आईएसडी नेटवर्क। स्वर कोकिला लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार के समय श्रद्धांजलि देने पहुंचे शाहरुख़ खान पर अब विवाद बढ़ता जा रहा है। मध्यप्रदेश के ग्वालियर से शाहरुख़ खान के विरुद्ध थाने पर शिकायत की गई है। हिन्दू महासभा की ओर से ग्वालियर पुलिस को आवेदन दिया गया है। हिन्दू महासभा ने शाहरुख़ के विरुद्ध देशद्रोह का प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। ऐसी ही एक शिकायत पर टीवी अभिनेत्री मुनमुन दत्ता को हिसार में गिरफ्तार कर लिया गया और चार घंटे की पूछताछ के बाद रिहा किया गया।
उल्लेखनीय है कि दिवंगत लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में अभिनेता शाहरुख़ खान और उनकी मैनेजर पूजा डडलानी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। शाहरुख़ पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मास्क निकालकर थूका था। जबकि शाहरुख़ के समर्थकों ने इस पर स्पष्टीकरण दिया है कि वे फूंक मार कर दुआ कर रहे थे, जो कि इस्लाम की परंपरा के तहत किया जाता है।
अपितु मात्र दो सेंकड के लिए फूंक मारकर मास्क पुनः पहन लेना संदेह प्रकट कर रहा है। उल्लेखनीय है कि ये वाली दुआ चंद सेकण्ड में पूरी नहीं हो जाती। अतः माना जा सकता है कि शाहरुख़ के समर्थकों का स्पष्टीकरण विश्वास योग्य नहीं है। ग्वालियर से हुई शिकायत पर क्या कार्रवाई होगी, ये अभी कहा नहीं जा सकता। प्रथम दृष्टया तो शाहरुख़ के विरुद्ध कोई कड़ी कार्रवाई होने की संभावना ही नहीं बनती।
ऐसी शिकायतों पर कार्रवाइयां नहीं की जाती है। विगत वर्ष नेटफ्लिक्स के एक अधिकारी पर मध्यप्रदेश में एफआईआर दर्ज की गई थी लेकिन लाख प्रयास करने के बाद भी मध्यप्रदेश सरकार उस अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं करा सकी थी। जिस दिन शाहरुख़ खान के विरुद्ध ग्वालियर में शिकायत हुई, उसके एक दिन पूर्व ‘तारक मेहता का उलटा चश्मा’ की प्रसिद्ध अभिनेत्री मुनमुन दत्ता की गिरफ्तारी हुई।
देखने में ये दोनों प्रकरण एक से ही हैं। दोनों ही प्रकरणों में एक व्यक्ति विशेष और समाज का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। मुनमुन के विरुद्ध एसटीएसी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। उन पर दलित समाज के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था। मुनमुन दत्ता की अग्रिम जमानत याचिका हिसार की एससी एसटी एक्ट के तहत स्थापित विशेष अदालत ने 28 जनवरी को खारिज कर दी थी।
इसके बाद जब उनकी गिरफ्तारी की गई और चार घंटे तक उनसे कड़ी पूछताछ की गई। जबकि इस प्रकरण में पूछताछ करने का कोई अर्थ ही नहीं होता है। ऐसी ही कार्रवाई शाहरुख़ खान के विरुद्ध होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि जब कुछ लोगों ने दिवंगत जनरल बिपिन रावत के निधन पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी तो कई लोगों की गिरफ्तारी हो गई थी।
ऐसा ही पुनः लता मंगेशकर के निधन पर देखने में आया है। एक विशेष धर्म के लोग सोशल मीडिया पर लता जी के निधन पर मज़ाक करते और खुशियाँ मनाते देखे गए। ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी अपेक्षित है।