आईएसडी नेटवर्क। मंगलवार का दिन रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के लिए अच्छा नहीं रहा। ईडी ने रिया, उसके भाई शौविक और पिता इंद्रजीत के मोबाइल फोन ईडी ने जब्त कर लिए। इनके फोन से साल भर की चैट भी ईडी ने निकाल ली है और फोन में से डाटा निकालने की तैयारी में है। उधर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में रिया चक्रवर्ती के वकील ने पटना में दर्ज एफआईआर मुंबई ट्रांसफर करने की मांग कर डाली। सीबीआई और ईडी की जाँच से बौखलाई महाराष्ट्र सरकार के निर्देश पर मुंबई पुलिस ने बिहार के पांच पुलिसकर्मियों पर एकआईआर दर्ज कर ली है।
मंगलवार को ईडी ने श्रुति मोदी और सिद्धार्थ पिठानी से फिर से पूछताछ की। सुशांत सिंह राजपूत की बहन मीतू सिंह भी ईडी के ऑफिस पहुंची, जहाँ उनसे भी पूछताछ की गई। पिछले तीन दिन से ईडी रिया और उनके परिवार से इलेक्ट्रानिक इक्विपमेंट जमा करवाने की मांग कर रहा था और वे आनाकानी कर रहे थे।
मंगलवार को रिया, शौविक और इंद्रजीत चक्रवर्ती के मोबाइल जब्त कर लिए गए। ईडी ने अब इन तीनों की पिछले एक साल की चैट खंगालना शुरू कर दिया है। ये बात साफ़ हो चुकी है कि अब तक की पूछताछ में ईडी संतुष्ट नहीं है। रिया और उसके परिवार से कड़ी पूछताछ के बाद भी उन्होंने सही जवाब नहीं दिए हैं। इसके बाद पूर्ण संभावना है कि जल्द ही रिया की गिरफ्तारी हो सकती है।
सीबीआई से पूछताछ के दौरान सुशांत के परिवार ने सुशांत की हत्या की आशंका जताई है। परिवार के लोगों ने सीबीआई से कहा कि सुशांत के गले पर जिस तरह के निशान मिले हैं,उससे हत्या का संदेह हो रहा है। परिवार ने ये आरोप भी लगाया कि सुशांत के शव को फंदे से उतारने का वीडियो क्यों नहीं लिया गया।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस के साथ कोई भी जरुरी जानकारी साझा नहीं की। आत्महत्या वाले दिन कमरे का वीडियो, सीसीटीवी फुटेज, दुसरा सामान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, फारेंसिक रिपोर्ट और केस डायरी में से कोई जानकारी बिहार पुलिस को नहीं दी गई थी। इसके बाद से ही सुशांत के परिवार को मुंबई पुलिस से किसी सहयोग की अपेक्षा नहीं रह गई थी।
इस बीच ये खबर आई कि मुंबई पुलिस ने बिहार के पांच पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करवा दी है। उद्धव सरकार का कहना है कि ये सीबीआई जाँच संघीय ढांचे के खिलाफ है। मुंबई पुलिस ने बिहार से मुंबई आए पुलिसकर्मियों की जाँच को अवैध बताकर ये एफआईआर दर्ज की है।
स्पष्ट है कि मुंबई पुलिस कैसे भी करके बिहार पुलिस को इस जाँच से दूर रखना चाहती है। बिहार के पुलिसकर्मियों पर एफआईआर होना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके बाद दो राज्यों में इस मुद्दे को लेकर टकराव और बढ़ जाएगा। मुंबई पुलिस ने सुशांत की फोरेंसिक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया कि सुशांत के शरीर से कोई जहरीले तत्व नहीं मिले और न किसी संघर्ष के निशान पाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में पहले महाराष्ट्र सरकार की ओर से दलील दी गई कि बिहार पुलिस को जाँच करने का अधिकार नहीं है। महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बिहार सरकार इस मामले में राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस का हस्तक्षेप संघीय ढांचे की हत्या के समान है।बिहार सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि मुंबई पुलिस ने इस केस की जाँच करने में बहुत देर लगाईं और हमारे एक अधिकारी को क्वारंटीन के नाम पर बंधक बना दिया गया।