भारत की साम्यवादी कुतिया , गुंडों के तलवे चाटे ;
बिखरे पड़े हैं पूरे राष्ट्र में , ऐसे ही कितने कांटे ।
राष्ट्र हमारा लहूलुहान है , इन कांटों के चुभने से ;
हर हिंदू का ये आवाहन , कभी थको न बिनने से ।
हर हालत में इन्हें बीन कर , पास के कूड़ेदान में फेंको ;
करो सफाई पूरे राष्ट्र की , अब इसमें बिल्कुल न चूको ।
सदियों रही है चूक तुम्हारी , तभी तेरा ये हाल हुआ ;
रूखी – सूखी पाता है हिन्दू , गुंडे खायें मालपुआ ।
हिंदू को कमजोर बनाया , पढा – पढा झूठा इतिहास ;
लगभग सारे नेता धिम्मी , खुद भी पढ़ा झूठा इतिहास ।
महामूर्ख हैं ऐसे नेता , सच्चा इतिहास कभी न जाना ;
झूठ के वायरस से ऐसे पीड़ित ,राष्ट्र कभी न पहचाना ।
जोड़-तोड़ कर सत्ता पाते , हरदम हिंदू को मूर्ख बनाते ;
असली दुश्मन यही राष्ट्र के , राष्ट्र के दुश्मन को पनपाते ।
हिंदू को सच जानना होगा , फौरन अभी चेतना होगा ;
समय बीतता है तेजी से , विलंब किया तो मरना होगा ।
अपना भला बुरा अब सोचो , राष्ट्र के हर कांटे को नोंचो ;
राष्ट्र मांगता है कुर्बानी , उसको अपने रक्त से सींचो ।
रक्तपात से कभी न डरना , डरने से बेहतर है मरना ;
रक्त देखकर जो डर जाते, निश्चय जल्दी उनका मरना ।
अब तो केवल वही जियेगा , जो साहस के साथ रहेगा ;
उन्हें न धरती, नहीं स्वर्ग है , डरपोकों को कुछ न मिलेगा ।
शौर्य का कोई विकल्प नहीं है , हिंदू का संकल्प यही है ;
इसके विपरीतआचरण करते,उनके लिए तो कुछ भी नहीं है
धिम्मी भरे पड़े भारत में , सबसे बड़ा दुर्भाग्य यही है ;
पर अब इसका भेद खुल चुका,राष्ट्र का तो सौभाग्य यही है।
झूठाइतिहासथा इसकाकारण,साम्यवादी कुतिया के कारण
बहुत हैं उसके कुत्ते साथी , अब करना है इनका निवारण ।
सोशल मीडिया लेकर आया, सच्चा इतिहास सामने आया ;
सच्चेइतिहास को जानजानकर,साहसशौर्य भी वापस आया
वीर शिवा, राणा प्रताप का , साहस का युग फिर से आया ;
सबसे बड़ा गद्दार था गांधी , उसे भुलाने का युग आया।
जो गांधी के चेले – चांटे , अब तो सही -राह आ जायें ;
अब भी सही राह न आयें , तो फिर चले भाड़ में जायें ।
“वंदेमातरम- जयहिंद”
रचयिता:ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”