आईएसडी नेटवर्क। सुशांत सिंह राजपूत केस में केंद्रीय जाँच एजेंसियों को मुंबई में जाँच करते हुए मंगलवार को 27 दिन पुरे हो गए। सोमवार की शाम प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों से जानकारी मिली कि सुशांत की 4.5 करोड़ की दो एफडी एक करोड़ में कन्वर्ट कर दी गई थी। रिपब्लिक चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक गत नवंबर में इस कृत्य को अंजाम दिया गया था। इस प्रकरण में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जाँच में काफी आगे निकल चुके हैं।
दोनों ही एजेंसियों ने पैसों के हेरफेर और ड्रग्स एंगल को लेकर बड़े खुलासे और गिरफ्तारियां की है। सीबीआई को हत्या के एंगल से जाँच करने के लिए अब भी एम्स की फोरेंसिक जाँच रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। ऐसी संभावना है कि बुधवार तक ये रिपोर्ट सीबीआई को मिल सकती है।
रिपब्लिक चैनल पर बताया गया कि पिछले वर्ष सुशांत सिंह राजपूत के बैंक अकाउंट से दो फिक्स डिपाजिट करवाए गए थे। 26 नवंबर को 2 करोड़ और इसके अगले दिन 2.5 करोड़ की एफडी करवाई गई थी।
इसके अड़तालीस घंटे के अंदर ही दोनों फिक्स डिपाजिट को बदलकर 1 करोड़ की राशि में परिवर्तित कर दिया गया था। सोमवार को भाजपा विधायक नितेश राणे ने बताया था कि दिशा सालियान का मंगेतर रोहन रॉय उसकी मौत के बाद से ही गायब है। इस खुलासे के बाद खबर है कि सीबीआई ने रोहन की लोकेशन तलाशनी शुरू कर दी है। राणे के बयान पर भरोसा किया जाए तो रोहन इस केस में अहम कड़ी साबित हो सकता है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को सुशांत सिंह राजपूत के फॉर्महाउस से वे उपकरण मिले हैं जो नशा करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। यहाँ कुछ दवाइयां भी बरामद हुई है। इस बरामदगी से कहा नहीं जा सकता कि ये चीजे सुशांत ही इस्तेमाल करते थे। संभव है कि उनकी मौत के बाद ये चीजें वहां प्लांट की गई हो।
वैसे भी सुशांत की हत्या के बाद उनका घर व फॉर्महॉउस पर पुलिस की तैनाती नहीं की गई थी। ये भी पता चला था कि उनका घर, जहाँ क्राइम सीन घटित हुआ था, बहुत से लोग वहां गए थे। पुलिस भी कई बार वहां पहुंची थी। सुशांत के समर्थकों ने संदेह जताया था कि केस को प्रभावित करने के लिए बहुत से प्रमाण गायब कर दिए गए हैं और बहुत सी चीजे, जिनका सुशांत के साथ कोई संबंध नहीं था, प्लांट कर दी गई।
गिरफ्त में आए ड्रग पैडलर्स और रिया चक्रवर्ती एनसीबी के सामने तोते की तरह राज़ खोल रहे हैं। पता चला है कि जिन पार्टियों में हाई क्वालिटी ड्रग्स इस्तेमाल होता था, वे पार्टियां आम होटलों में नहीं की जाती थी। बॉलीवुड की ये ज्यादातर पार्टियां फॉर्म हॉउसेज पर की जाती थी। ये भी पता चला है कि बॉलीवुड सितारों को ड्रग्स की घर पहुँच सेवा दी जा रही थी। इस डिलीवरी के लिए विभिन्न कंपनियों में कार्यरत डिलीवरी बॉयज की सहायता ली जाती थी।