आईएसडी नेटवर्क। सोमवार को 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म ‘छिछोरे’ को सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म का पुरस्कार दिया गया है। इसके अलावा कंगना रनौत, मनोज वाजपेयी, धनुष को भी उनकी फिल्मों में अभिनय के लिए पुरस्कार दिए गए। इन पुरस्कारों की घोषणा गत वर्ष होनी थी लेकिन कोरोना के कारण घोषणा टाल दी गई थी। पुरस्कारों की घोषणा नेशनल मीडिया सेंटर में सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की।
फिल्म पुरस्कारों की घोषणा कंगना रनौत के लिए दोगुनी ख़ुशी लेकर आई। उन्हें मणिकर्णिका और पंगा फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। सुशांत सिंह राजपूत के प्रशंसकों और परिवार के लिए ये सुखद समाचार रहा कि उनकी फिल्म छिछोरे को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के रुप में चुना गया।
छिछोरे को बॉक्स ऑफिस पर अप्रत्याशित सफलता मिली थी। युवाओं में आत्महत्या की बढ़ती पृवत्ति को लेकर बनी इस फिल्म ने दर्शकों में बहुत प्रशंसा पाई थी। धनुष को असुरन और मनोज वाजपेयी को भोंसले के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया।
असुरन में धनुष ने स्वाभाविक अभिनय किया था और ये फिल्म व्यावसायिक रुप से सफल रही थी। सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म के लिए भी असुरन का ही चयन किया गया। सुपरस्टार महेश बाबू की तेलुगू फिल्म महर्षि ने कोरियोग्राफी का पुरस्कार जीता। सन 2016 में प्रदर्शित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई थीसर्वश्रेष्ठ तेलगु फिल्म का पुरस्कार जर्सी को दिया गया। विभिन्न भाषाओं में बनने वाली फिल्मों में इस बार छत्तीसगढ़ ने भी अपना स्थान बनाया है।
छत्तीसगढ़ की फिल्म भुलान थे माजे को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए चुना गया। नॉन फीचर फिल्म केटेगरी में वाइल्ड कर्नाटक, शटअप सोना, राधा(म्यूजिकल), रहस, सोनसी का चयन किया गया। फिल्म फ्रेंडली राज्य के लिए असम का चयन किया गया। सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले के लिए बंगाली फिल्म ज्येष्ठोपुत्रो का चयन किया गया।
बंगाली भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए गुमनामी को चुना गया। संवाद लेखन के लिए लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मौत पर बनी फिल्म ताशकंत फाइल्स को चुना गया। बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी के लिए जल्लीकट्टू का चयन किया गया। सबसे अच्छे गायक के लिए बी. प्राक को चुना गया। प्राक ने केसरी का प्रसिद्ध गीत तेरी मिट्टी में मिल जावा के लिए ये पुरस्कार जीता।