मोदी जी बुलेट ट्रेन क्यों ला रहे हैं ? इसकी जरूरत ही नहीं है अभी क्योंकि अभी देश में गरीबी है, बेरोजगारी है, सड़कें-बिजली-पानी की समस्या है, हमारी वर्तमान रेल ही ठीक से नहीं चल रही है, तब क्यों मोदी जी इतना बड़ा निवेश सिर्फ बुलेट ट्रेन में कर रहे हैं? जितना खर्चा बुलेट ट्रेन को बनाने में होगा उतने में तो पता नहीं क्या क्या हो जायेगा।
ये वह प्रतिक्रियाएं और टिप्पणियाँ हैं, जो देश में विपक्षी दलों और मोदी विरोधियों की तरफ से प्रचुर मात्रा में लगातार आ रही हैं। यूं तो ऐसी प्रतिक्रियाओं के जवाब में कोई प्रतिक्रिया वाजिब ही नहीं है तब भी देश में बुलेट ट्रेन का विरोध करने वाले क्या यह बताएँगे कि यह सारी समस्याएं बुलेट ट्रेन न चलाने से खत्म हो जायेंगी? क्या यह समस्याएं मोदी और बुलेट ट्रेन की वजह से ही हैं? क्या उन्नत और विकसित देश की बनने की दिशा में सोचना अपराध और अलोकतांत्रिक है?
फिर तो हमें मेट्रो रेल, उन्नत हवाई अड्डों,अन्तरिक्ष केन्द्रों और किसी भी आधुनिक तकनीक की जरूरत नहीं है क्योंकि देश में ‘समस्याएं’ मौजूद हैं । यह विपक्ष की रचनात्मक सोच न होकर, अंध विरोध की पराकाष्ठा है। जिसका कोई तार्किक जवाब हो ही नहीं सकता है और इसीलिए इस व्यर्थ के विरोध को दरकिनार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी आज अहमदाबाद में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ बुलेट ट्रेन की इस महत्वकांक्षी परियोजना की नींव रखने जा रहे हैं।
इस परियोजना पर होने खर्च को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, उसकी हकीकत यह है कि इस पर आने वाली कुल लागत 1.10 लाख करोड़ रूपये में से 88 हजार करोड़ रूपये का कर्ज हमें जापान दे रहा है। वह भी मात्र 0.1 प्रतिशत के ब्याज पर पचास साल की अवधि के लिए। जिसमें से शुरुआत के 15 साल तक हमें कोई भुगतान नहीं करना है और उसके बाद यह परियोजना अपना खर्चा खुद निकालना शुरू कर देगी।
लगभग 90 हजार करोड़ रूपये का प्रत्यक्ष निवेश वह भी ऐसी सरल और फायदेमंद शर्तों पर आजादी के बाद से इस देश में अभी तक नहीं हुआ है । इस परियोजना से हजारों लाखों रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। बुलेट ट्रेन के स्टेशन के नजदीक क्षेत्रों का विकास होगा, व्यापार-धंधे की अपार संभावनाएं निर्मित होंगी। देशवासियों में एक गर्व और गौरव की भावना पैदा होगी कि बुलेट ट्रेन जैसी तकनीक सिर्फ एक विदेशी ख्वाब नहीं है बल्कि हम उसे अपनी जमीन पर भी साकार कर सकते हैं और सबसे अहम् बात यह कि जापान हमें बुलेट ट्रेन की तकनीक को हस्तांतरित करने के लिए भी तैयार है। जिससे हमें भविष्य में इसके सञ्चालन, और उत्पादन के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना होगा।
हम सभी के लिए यह बेहद गौरव का क्षण है कि जब देश आज तकनीक, आधुनिकता और तरक्की के नए युग में प्रवेश करने जा रहा है तब हम इसके साक्षी बन रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी का ‘न्यू इंडिया’ सिर्फ उनका अकेले का विचार नहीं है, हम सब इस न्यू इंडिया के हितग्राही हैं। आइये हम स्वागत करें एक नए आगाज का, एक नए युग के सूत्रपात का…