अर्चना कुमारी। सरकार कोई हो भ्रष्टाचार पर कोई नकेल कस नही पाया और अब केंद्रीय जांच एजेंसी ने रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी केसी जोशी के घर से 2.61 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। नकदी बोरे में ठूस ठूस कर रखा गया था और घूसखोर अधिकारी को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया ।
पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर के प्रधान मुख्य सामग्री अधिकारी के.सी. जोशी को मंगलवार शाम को एक ठेकेदार से कथित तौर पर तीन लाख रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। बताया जाता है ठेकेदार ने सीबीआई से संपर्क कर शिकायत की थी कि उसकी कंपनी पूर्वोत्तर रेलवे को उत्पाद और सेवाएं प्रदान करती है और उसे अनुबंध के आधार पर तीन ट्रकों की आपूर्ति का ठेका मिला था।
जिसके लिए उसे प्रति ट्रक प्रति माह 80,000 रुपये मिलने थे। ठेकेदार ने आरोप लगाया कि जोशी सरकारी ई-मार्केटप्लेस जेम्स पोर्टल वेबसाइट से उनकी फर्म का पंजीकरण रद्द करने और उनका अनुबंध खत्म करने की धमकी देकर सात लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे है। इस पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आरोपो का सत्यापन किया और घूसखोर अधिकारी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
बाद में जोशी को पकड़ लिया गया। इसके बाद गोरखपुर और नोएडा में उनके घर की तलाशी ली गई ,जहां 2.61 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। सीबीआई ने बताया जोशी के गोरखपुर आवास पर कल छापा मारा गया था। सीबीआई के छापे में जोशी के घर से कई बोरों में भरा हुआ पैसा मिला।
जोशी पर रेलवे के ठेकों में अग्रिम घूस लेने का आरोप है। जोशी के नोएडा और गोरखपुर में घर से 2.61 करोड़ रुपए कैश के अलावा कई संदिग्ध डॉक्यूमेंट भी मिले । केसी जोशी 1988 बैच के इंडियन रेलवे स्टोर सर्विस अधिकारी है। वर्तमान में गोरखपुर में चीफ प्रिंसिपल मैटीरियल मैनेजर के पद पर तैनात था। जोशी के कंप्यूटर और हार्ड डिस्क को कब्जे में ले लिया गया ।
एक टीम अभी भी गोरखपुर में डेरा डाले हुए है। पूछताछ में जोशी ने खुलासे किए हैं कि हर काम में फिक्स है रेलवे अफसरों का कमीशन और बिना घुस रेलवे में कोई भी ठेका या टेंडर बिना कमीशन के अलॉट नहीं होता। इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक के अफसरों का कमीशन फिक्स होता है।
इस मामले में गोरखपुर के अलहदादपुर के रहने वाले प्रणव त्रिपाठी जिनका ‘सूक्ति एसोसिएट फर्म’ हैं। उन्होने सीबीआई को बताया था उनकी फर्म जेम पोर्टल पर रजिस्टर्ड है। वे अपनी फर्म के जरिए पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर और अन्य सरकारी विभागों में मेडिकल इक्विपमेंट उपलब्ध कराते हैं और उनसे ही रिश्वत मांगा गया था। रेलवे मुख्यालय में बुधवार को पूरे दिन हड़कंप मचा रहा ।