना हक समझते थे उन्हीं गरीबों की जमीन वापस दिलाकर योगी सरकार उस पर गरीबों के लिए आवास बना रही हैं योगी सरकार मे सनातन धर्म का पुनः उत्थान हुआ हैं इसलिए कहा जाता संन्यासी से अच्छा राजा कोई नहीं हो सकता है।