राजस्थान के शहर करौली में पुजारी पर पेट्रोल डालकर जिंदा जला देने के मामले में भले ही राज्य सरकार आरोपियों को सजा दिलवाने में ढील बरत रही हो लेकिन जिस गांव में घटना घटी उस ग्रामपंचायत ने आरोपियों के खिलाफ सख्त फैसला किया है। इसके तहत बुकना गांव की पंचायत ने आरोपियों को गांव से बेदखल कर दिया है । इस बीच इस मामले में एक नया वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें पुजारी पेट्रोल पंप से भरी बोतल लेकर जाता हुआ नजर आ रहा है और इस वीडियो को सीआईडी सीबी को सौंपा गया है।
करौली के बुकना गांव में 7 अक्टूबर को गांव के राधा गोपाल मंदिर के पुजारी बाबू वैष्णव का कैलाश मीणा के साथ जमीन विवाद को लेकर कहासुनी हुई थी। जिस पर कैलाश मीणा सहित कुछ अन्य लोग मिलकर पुजारी बाबू वैष्णव पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया था।
बुरी तरह झुलसे पुजारी की इलाज के दौरान जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में 8 अक्टूबर को मौत हो गई थी। इस घटना के उजागर होते ही देशभर में पुजारी के पीड़ित परिवार को न्याय देने की मांग उठने लगी और धीरे-धीरे मामला बढ़ता चला गया। लोग इस बात से ज्यादा आक्रोशित हुए क्योंकि राज्य सरकार इस मामले को लेकर लापरवाही बरत रही थी।
मामला इतना बढ़ा कि राजस्थान सरकार से पुजारी के पीड़ित परिवार को पचास लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा देने, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने सहित अन्य मांगे मनवाने के लिए पुजारी के शव का अंतिम संस्कार नहीं करते हुए राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा धरना चालू कर दिया गया था और धरने में ग्रामीणों ने समर्थन देते हुए कहा कि शव का अंतिम संस्कार जब तक नहीं किया जाएगा, जब तक राज्य सरकार मांगों को नहीं मान लेती।
इस बीच मामले की गंभीरता दिखाते हुए प्रशासन आनन-फानन में पीड़ित परिवार की मांगों पर समझौता किया और जिसके बाद पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता और पीड़ित परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी देने सहित कुछ अन्य मांगों पर सहमति जताई गई। इसके बाद मृतक पुजारी के शव का 48 घंटे के बाद अंतिम संस्कार हो सका लेकिन पुजारी हत्याकांड के आरोपियों को सजा दिलाने की मांग जोर पकड़ लिया और आरोपियों में से कुछ को पकड़ा भी गया लेकिन राज्य सरकार अब तक पुजारी की हत्या में शामिल सभी आरोपियों को नहीं पकड़ पाई है।
राज्य सरकार की नाकामी को देख बुकना ग्राम पंचायत ने सभा का निर्णय लिया और आरोपियों को गांव से बेदखल किए जाने का फरमान सुनाया है। मुख्य आरोपी कैलाश मीना की बेटियों का कहना है कि बुकना गांव के पंच पटेलों ने पंचायत में फैसला सुनाते हुए समाज से बहिष्कृत करने का फरमान जारी कर दिया है। आरोपी की बेटी का कहना है कि हमने तो पुजारी को जलती हुई आग से बचाया लेकिन गांव के पंच पटेलों और समाज ने भी परिवार को समाज से बाहर करदिया है. उनको गांव में ना कोई पानी भरने देता है, ना कोई दुकान से सामान देता है, ना कोई आता है ना कोई बोलता है. हमारे पास खाने को कुछ भी नहीं है।
इस बीच इस मामले को लेकर एक नया वीडियो वायरल हुआ है। सोशल मीडिया पर सपोटरा इलाके के एक पेट्रोल पंप का सीसीटीवी फुटेज वायरल हो रहा है और इसमें एक शख्स पेट्रोल ले जाता हुआ दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि यह शख्स बाबू पुजारी है और यह फुटेज को पुलिस को भी सौपे गए हैं । इस मामले में पुलिस प्रशासन वायरल हो रहे सीसीटीवी फुटेज के बारे मे कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार किया और कहा यह मामला सीआईडी सीबी के पास है और जांच के बाद ही कुछ कहना उचित होगा।
वैसे यह भी सच्चाई है कि पुजारी की मृत्यु होने से पहले पुलिस को दिए गए बयान के आधार पर आधा दर्जन लोगों के खिलाफ हत्या करने का मामला दर्ज किया गया जबकि घटना के मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया।
इस घटना में शामिल एक अन्य आरोपी दिलखुश मीणा को भी गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि बाकी अन्य आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से फरार चल रहे है।