विपुल रेगे। किंग खान के बेटे आर्यन की गिरफ़्तारी के साथ ही बॉलीवुड का नशीला इतिहास बाहर आकर झाँकने लगा है। इंटरनेट और सोशल मीडिया अब सब कुछ खोलकर रख देता है। आर्यन की गिरफ्तारी से कुछ देर पहले सुनील शेट्टी मीडिया के सामने मीडिया को नसीहत देते देखे गए कि आप लोग अनुमान के आधार पर समाचार चला रहे हैं।
वे कब तक झुठलाते रहेंगे कि ड्रग्स का नशा अब बॉलीवुड इंडस्ट्री का अटूट हिस्सा बन चुका है। सुशांत की मृत्यु के बाद जब एनसीबी ने बॉलीवुड के महंगे कालीनों के धागे खोलने शुरु किये तो महाराष्ट्र सरकार समेत कई मीडिया संस्थानों को तकलीफ होने लगी थी। रिया चक्रवर्ती के गिरफ्तार होने के बाद राज्यसभा सांसद जया बच्चन का थाली में छेद वाला घृणित बयान सामने आया था।
संजय दत्त से लेकर अरमान कोहली, फरदीन खान, ममता कुलकर्णी, अर्जुन रामपाल तक कहानी वैसी ही चली आ रही है। तीस वर्ष से अधिक हो गया, बॉलीवुड की नसों में पावडर का नशा घोला जाता रहा।अपराध और नशे का समर्थन करने के लिए बेशर्मी से खड़े हो जाने का इतिहास कोई नया नहीं है। सन 1995 में तो जेल में बंद संजय दत्त की रिहाई के लिए फिल्म उद्योग ने बड़ा अभियान चलाया था।
शाहरुख़ खान, सैफ अली खान, अजय देवगन, सलमान खान, अनुपम खेर, अक्षय कुमार सड़कों पर पोस्टर लिए दिखाई दिए थे। जबकि वे जानते थे कि संजय दत्त का अपराध कितना संगीन है और उसके कनेक्शन दाऊद के साथ पाए गए हैं। इसके बाद भी समर्थन का खेल जारी रहता है। ड्रग्स के विरुद्ध जब अंतरराष्ट्रीय भागीदारी की बात होती है तो बॉलीवुड के बड़े नाम प्रचार के लिए दिखाई देते हैं।
एक बार तो ड्रग्स के विरुद्ध अभियान में सुपरस्टार अमिताभ बच्चन आमिर खान, गुलशन ग्रोवर, राज बब्बर व अन्य कलाकारों के साथ नशे के विरुद्ध प्रचार करते दिखाई दिए थे। यही बच्चन रिया चक्रवर्ती के मामले में इसलिए बोलने के लिए तैयार नहीं हुए, क्योंकि उनकी एक फिल्म उसके साथ आने वाली थी। ये प्रोफेशनलिज्म की पराकाष्ठा है।
स्वयं अनुपम खेर ने बॉलीवुड में ड्रग्स के मामले में सुनियोजित चुप्पी साध कर रखी थी, जबकि संजू के सपोर्ट में वे खुलकर सड़क पर आए थे, उन्होंने एक अपराधी की पैरवी की थी। जबसे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने हिन्दी फिल्म उद्योग में पैबस्त गंदगी हटाने की शुरुआत की है, नए खुलासे सामने आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सन 2020 से ही एनसीबी ने ड्रग को लेकर बड़े खुलासे किये हैं। नशे के ये तार तो दीपिका पादुकोण, करण जौहर, रकुल प्रीत सिंह तक जा पहुंचे हैं। ये हम कैसे भूल जाए कि जब पत्रकार अर्नब गोस्वामी का चैनल नशे की इंडस्ट्री पर लगातार प्रहार कर रहा था तो बहुत से निर्माता, निर्देशक और अभिनेता दिल्ली उच्च न्यायालय जा पहुंचे थे। उन्होंने गुहार लगाई थी कि चैनल को मीडिया ट्रॉयल करने से रोका जाए।
आज तक इन लोगों ने ड्रग्स की गंदगी को खुद से साफ़ करने की जिम्मेदारी नहीं समझी। और सरकार या किसी चैनल ने ये ज़िम्मेदारी उठाई तो उससे भी इन्हें समस्या हो जाती है। संजय दत्त या रिया चक्रवर्ती परेशानी में आएँगे तो ये लोग समर्थन करना अपनी ड्यूटी समझते हैं।
एक तरफ राज्यसभा सांसद पत्नी बोलकर रिया का समर्थन करती हैं तो दूसरी तरफ अभिनेता पति मौन साधकर रिया का समर्थन करता है। सुनील शेट्टी भी वही कर रहे हैं। इंडस्ट्री से आर्यन के लिए समर्थन के स्वर उठने लगे हैं।
एनसीबी चीफ समीर वानखेड़े ने न्यायालय में सुनवाई के दौरान कहा कि हम युवा पीढ़ी को इस नशे के कारोबार से बचाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। ऐसा संकल्प बच्चन जैसे फर्जी एंग्री यंगमैन लेना शुरु कर दे तो तेईस साल के युवा इस तरह शर्मसार न हो और न उनके माता-पिता को मुंह छुपाना पड़ जाए।