अर्चना कुमारी। कोई सेलिब्रिटी जब पुलिस के संपर्क में आता है, तो पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी छोड़ सेल्फी लेने लग जाते हैं लेकिन कोई जब हत्या का आरोपी हो तो उनके साथ सेल्फी लेना कतई मुनासिब नहीं हो सकता। सागर पहलवान की हत्या का आरोप को लेकर ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को जब एक जेल से दूसरे जेल शिफ्ट किया जा रहा था
तब उसके साथ मौजूद पुलिसकर्मियों के बीच सेल्फी लेने की होड़ मच गई लेकिन ऐसे पुलिसकर्मियों के तस्वीरें वायरल होने के बाद उनके लिए मुसीबत खड़ी हो गई है क्योंकि मामला सामने आने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर इन पुलिसकर्मियों पर कारवाई होनी तय है। उन्हें निलंबित तक किया जा सकता है। इस बीच एक और आरोपी गौरव को धर दबोचा गया है जो सुशील का चेला है और इस केस में उसकी 12वीं गिरफ्तारी है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि शुक्रवार को सुशील को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल शिफ्ट किया गया था। इस दौरान तीसरी बटालियन के पुलिसकर्मी और स्पेशल सेल के जवान सुरक्षा के मद्देनजर उनके साथ ड्यूटी पर थे। स्पेशल सेल के पुलिस कर्मी वही थे, जिन्होंने सुशील को गिरफ्तार किया था। मंडोली जेल अधिकारियों ने सुशील को इन पुलिस कर्मियों के हवाले किया था, जिन्हें तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
ऐसे में तीसरी बटालियन और स्पेशल सेल के पुलिस कर्मियों ने सुशील के साथ फोटो सेशन किया। लेकिन यही फोटो वायरल हो गए। इसके बाद सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस की किरकिरी हुई। कई लोगों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए। फोटो सेशन के बारे में जब पुलिस अधिकारियों को जानकारी मिली तो उन्होंने पूरे प्रकरण को लेकर जांच के आदेश दे दिए ।
जांच में पता लगाया जाएगा कि इन लोगों ने सुशील के साथ क्यों फोटो खींची थी और इसका मकसद क्या था। जांच रिपोर्ट में अगर कोई संतोष जनक जवाब इन पुलिस कर्मियों की और से नहीं मिला तो उन पर गाज गिरना तय है। ऐसे लापरवाह पुलिसकर्मी को दूसरी यूनिट में ट्रांसफर या फिर निलंबित भी किया जा सकता है।
सूत्रों का दावा है कि सागर पहलवान की हत्या के मुख्य आरोपी सुशील पहलवान को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल वार्ड संख्या दो में शिफ्ट किया गया है। सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ जेल में ही लॉरेंस बिश्नोई भी बंद है, जिससे सुशील ने अपनी जान को खतरा बताया था। जेल सूत्रों का कहना है कि सुशील की सुरक्षा को लेकर तमाम बंदोबस्त किए गए हैं और उसे आम कैदियों से अलग सेल में रखा गया है।