अर्चना कुमारी। देश की राजधानी में एक महिला को मारा पीटा गया तथा उसके बाल काटे गए। इतना ही नहीं महिला को गलियों में घुमा कर इज्जत तार-तार कर दी गई लेकिन इस महिला से हुई हैवानियत के बाद कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिए दंगा तथा उपद्रव फैलाने की साजिश कर रहे हैं । पुलिस सूत्रों का कहना है कि महिला के साथ हुई हैवानियत के मामले में अब सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म है।
व्हाट्सएप समेत दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अफवाह फैलाई जा रही है कि पीड़िता ने आत्महत्या कर ली या उसकी मौत हो गई है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि इसके अलावा पीड़िता को एक खास समुदाय से जोड़कर झूठी बातें फैलाई जा रही है। महिला को मुस्लिम बताने की होड़ मची हुई है जबकि वह दूसरे समुदाय की है। सोशल मीडिया पर घटना के वीडियो वायरल कर उसकी पहचान का भी उजागर किया जा रहा है अब पुलिस ऐसे लोगों पर नकेल कसने जा रही है ।
पुलिस ने छानबीन के बाद दो ट्विटर हैंडल व एक यू-ट्यूबर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया । दोनों ट्विटर हैंडल के जरिये आरोपियों ने पीड़िता के सुसाइड करने और घटना को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया। मोजो नाम से यू-ट्यूब चलाने वाले शख्स पर पीड़िता और उसके परिवार की पहचान उजागर करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया । पुलिस जल्द ही इनको बुलाकर इनसे पूछताछ करेगी। पुलिस ने बताया कि पहला मामला sukhpreet slatch नामक ट्विटर हैंडल के खिलाफ किया गया।
आरोपी ने अपने ट्वीट में पीड़िता के सुसाइड करने का जिक्र किया है। ट्वीट में कहा गया कि पीड़िता ने जब 14 साल के लड़के से दोस्ती नहीं की तो लड़के ने सुसाइड कर लिया। इसलिए उसके परिवार ने लड़की को निशाना बनाया। जिसके बाद उसने सुसाइड कर लिया। दूसरा मामला ‘star’ नाम से ट्विटर हैंडल चलाने वाले शख्स के खिलाफ किया गया । ट्वीट में दावा किया गया है कि एक धर्म विशेष की महिला को दूसरे धर्म के लोगों ने निशाना बनाया। उसका सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद मरी हुई हालत में छोड़ दिया गया।
पुलिस ने उसे अस्पताल भी भर्ती नहीं करवाया। इस ट्वीट में एक धर्म के लोगों को इस घटना के लिए जिम्मेदार बताया गया था। जांच के बाद इनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। तीसरा मामला एक खबर का यू-ट्यूब चैनल चलाने वाले के खिलाफ किया गया । आरोप है कि अपने वीडियो में जानबूझकर पीड़िता की पहचान को आम लोगों के सामने लाया। वीडियो में वह पीड़ित परिवार के लोगों को दिखाने के अलावा उनके व पीड़िता के नाम को दिखा रहा है। इसको भी गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया ।
पुलिस उपायुक्त आर. सत्यसुंदरम ने कहा कि सोशल मीडिया झूठ को न फैलाएं, इसके अलावा पीड़िता की पहचान को भी उजागर न किया जाए। ऐसा करने वालों की पहचान की जा रही है। पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। सूत्रों का दावा है कि सोशल मीडिया पर कोई लिखता है कि पीड़िता ने आत्महत्या कर ली है तो कोई लिखता है कि उसकी पिटाई की वजह से मौत हो गई। सोशल मीडिया के प्रमुख प्लेटफार्म ट्विटर भी घटना को लेकर लोगों ने इसके वीडियो को टैग करना शुरू कर दिए। पीड़ित परिवार के हित और उनकी सुरक्षा को देखते हुए मामले में पुलिस को सामने आकर बयान देना पड़ा।