सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में असम की जारी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन की सूची पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाकर एक बार फिर देश में धर्म की सियासत शुरू कर दी है। यही खेल कांग्रेस सालों से खेलती आ रही। सवाल उठता है कि आखिर ममता बनर्जी इस सूची से इतनी डर क्यों गई हैं? कहीं उन्हें अपने सूबे में वोट खिसकने का डर तो नहीं सताने लगा है? क्योंकि असम से कहीं ज्यादा पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। और ममता बनर्जी इन्हीं लोगों के बलबूते सत्ता पर काबिज हुई हैं। कहीं यही डर तो उन्हें नहीं सताने लगा है?
मुख्य बिंदु
* सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में तैयार हुई एनआरसी लिस्ट पर सवाल उठाकर क्या हासिल करना चाहती हैं ममता बनर्जी
* एक खास समुदाय और भाषा विशेष के लोगों को लिस्ट के जरिए जबरन निशाना बनाने का लगाया आरोप
मालूम हो कि असम में सोमवार को जारी हुए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के फाइनल ड्राफ्ट पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। इस पर सबसे ज्याादा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बिफरी हैं। कांग्रेस की ही तरह उन्होंने मुसलिम तुष्टीकरण का कार्ड खेला है। तभी तो उन्हें गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर भी यकीन नहीं है। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री के निष्पक्षता से सूची तैयार करने के दावे पर सवाल उठाया है। इसके साथ ही एक खास समुदाय और भाषा के लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
मालूम हो कि भारत में अवैध रूप से आए बांग्लादेशियों की समस्या सबसे अधिक असम में ही गंभीर है। बांग्लादेशियों की अधिकता की वजह से असम का जनसांख्यिक स्वरूप बदल गया है। उनकी संख्या इतनी हो गई है कि ये लोग यहां की राजनीति तक प्रभावित करने लगे हैं। इसके लिए पिछली कांग्रेस सरकार जिम्मेवार है। क्योंकि वोट बैंक के चलते कांग्रेस शुरू से ही उसका संरक्षक बनी रही। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को हटाकर अब तृणमूल कांग्रेस उस भूमिका में आ गई है। अब जब असम में एनआरसी सूची जारी हो गई है तो इससे सबसे ज्यादा डर भी ममता बनर्जी को लग रहा है। मालूम हो कि असम देश का अकेला राज्य है जहां नागरिकों का रजिस्टर तैयार होता है। पहली एनआरसी सूची 1951 में बनी थी। उस समय असम की जनसंख्या सिर्फ 80 लाख थी।
Where will the 40 lakh people whose names have been deleted go? Does Centre have any rehabilitation program for them? Ultimately it is Bengal which will suffer.Its just vote politics by BJP. Request Home Minister to bring an amendment : West Bengal CM Mamata Banerjee #NRCAssam pic.twitter.com/dicIhibxNV
— ANI (@ANI) July 30, 2018
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उस समय थोड़ी भी चिंता नहीं दर्ज की जब उनके प्रदेश में दो दलित युवकों की हत्या कर दी गई। लेकिन उन्हें बांग्लादेशी मुसलमानों के प्रति इतनी हमदर्दी है कि अभी से उनके पुनर्वास की चिंता सताने लगी है।
URL: Mamata Benerjee angerd on national register of citizens draft
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