राष्ट्रवादी अभिनेता अक्षय कुमार विवादों में बहुत कम घिरते हैं। कभी वे भारत की नागरिकता नहीं लेने पर घेरे जाते हैं तो कभी किसी सस्ती सी फिल्म में राम को लेकर अश्लील संवाद बोल देते हैं। इन विवादों से तो वे आसानी से बचकर निकल गए लेकिन अब एक नए विवाद ने उनको घेरे में ले लिया है। उन्होंने एक गेम लॉन्च किया है। FAU- G गेम लॉन्च होते ही अक्षय पर संगीन आरोप लगाए जा रहे हैं कि जो गेम उन्होंने मार्केट में उतारा है, वह दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत का प्रोजेक्ट है।
अक्षय कुमार पर सोशल मीडिया में ऐसा आरोप लगाया जाना चिंताजनक है क्योंकि उनकी छवि बेहद साफ़-सुथरे व्यक्ति की रही है। ऐसे में ये लांछन लग जाना उनके द्रुत गति से दौड़ रहे कॅरियर को धीमा कर सकता है क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत केस आज की तारीख में देश के महत्वपूर्ण मुद्दों में शामिल हो गया है।
इस विवाद को शुरू हुए एक सप्ताह से अधिक समय बीत गया लेकिन ये विवाद अब तक मैन स्ट्रीम मीडिया पर नहीं है। ये विचारणीय है कि अक्षय कुमार पर इतना बड़ा आरोप लगाए जाए और मीडिया न उसकी खबर चलाता है और न ही पैनलिस्ट से इस पर बहस करवाता है।
आरोप लगाने वालों का कहना है कि मिस्टर खिलाड़ी इस गेमिंग एप की कोडिंग का ओरिजिनल वर्जन दिखाए। उनके मुताबिक सुशांत पिछले कई वर्ष से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले गेमिंग प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। 8 जून को सुशांत के घर से 8 हार्ड डिस्क जबरदस्ती ले जाने का बयान सिद्धार्थ पिठानी ने सीबीआई के सामने दिया था।
फिर ये भी पता चला कि रिया चक्रवर्ती सुशांत का घर छोड़ते समय उनका लैपटॉप साथ ले गई थी। 14 जून को एसएसआर की नृशंस हत्या कर दी जाती है। 3 सितंबर को PUBG को भारत सरकार बैन कर देती है। इसके तुरंत एक दिन बाद 4 सितंबर को अक्षय ये गेम लॉन्च कर देते हैं। आरोप लगाने वालों का कहना है कि क्या ये सीक्वेंस संयोगवश बन गया था।
अक्षय पर भले ही ये आरोप सीधे साबित न हो पाए लेकिन उनकी लाइन और लैंथ बिगाड़ देने की क्षमता रखते हैं। 14 जून की रात एक और मौत हुई थी, जो सुशांत सिंह राजपूत की हत्या से जुड़ी हो सकती है।
यहाँ एडवोकेट विभोर आनंद का आरोप बहुत गंभीर है और गेमिंग चोरी के आरोप की कड़ी से जुड़ता दिखाई दे रहा है। विभोर आनंद का आरोप है कि रिया चक्रवर्ती का भाई शौविक चक्रवर्ती सन 2017 में कनाडा में ड्रग्स बेचने के आरोप में पकड़ा गया था। शौविक पर गंभीर चार्ज लगाए गए थे।
विभोर का आरोप है कि अक्षय कुमार की सहायता से शौविक इस जंजाल से निकल सका था। विभोर ने अक्षय के कुछ फोटोग्राफ भी शेयर किये हैं। इनमे अक्षय अनिल मुसर्रत और नबील मुसर्रत के साथ दिखाई दे रहे हैं। ये दोनों ब्रिटिश पाकिस्तानी हैं और आईएसआई से गहरे ताल्लुकात रखते हैं।
समीर बांगरा नामक व्यक्ति एक रोड एक्सीडेंट में मारा जाता है। समीर वही व्यक्ति हैं, जो इंडियागेम्स के को-फाउंडर थे और सुशांत के साथ एक अल गेमिंग प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे।
इस गेमिंग प्रोजेक्ट का एक अमेरिकन कंपनी से टाईअप भी हो चुका था। सुशांत और समीर युवा पीढ़ी के लिए ये गेम डिजाइन कर रहे थे।
इस गेम में ऐसी विशेषताएं थी कि इंटरनेशनल गेमिंग के साथ उसका मुकाबला था। यही कारण था कि लॉन्च होते ही ये गेम एक वर्ष के भीतर ही 200 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू जनरेट कर लेता। अब सुशांत के उस गेमिंग प्रोजेक्ट का कहीं कोई पता नहीं है। कहाँ है सुशांत की वर्षों की मेहनत। समीर बांगरा ख़बरों से क्यों गायब है। यहाँ विशाल गोंडा की भूमिका संदिग्ध दिखाई दे रही है। विशाल पहले समीर बांगरा के पार्टनर थे।
संदेह इसलिए हो रहा है कि समीर बांगरा की संदिग्ध मौत के तीन माह बाद ही विशाल अक्षय कुमार के साथ मिलकर ये गेम लॉन्च कर देते हैं। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर यही बात कही है कि विशाल ने अपने दोस्त समीर की पीठ में छूरा घोंपा है।
वह इतना आम और मामूली नहीं था कि मीडिया यूँ उसकी मौत को पचा जाता। कहीं ऐसा तो नहीं है कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के पीछे ये ‘गेमिंग वॉर’ हो।
आरोप लगाने वाले सीधे ट्वीटर पर जाकर अक्षय कुमार से सवाल कर रहे हैं। उनसे पूछा जा रहा है कि उन्होंने इतना इंटेरेक्टिव हैवी गेम इतनी जल्दी कैसे डिजाइन कर लिया।
गेमिंग के जानकार तो तकनीकी तर्क रख रहे हैं, वे बहुत वज़नदार हैं। अक्षय कुमार को गेम लॉन्च करने की इतनी जल्दबाज़ी थी कि वे इसका पोस्टर तक डिज़ाइन नहीं करवा सके।
गेमिंग को लेकर अक्षय कुमार का कोई बैकग्राउंड नहीं है और जो स्टार अपनी फिल्मों को रिलीज करने से पहले उनका बहुत प्रचार करता है, उसने अपने गेम को बिना प्रचार लॉन्च कर दिया। कई बातें है जो इस प्रकरण में अक्षय कुमार के खिलाफ जाती दिखाई देती है।
अक्षय कुमार को अब चुप्पी नहीं साधना चाहिए बल्कि आगे आकर आरोपों का जवाब देना चाहिए। यदि वे ऐसा समझते हैं कि मैन स्ट्रीम मीडिया उसे नहीं उठाएगा तो वे गलत सोचते हैं। आज सोशल मीडिया बहुत प्रभावी और आक्रामक हो चुका है। उसके हमलों से घबराकर मैन स्ट्रीम मीडिया को वह मुद्दा उठाना ही पड़ता है।
पालघर के साधुओं की हत्या का मुद्दा सोशल मीडिया ने ही उठाया था, उसके बाद मैन स्ट्रीम मीडिया को भी ये खबर चलानी पड़ी। जो तकनीकी सवाल उनसे किये गए हैं, उस पर उनको अब सामने आकर बोलना चाहिए। सीबीआई को चाहिए कि वह समीर बांगरा की मौत की जाँच करे क्योंकि ये प्लांड हत्या भी हो सकती है।
9 सितंबर को अक्षय कुमार का जन्मदिन है। इस बार उनके जन्मदिन की मिठास में FAU-G नामक गेम ने कड़वाहट ला दी है। अक्षय की चुप्पी उनको गहरे संकट में डाल सकती है। ।
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कहीं ये भी उतना ही देशभक्त और शरीफ ना निकले जितना की अजित जोगी मरने के बाद हिन्दू निकाला था