करोना काल में फिल्मी मसीहा और जेहादन पत्रकार की तरह एक स्वघोषित डाटा साईंटिस्ट की अनाथालय के नाम पर ठगी का मामला सामने आ रहा है। यह रहा उसकी ठगी का लिखित सबूत।
उड़ीसा के जिस अनाथालय के नाम पर तथाकधित डाटा साईंटिस्ट ने लोगों से 25 लाख के चंदे की उगाही की थी, उस अनाथालय के सचिव प्रफुल्ल सेनापति का निम्न whatsapp चैट देखिए, जिसमें केवल एक लाख रुपये की सहायता ही उस स्वघोषित डाटा साईंटिस्ट से अनाथालय को मिलने की बात सामने आ रही है।
ज्ञात हो कि उस कथित डाटा साईंटिस्ट ने खुद ही एक वीडियो साक्षात्कार में डींग मारा था कि उसने उड़ीसा के उस अनाथालय को 25 लाख की सहायता प्रदान की थी, जो अब झूठ साबित होता दिख रहा है।
पूर्व में ISD ने अनाथालय के सचिव प्रफुल्ल से बातचीत का ऑडियो भी पाठकों को उपलब्ध कराया था, जिसमें उस स्वघोषित डाटा सइंटिस्ट द्वारा दो लाख रुपये की सहायता की बात सामने आई थी। यानी उस अनाथालय को एक या अधिकतम दो लाख रुपये की सहायता ही दी गई है जबकि उसके नाम पर लोगों से 25 लाख का चंदा बटोर लिया गया है!
अनाथालय के सचिव प्रफुल्ल ने उस स्वघोषित डाटा साइंटिस्ट को फोन भी किया, लेकिन उसने चंदा का सारा पैसा डकार लिया, और उसे और सहायता देने से मना कर दिया, जबकि लोगों से वसूली उसने अनाथालय के नाम पर ही किया था।
इस तथाकथित डाटा साईंटिस्ट की ठगी का मामला भी करोना काल में सेवा के नाम पर ठगी करने वाली जेहादन पत्रकार और फिल्मी मसीहा जैसा ही है। इसकी जांच हो तो इसके और भी काले करनामे सामने आएंगे।