विपुल रेगे। तेलुगु फिल्मों के सुपरस्टार बालकृष्ण नंदमुरी की ‘वीर सिम्हा रेड्डी’ ओटीटी पर रिलीज हो गई है। बालकृष्ण नंदमुरी तेलुगु सिनेमा में ‘मैन विद गोल्डन हार्ट’ कहे जाते हैं। बालकृष्ण अपनी फिल्मों में पीड़ितों के लिए अवतार बनकर प्रस्तुत होते हैं। उनकी इसी अवतरनुमा इमेज से फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर दौड़ती है। ‘वीर सिम्हा रेड्डी’ उनकी बाकी की फिल्मों की तरह ही है। ये उनके प्रशंसकों को और जबर्दस्त एक्शन पसंद करने वालों के लिए है। बालकृष्ण नंदमुरी की फ़िल्में कल्पना से परे होती हैं लेकिन उनसे हमेशा भारतीयता, परिवार और सनातन के लिए एक सुंदर संदेश निकल कर आता है।
ओटीटी मंच : Disney + Hotstar
निर्देशक गोपीचंद मालिनेनी की ‘वीर सिम्हा रेड्डी’ अस्सी के फार्मूले पर चलती है। वीर सिम्हा रेड्डी गरीबों और किसानों के लिए लड़ जाने वाला व्यक्ति है। गाँव में उसका बहुत रसूख है। उसका एक बेटा इस्ताम्बुल में रहता है। सिम्हा रेड्डी अपनी प्रेमिका से शादी नहीं कर सका था इसलिए सिम्हा के बेटे को अपने पिता के बारे में कुछ नहीं पता है। सिचुएशन सिम्हा रेड्डी को इस्ताम्बुल ले जाती है। मुसाली रेड्डी नामक एक खतरनाक व्यक्ति वीर सिम्हा को पुरानी दुश्मनी के कारण मारना चाहता है।
स्क्रीनप्ले इस आम कहानी को खूबसूरती के साथ पेश करता है। इस इंट्रेस्टिंग स्क्रीनप्ले को बालकृष्ण नंदमुरी का शानदार persona और निखार देता है। किसी भी फिल्म को रुचिकर और सुंदर बनाने में एडिटर बड़ा रोल निभाता है। नवीन नूली की एडिटिंग प्रभावित करती है। गोपीचंद मालिनेनी ने वीर सिम्हा रेड्डी , मुसाली रेड्डी और जय सिम्हा रेड्डी के ‘इंट्रो सीन’ पर खासी मेहनत की है। दक्षिण की फिल्मों में हीरो को ओपनिंग सीन में अवतार की तरह पेश करने की प्रथा रही है और आज भी जारी है। इस पॉइंट पर निर्देशक ने बहुत शानदार ढंग से कैरेक्टर बिल्डिंग करते हुए ओपनिंग सीन डाले हैं। इन दृश्यों को देखने के बाद दर्शक अच्छी तरह समझ जाता है कि इन तीनों किरदारों की इमेज क्या है और ये फिल्म में कितने महत्वपूर्ण होने वाले हैं।
सच में बॉलीवुड के लोगों को फिल्म मेकिंग के गुर दक्षिण से सीखने चाहिए। बालकृष्ण नंदमुरी दोहरी भूमिकाओं में हैं। उन्होंने पिता और पुत्र के चरित्र स्वयं निभाए हैं। 62 वर्ष के हो चुके नंदमुरी युवा किरदार में अब अच्छे नहीं लगते, हालाँकि पिता का किरदार उनकी आयु पर जंचता है। फिल्म में पिता के किरदार में उनका स्वाभाविक व्यक्तित्व झलकता है और वे ज़्यादा अच्छे लगते हैं। बालकृष्ण नंदमुरी आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे एन.टी.रामाराव के बेटे हैं। एन.टी.रामाराव स्वयं एक बड़े लोकप्रिय अभिनेता थे।
बालकृष्ण एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए हैं। उनका सार्वजनिक जीवन भी उनकी फिल्मों में परिलक्षित होता रहा है। ‘वीर सिम्हा रेड्डी’ एक मनोरंजक फिल्म है। हालाँकि थियेटर्स में इसने अपनी लागत वसूल कर मामूली लाभ अर्जित किया था। 26 फरवरी को ये फिल्म डिज्नी + हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। फिल्म के और कलाकारों की बात करे तो निर्देशक ने विलेन बहुत सॉलिड लिया है। मुसाली रेड्डी का किरदार डुनिया रेड्डी ने निभाया है। निर्देशक ने डुनिया के किरदार को बढ़िया विस्तार दिया है।
इनके अलावा श्रुति हसन, वरलक्ष्मी सरथकुमार, हनी रोज़ औसत ही रहे हैं। यदि आप ‘लार्जर देन लाइफ’ फ़िल्में देखना पसंद करते हैं तो इस तेलुगु ‘बालकृष्ण यूनिवर्स’ में आप शौक से घूम सकते हैं। फिल्म में अत्याधिक हिंसा और खून खराबा है। हालाँकि बूढ़े वीर सिम्हा रेड्डी का कमाल का persona महसूस करने के लिए ये फिल्म देखी जा सकती है।