शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाडे के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी अपने शिष्य यति सत्यदेवानंद जी,यति भावेसानन्द जी,यति रणसिंहानंद जी तथा अन्य साथियों के साथ हिन्दू स्वाभिमान द्वारा सनातन धर्म की रक्षा के लिये आयोजित माँ बगलामुखी महायज्ञ की पूर्णाहुति के लिये पटना आये।
महायज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत वो हिन्दू स्वाभिमान के प्रदेश अध्यक्ष माधव लाल कश्यप और उनकी पूरी टीम के साथ सिक्खों के दशम गुरु गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की जन्मस्थली के दर्शन करने श्री तख्त हरिमन्दिर साहिब तथा छोटी पटन देवी के मन्दिर गए।दोनों स्थानों पर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज का स्वागत गर्मजोशी के साथ किया गया।महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने दोनों तीर्थों पर इस्लाम के जिहाद और जिहादियों के समूल विनाश की कामना की।
श्री तख्त हरिमन्दिर साहिब में उन्होंने उपस्थित सभी लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि सनातनी और सिक्ख आपस मे सगे भाई हैं।दशम पातशाह गुरु गोविंद सिंह जी महाराज सहित खालसा के सभी महापुरुष जितने सिक्खों के हैं,उससे ज्यादा वो हमारे हैं। उन्होंने सनातन की रक्षा के लिये ही शस्त्रधारी खालसा की फौज खड़ी की थी।सनातन धर्म की रक्षा के लिये लिये ही उनके पिता गुरु तेगबहादुर जी महाराज ने अपने शिष्यों भाई मतिदास,भाई सतिदास और भाई दयाला के साथ अपना बलिदान दिया था।
सनातन धर्म मे जो स्थान योगेश्वर श्रीकृष्ण का है,वो ही स्थान गुरुगोविन्द सिंह जी महाराज का होना चाहिये। उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सभी पदाधिकारियों से कहा कि सनातन और खालसा की आपसी वैमनस्यता को समाप्त करना इस समय बहुत ही आवश्यक है क्योंकि सनातन और खालसा की आपसी वैमनस्यता दोनों के समूल विनाश का कारण बन सकती है।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उन्हें शिरोपा पहना कर सम्मानित किया।छोटी पटन देवी मंदिर में भी उनका भव्य स्वागत किया गया जहॉ उन्होंने विधिवत पूजा अर्चना करके माँ जगदम्बा से सनातन धर्म की रक्षा और सनातन के शत्रु इस्लाम के जिहाद और जिहादियों के समूल विनाश की कामना की।