जग्गी वासुदेव को एक्सपोज करने वाली वीडियो के बाद उनके चेले बौखला उठे हैं। उनके चेलों के पास जग्गी के सिक्रेट सोसायटी (Freemasons Society) का सदस्य होने के बचाव में न कोई तथ्य है, न तर्क, इसलिए निजी हमला, मूढ़ता, अभद्रता पूर्ण कमेंट पर उतर आए हैं।
जैसे फल से किसी वृक्ष की पहचान होती है, उसी तरह शिष्यों के व्यवहार से गुरु की पहचान होती है! थोड़ा धक्का दिया नहीं कि ये भड़भड़ा कर गिरने लगे। अभी तो पूरी श्रृंखला बांकी है ‘तथाकथित सदगुरु’ के चेलों! इन बाबाओं से हिंदू समाज के चेतनमय लोगों को स्वतंत्र करा कर रामायण, महाभारत, गीता जैसे सनातन शास्त्रों की ओर मोड़ना परम आवश्यक है।
आदि शंकराचार्य ने सबसे पहले सनातन समाज के अंदर पनपे तरह-तरह के ‘वाद’ को शास्त्रार्थ से पराजित किया, फिर शास्त्रार्थ से ‘बौद्धवाद’ को नष्ट कर भारत को बचा लिया! अपना घर बुहारना बेहद आवश्यक है, अन्यथा ये कथित ‘गॉडमैन’ हिंदू समाज को ‘मिशनरी की तरह चैरिटी कार्यों’ में संलग्न कर पहले उनके अंदर का सनातन बोध, फिर उसके बाद शत्रु बोध को समाप्त करेंगे और अंत में गांधी की तरह मरने के लिए छोड़ देंगे।
मेरे इस अभियान को सपोर्ट करने वाले सभी हिंदुओं का धन्यवाद! यह लड़ाई बहुत लंबी है।
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