सोनिया गांधी के नियंत्रण में चली पूर्व यूपीए सरकार में वित्त और गृह मंत्रालय संभालने वाले पी चिदंबरम के भ्रष्टाचार के खुलासे हो रहे हैं इससे यही लगता है कि उसका पूरा खानदान भ्रष्टाचार में लिप्त है। हाल ही में सीबीआई ने उनके चचेरे भाई एसी मुथैया के खिलाफ सिंडिकेट बैंक से 102 करोड़ रुपये से भी अधिक लूटने के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। एसी मुथैया यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी के सहयोगियों में से एक रहा है। एसी मुथैया पर सिंडिकेट बैंक से अवैध रूप से 102 करोड़ रुपये से भी अधिक रुपये का फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। सीबीआई ने कहा है कि मुथैया के खिलाफ चेन्नई के एक कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। मुथैया बैंक के साथ साल 2004 से ही धोखाधड़ी करने में लिप्त है। मालूम हो कि उसी साल से उसका छोटा भाई यानि पी चिदंबरम यूपीए सरकार-1 में वित्तमंत्री था।
मुख्य बिंदु
* पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के चचेरे भी लुटेरे निकले, सिंडिकेट बैंक से 102 करोड़ निकालने का आरोप
* सोनिया गांधी के भी सहयोगी रहे ए सी मुथैया के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज कर ली है चार्जशीट
बैंक फर्जीवाड़े की जांच करने वाले अधिकारियों का कहना है कि मुथैया ने बेतरतीब तरीके से बैंकिंग नियमों को ताक पर रखकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। जांच अधिकारी का तो यहां तक कहना है कि उसने अपने छोटे भाई के वित्त मंत्री होने का धौंस दिखाकर बैंक अधिकारियों से बलात रूप से अपने फंर्म में पैस डलवाए। मुथैया के नाम पर सारे फर्म को चिदंबरम का संरक्षण प्राप्त था। चार्जशीट मे लगाए आरोप के मुताबिक फर्स्ट लीजिंग कंपनी ऑफ इंडिया (एफसीएलआई) नाम का फर्म एक सरकारी क्षेत्र के सिंडिकेट बैंक के साथ आर्थिक लेनदेने के क्षेत्र में प्रवेश किया। बाद में इसने उस बैंक के 102 करोड़ से भी अधिक रुपये का घपला कर दिया। इस मामले में वह अकेले नहीं था बल्कि उनके साथ करीब 20 लोग थे। सीबीआई ने मुथैया और उसके एक सहयोगी फारूक इरानी के साथ उन 20 लोगों को भी अपनी चार्जशीट में आरोपी बनाया है।
पी चिदंबरम की तरह ही उद्योगपति और क्रिकेट प्रशासक एसी मुथैया भी सोनिया गांधी के काफी नजदीक रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने कई बार आरोप लगाया है कि बोफोर्स मामले में विदेशी दलाल ओटावियो क्वात्रोची एई सर्विस (AE Services) जैसी फर्जी कंपनी के माध्यम से तो पैसे दिए गए थे। दरअसल यह कंपनी पहली बार मुथैया ने ही शुरू की थी। लेकिन बोफोर्स स्कैम बाहर आने के बाद इस कंपनी का मालिकाना हक किसी विदेशी के नाम कर दिया गया। मालूम हो कि मुथैया भारत में बेल्जियम का आदरणीय राजदूत था। उसने ही तो बेल्जियम का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान से सोनिया गांधी को सम्मानित किया था। लेकिन बाद में बेल्जियम सरकार ने साल 2013 में कई आर्थिक अनियमितताओं में संलिप्तता की वजह से मुथैया को उसके पद से बर्खास्त कर दिया।
मोदी सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद ही यानि 2014 के जून में सिंडिकेट बैंक ने सीबीआई से मुथैया के खिलाफ अपने छोटे भाई पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान लूट और फर्जीवाड़े में लिप्त होने की शिकायत की थी। सिंडिकेट बैंक की उसी शिकायत पर सीबीआई ने जांच करने के बाद अब एसी मुथैया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
URL: After Chidambaram father-son, his cousin AC Muthiah got out of syndicate bank robber
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