अर्चना कुमारी। जम्मू कश्मीर की एक अदालत ने पाकिस्तान में रह रहे 13 आतंकवादियों को भगोड़ा घोषित कर दिया , जिससे 30 दिनों के भीतर अदालत में पेश होने में विफल रहने पर उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का रास्ता साफ हो गया । दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 के तहत उद्घोषणा नोटिस स्थानीय पुलिस की विशेष जांच इकाइयों (एसआईयू) द्वारा मुनादी करवाने के साथ किश्तवाड़ के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादियों के परिवारों को दिया गया।
पुलिस ने कहा कि सीमा पार से काम कर रहे और जिले में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के बार-बार प्रयास कर रहे 13 स्थानीय आतंकवादियों को पहले भी जारी गैर जमानती वारंट पर जवाब देने में विफल रहने के बाद भगोड़ा घोषित कर दिया गया। भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत पिछले साल किश्तवाड़ थाने में दर्ज आतंक से संबंधित मामले में मार्च में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत द्वारा वारंट जारी किए गए थे।
अगर ये भगोड़े आतंकी 30 दिन के भीतर आत्मसमर्पण करने में विफल रहते हैं, तो अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 83 के तहत उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही शुरू की जाएगी।डोडा के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट-ट्रैक कोर्ट) सुदेश शर्मा ने भगोड़े आतंकवादियों के उनके जन्मस्थान पर चस्पा उद्घोषणा नोटिस में कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, जम्मू की अदालत द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट इस रिपोर्ट के साथ वापस कर दिए गए थे कि आरोपी नहीं मिले।
हुल्लर के शाहनवाज कंठ उर्फ उमर, जामिया मस्जिद किश्तवाड़ के नईम अहमद उर्फ अमीर, किचलू बाजार के पास के इलाके के मोहम्मद इकबाल उर्फ बिलाल, चिरूल के शाहनवाज उर्फ नईम और कुंडली पोचाल के जाविद हुसैन गिरि उर्फ मुजम्मिल समेत अन्य के खिलाफ नोटिस जारी की गई।
सूची में जुगना केशवान के बशीर अहमद मुगल, गाजी-उल-दीन और सत्तार दीन उर्फ सैफुल्ला, बंदेरना के इम्तियाज अहमद उर्फ दाऊद, किथर बोंजवाह के शब्बीर अहमद, पटनाजी बोंजवाह के मोहम्मद रफीग कीन, जेवर के मुजफ्फर अहमद और अफानी पैडर के आजाद हुसैन शामिल हैं।