लक्ष्मी नगर से पकड़ा गया पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अशरफ जम्मू कश्मीर तथा देश के अन्य हिस्सों में हुए आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है और उसने पूछताछ में खुलासा करते हुए बताया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का मोहम्मद नासिर उसका आका है और उसी के कहने पर वह भारत में अपने टारगेट को अंजाम दे रहा था। उसमें हथियार यमुना नदी के किनारे छुपाई थी जबकि उसके कब्जे से एक एके-47 राइफल के साथ दो मैगजीन और 60 राउंड, दो अत्याधुनिक पिस्तौल 50 राउंड और एक हथगोला जो मिला उसे नासिर ने ही अपने गुर्गों से उस तक पहुंचाया था।
पुलिस का कहना है मोहम्मद अशरफ उर्फ अली अहमद नूरी स्लीपर सेल का सक्रिय हिस्सा रहा है और उसने पिछले कई वर्षों में भारत में कई आतंकी हमले और जासूसी गतिविधियों को अंजाम दिया । अपनी पहचान उसने एक पीर मौलाना की बनाई और इसकी आड़ में दिल्ली में रह रहा था। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि गिरफ्तार व्यक्ति की वास्तविक पहचान मोहम्मद अशरफ पुत्र उमरदीन निवासी गांव कोटली, पीओ चंद्रके कंजरूर, नरोवल, पंजाब, पाकिस्तान है।
वह भारत में स्लीपर सेल के प्रमुख के रूप में काम कर रहा था और उसे पाक आईएसआई के इशारे पर त्योहारी सीजन के दौरान काम करने के लिए सौंपा गया था। मोहम्मद अशरफ अली अहमद नूरी पुत्र नूर अहमद, निवासी शास्त्री पार्क, दिल्ली की नकली पहचान का उपयोग करके भारत में रह रहा था।
पुलिस का कहना है कि वर्ष 2004 में, उन्होंने पाकिस्तान के सियालकोट में एक पाक आईएसआई हैंडलर कोड नाम नासिर से अपना प्रशिक्षण प्राप्त किया। नासिर ने उन्हें भारत में पाकिस्तान के लिए विध्वंसक गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल के रूप में काम करने के लिए भारत भेजा । 2004 में, अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, मोहम्मद अशरफ सिलीगुड़ी सीमा, पश्चिम बंगाल के माध्यम से भारत में प्रवेश किया और भारत में प्रवेश करने के बाद, वह अजमेर गया और एक स्थानीय मस्जिद, अजमेर में एक मौलवी से मित्रता की।
वर्ष 2006 में वह उक्त मौलवी के साथ दिल्ली गया था। वह मौलवी के एक रिश्तेदार के कारखाने में आया और उस इलाके में कारखानों में तिलावत (दैनिक मजदूरी प्रार्थना नौकरी) शुरू कर दिया। वह मौलवी के अन्य रिश्तेदारों से मिला और उनका विश्वास जीतने में कामयाब रहा और मौलवी के रिश्तेदार की आईडी के माध्यम से वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर द्वारा अपने आईएसआई हैंडलर नासिर से पैसे प्राप्त करना शुरू कर दिया।
भारत में रहने के दौरान वह विभिन्न सुरक्षित संचार चैनलों के माध्यम से अपने पाकिस्तानी हैंडलर नासिर के साथ नियमित संपर्क में था। हाल ही में उसे उसके पाकिस्तानी हैंडलर ने त्योहारों के मौसम में आतंकी हमलों को अंजाम देने का काम सौंपा था और बरामद हथियारों और गोला-बारूद को उसी को अंजाम देने के लिए भेजा गया था। नोट -ISD CRIME पल-पल की वीडियो और ऑडियो के लिए https://youtube.com/channel/UCEta4qTrhS6DwcYD7quoUGg