विपुल रेगे। नितेश तिवारी की ‘रामायण’ में राम और सीता का कैरेक्टर रणबीर कपूर और आलिया भट्ट निभाएंगे। पौराणिक ग्रंथों पर फ़िल्में और सीरियल बनाने के लिए सेंसर बोर्ड और सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से कोई गाइड लाइंस निर्धारित नहीं है। इसलिए फिल्म निर्माता और निर्देशक पौराणिक ग्रंथों पर कल्पना की उड़ान भरते रहते हैं। भारतीय सेंसर बोर्ड द्वारा क्लियर ‘आदिपुरुष’ विवाद में है। ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने इसी वर्ष ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ के गठन की घोषणा की थी। रणबीर-आलिया द्वारा रामायण में लीड रोल निभाने की ख़बर के बाद आवश्यक है कि धर्म सेंसर बोर्ड’ सक्रिय हो जाए।
फिल्म निर्देशक नितेश तिवारी दो वर्ष से ‘रामायण’ की तैयारी में लगे हुए थे। जब इस फिल्म की घोषणा की गई थी, तभी आलिया भट्ट की इस प्रोजेक्ट में एंट्री हो गई थी। ‘पिंकविला’ की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रामायण के लिए आलिया पहली पसंद थीं। नितेश और निर्माता मधु मंटेना ने आखिरकार अपनी पहली पसंद के साथ जाने का फैसला किया। ये ख़बरें भी लगातार आ रही हैं कि रणबीर को DENG मुंबई स्टूडियो में कई बार देखा गया है। DENG को स्पेशल इफेक्ट्स और एनिमेशन के लिए जाना जाता है।
सूत्र बता रहे हैं कि निर्माता ने रावण के कैरेक्टर के लिए कन्नड़ सुपरस्टार यश से संपर्क किया है। नितेश तिवारी की ‘रामायण’ कैसी है और क्या है, इस बारे में अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता लेकिन इसकी कॉस्टिंग पर बात की जा सकती है। यदि रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को रामायण के लीड रोल्स में लेने पर निर्णय हो गया है तो नितेश तिवारी ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है। क्या नितेश तिवारी नहीं जानते कि भारत में फिल्म स्टार्स की ऑफस्क्रीन इमेज कितनी महत्वपूर्ण होती है। हाल ही में ओम राउत ने ‘आदिपुरुष’ की लीड नायिका कृति सेनन को ‘गुडबॉय किस’ कर दिया। मंदिर प्रांगण में कृति के गालों पर लिया गया ये चुंबन कहर बरपा गया।
आलिया भट्ट अपने कॅरियर में हर तरह के किरदार कर चुकी हैं। उन्होंने ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में एक वेश्या का किरदार निभाया था। रणबीर भी हर तरह के किरदार कर चुके हैं। आज ही उनकी आगामी फिल्म ‘एनिमल’ का टीजर आया है। इस फिल्म में वे एक हत्यारे की भूमिका निभा रहे हैं। सार्वजनिक जीवन में उन पर बहुत से आरोप लगते आए हैं। राम की भूमिका में रणबीर को लिए जाने की खबर फैलते ही अभिनेत्री कंगना रनौत ने उन्हें ड्रग एडिक्ट और वुमेनाइजर बता दिया है। नितेश तिवारी को स्वतंत्रता है कि वे राम की भूमिका के लिए किसी भी अभिनेता का चयन करें।
इस प्रकरण में ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। इसी वर्ष जनवरी में उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा की थी। माघ मेले में अविमुक्तेश्वरानंद ने धर्म सेंसर बोर्ड की रुपरेखा के बारे में बताया था। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड हिंदू देवी-देवताओं के अपमान या संस्कृति पर कुठाराघात करने वाले किसी भी तरह के फिल्मांकन या वीडियो, ऑडियो के प्रसारण को रोकने के लिए मार्गदर्शक का काम करेगा। हालाँकि ये सेंसर बोर्ड आधिकारिक नहीं होगा लेकिन एक ‘वॉच डॉग’ की भांति फिल्मों और धारावाहिकों पर निगाह रखेगा।
रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को रामायण में लिए जाने की घोषणा के बाद धर्म सेंसर बोर्ड को नितेश तिवारी से कॉस्टिंग को लेकर कड़े प्रश्न करने चाहिए। हालांकि ये काम तो हमारे आधिकारिक सेंसर बोर्ड को करना चाहिए लेकिन एक वर्ष पूर्व एक अख़बार में छपी खबर पर यकीन किया जाए तो हमारे सेंसर बोर्ड में चीन घुसपैठ कर चुका है। ऐसे हालात में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का धर्म सेंसर बोर्ड जागृति ला सकता है।