दिल्ली के मुख्यमंत्री की दिमागी हालत खराब लग रही है! जिस जनता ने उन्हें माई-बाप बनाया, उसे ही वो धमका रहे हैं! पंजाब और गोवा में जमानत जब्त कराने का घाव अभी भरा भी नहीं था कि जिस दिल्ली ने उन्हें आंखों पर बैठाया था, उसने भी उपचुनाव में अपनी नजरों से गिरा दिया! दिल्ली के राजौरी गार्डन उपचुनाव में उनकी पार्टी जमानत तक नहीं बचा सकी। अब कल दिल्ली नगर निगम का चुनाव होना है और जैसा जनता का मूड है, केजरीवाल को अपनी हार दिख रही है। यही कारण है कि उनका दिमाग हिल गया है और वह अब जनता को धमकी देने पर उतारू हो गए हैं।
अरविंद केजरीवाल की ओर से आज एक-एक नागरिक को रिकॉर्डेड फोन आ रहा है। मुझे भी आया है। इस फोन में उनकी धमकी की भाषा साफ सुनी जा सकती है कि यदि भाजपा को वोट दिया तो भविष्य बिगड़ जाएगा। अंत में वह कहते हैं आपके और हमारे भविष्य के लिए आम आदमी पार्टी को वोट करें। जनता का भविष्य बिगाड़ कर केजरीवाल ने अपना भविष्य बनाया है और यह बात तो ठीक है कि जब तक उन्हें वोट मिलता रहेगा, उनका मोटापा बढ़ता रहेगा, उनकी खांसी का इलाज बेंगलूरू में चलता रहेगा, उनके पेट भरने के लिए 16 हजार की थाली आती रहेगी, उनका चेहरा देश भर में चमकाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते रहेंगे, उनके नेता व मंत्री अययाशी के लिए ‘राशनकार्ड’ बनाते रहेंगे, उनकी बदजुबानी का खर्च जनता अदालत में उठाती रहेगी, और हर शुक्रवार को जनता उनके लिए अपनी जेब काट कर पिक्चर की टिकट का इंतजाम करती रहेगी! इसलिए यह बात तो ठीक है कि उनके भविष्य के लिए जनता उन्हें वोट देती रही, भले जनता अपना घर फूंक कर ताप ले!
केजरीवाल धमकी दे रहे हैं कि देख लेना यदि कल को अपके बच्चे को डेंगू हो गया तो मेरे पास मत आना। भाजपा के पास जाना। यानी यदि भाजपा को वोट दिया तो दिल्ली सरकार के अस्पतालों पर वह ताले लगा देंगे? यानी जनता जब डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया का इलाज कराने दिल्ली सरकार के अस्पताल में जाएगी तो आम आदमी के वर्कर उन्हें धक्के मार कर बाहर निकाल देंगे? यानी दिल्ली सरकार के अस्पतालों के डॉक्टरों का वेतन रोक लिया जाएगा ताकि वह आम जनता को वोट न करने वाली जनता का इलाज न कर सकें- क्या केजरीवाल यही सब कहना चाहते हैं?
जानकारी के लिए बता दूं कि जब पिछले साल दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया हुआ था तो दिल्ली के आधे से अधिक मंत्री जनता के पैसे से विदेश में मजे कर रहे थे। अस्पताल में त्राहि-त्राहि कर रही जनता की दशा देखकर उपराज्यपाल ने फैक्स भेजकर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बुलवाया था, तब वो आए। दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालो में इन मच्छरजनित रोगों के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं की थी और आज उसके नाम पर केजरीवाल लोगों को धमका रहे हैं? असंवेदनशीलता की भी हद होती है!
केजरीवाल की तीसरी धमकी है कि यदि निगम में भाजपा-कांग्रेस को वोट दिया तो बिजली-पानी का दाम बढ़ जाएगा। बिजली-पानी राज्य सरकार का विषय है, जिसके मुखिया अरविंद केजरीवाल हैं! तो फिर केजरीवाल बिजली-पानी को निगम चुनाव से जोड़कर झूठ क्यों बोल रहे हैं? क्या केजरीवाल जनता को भ्रमित कर वोट लेने की फिराक में हैं? या फिर जनता को यह कहना चाहते हैं कि यदि आम आदमी पार्टी को वोट नहीं दिया तो बिजली-पानी का दाम बढ़ा दूंगा! क्या यह आदमी जनता को सीधे-सीधे धमका नहीं रहा है?
केजरीवाल ने एक और झूठ बोला कि निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी की लहर देखते हुए दिल्ली में बिजली के ट्रांसफार्मर से भाजपा-कांग्रेस वालों ने तेल निकाल लिया है। क्या देश की राजधानी कोई गांव है जो कोई बिजली के पोल पर चढ़ जाए और ट्रांसफरमर से तेल निकाल ले? यह कैसा टुच्चा आरोप है? जनता को मूर्ख बनाने के लिए लगता है केजरीवाल जी के तरकश में अब कोई तीर नहीं बचा है, जो वह बिना सिर-पैर के आरोप लगा रहे हैं? लगता है मानहानि मुकदमे में बार-बार मुंह की खाने के बाद भी इनके झूठ बोलने की आदत नहीं गयी है?
केजरीवाल फोन पर एक और झूठ बोल रहे हैं। कहते हैं मैंने दिल्ली नगर निगम को हजारों करोड़ रुपए दिए, लेकिन निगम ने सफाई नहीं की, इसलिए इस बार भाजपा को वोट मत देना। दरअसल केंद्र सरकार से दिल्ली सरकार को और दिल्ली सरकार से दिल्ली नगर निगम को साल भर के खर्च के लिए बजट मिलता है। केंद्र सरकार से करीब 48 हजार करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को मिलता है, जिसमें से 9 हजार करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को नगर निगम को देना होता है।
केजरीवाल सरकार को तो केंद्र से पैसा मिल गया, लेकिन इसने निगम को पैसा नहीं दिया। दिल्ली सरकार से निगम को 9 हजार करोड़ रुपये मिलना था, लेकिन केजरीवाल सरकार ने केवल 2800 करोड़ रुपये ही दिया, जिससे निगम के कर्मचारियों को वेतन आदि नहीं मिल सका। अब जिस व्यक्ति के घर राशन न आ रहा हो, फीस के कारण बच्चे पढने न जा रहे हों, बीमार का इलाज न हो रहा हो, वह सुबह सुबह झाड़ू लेकर आपके घर सफाई के लिए पहुंच जाए, यह तो सतयुग में ही हो सकता है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी कहते हैं कि इस बार निगम में चुनाव जीतते ही हम कोशिश करेंगे कि निगम का 9 हजार करोड़ का बजट सीधे केंद्र से निगम को मिल जाए। इसके लिए संवैधानिक व्यवस्था करना पड़ेगा, लेकिन हम इसका प्रयास करेंगे ताकि दिल्ली सरकार दिल्ली नगर निगम की स्वायत्ता को नष्ट न कर सके।
वास्तव में केजरीवाल सरकार की चाल थी कि वेतन नहीं मिलने से दिल्ली में गंदगी फैलेगी और जनता दुखी होकर निगम में भाजपा को हराने के लिए उनकी पार्टी को वोट देगी। केजरीवाल यह भूल गए कि दिल्ली में पढी लिखी जनता रहती है, कोई गंवार नहीं कि वह इतनी छोटी सी बात भी न समझे। दिल्ली की जनता को गंवार समझने की भूल 26 अप्रैल को ईवीएम से दिखेगा और फिर केजरीवाल चिल्लाएंगे मतदात पेटी लाओ जी..ठीक उसी तरह जैसे कहते हैं ट्रांसफरमर से तेल निकाल लिया जी! यह आदमी रामायण का मारीच है जो अंदर से चालाक है और बाहर से सोने का हिरण दिखने की कोशिश करता रहता है!
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए कुछ चैनलों ने जो सर्वे कराएं हैं, उसके हिसाब से भाजपा की बहुमत की सरकार आ रही है। एबीपी न्यूज के अनुसार- 179, टोटल टीवी के अनुसार- 173 एवं टाइम्स नाउ के अनुसार भाजपा को 272 में से 195 सीटें आ रही है! भाजपा प्रवक्ता तेजेंद्रपाल सिंह बग्गा के अनुसार, खुद आम आदमी पार्टी के इंटरनल सर्वे में भाजपा को 202 सीटें आ रही है। जिसके बाद असली सर्वे जारी करने की जगह केजरीवालजी ने मनगढंत सर्वे जारी कर खुद की जीत दिखाने की कोशिश की है। झूठ का का ढोल 26 को फट जाएगा।