#ArvindKejriwal की गिरफ्तारी जिस शराब घोटाले में हुई है, उससे #ElectoralBondsScam भी जुड़ा है। पूछिए कैसे?
तो मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, #ElectoralBond खरीदने वाले अरविंदो फ़ार्मा के एक निदेशक व हैदराबाद निवासी पी. शरत चंद्र को 11 नवंबर 2022 को #ED ने इसी कथित शराब घोटाले में गिरफ़्तार किया था।
अब आगे सुनिए। छापे के केवल 4 दिन बाद 15 नवंबर को उनकी कंपनी ने पांच करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदे और इसके केवल 6 दिन बाद 21 नवंबर को ये बॉन्ड ‘पसमांदा पार्टी’ ने भुनाए!
इसके ठीक 7 महीने बाद जून 2023 में शरत चंद्र कथित शराब घोटाले में सरकारी गवाह बन गए। सरकारी गवाह बनने से ठीक एक महीने पहले मई 2023 में शरत चंद्र को अदालत ने जमानत दे दी, लेकिन यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि ED ने अदालत में शरत चंद्र की जमानत का विरोध नहीं किया। इतना ही नहीं, नवंबर 2023 अरविंदो फ़ार्मा ने फिर 25 करोड़ का बांड खरीदा और उसी ‘पसमांदा पार्टी’ को चंदे में दे दिया!
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अरविंदो फॉर्मा ने समय-समय पर कुल 52 करोड़ रुपये का बॉन्ड ख़रीदा, जिसमें से 34.5 करोड़ रुपये ‘पसमांदा पार्टी’ को दिया, 15 करोड़ तेलंगाना की एक पार्टी को दिया, जिसकी एक महिला नेता इसी कथित शराब घोटाले में कुछ दिन पहले ED द्वारा गिरफ्तार की गई है। अन्य 2.5 करोड़ रुपये आंध्रप्रदेश की एक पार्टी को दिया, जिसने अभी-अभी ‘पसमांदा पार्टी’ के साथ चुनावी समझौता किया है।
जैसे 2G स्पेक्ट्रम, कोयला घोटाला तत्कालीन सरकार द्वारा नीति बनाकर किया गया, उसी तरह दिल्ली का यह शराब घोटाला भी नीति बनाकर किया गया है। इसी तरह बांड घोटाला भी नीति बनाकर किया गया है, बल्कि इन सभी से बड़ा यह बांड घोटाला है। बांड घोटाले में उन घोटालेबाजों को एजेन्सी का भय दिखाकर चंदा भी वसूला गया, चंदा देने पर उन्हें राहत भी दिया गया और खुलेआम संस्थागत रूप से मनी लांड्रिंग भी किया गया!
यदि भविष्य में कोई सरकार सत्यनिष्ठा से बांड नीति की जांच कराए तो जैसे आज केजरीवाल Prevention of Money Laundering Act में जेल गये हैं, वैसे ही बांड नीति बनाने वाले भी जेल जाएंगे, क्योंकि नीति बनाकर मनी लांड्रिंग करने की प्रकृति दोनों घोटालों में सेम है!
भारत की राजनीति के अधिकांन नेता और पार्टियां घोटाले में लिप्त हैं। बस ‘जिसकी लाठी, उसकी भैंस वाली कहावत’ के तहत कोई जो कल ईमानदारी का दंभ भरता था, आज चोर के कटघरे में खड़ा है। इसी तरह जो आज ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ का दंभ भरता है, भविष्य में वह सबसे बड़ा ‘खाओ-कमाओ’ योजना का सरगना निकलेगा!
#sandeepdeo
नोट: नीचे दिये गये SS के चौथे नं पर देखिए।
#ElectoralBondsCase