आईएसडी नेटवर्क। सूत्रों से खबर आ रही है कि सीबीआई मुंबई भाजपा के महासचिव विवेकानंद गुप्ता से पूछताछ करने जा रही है। विवेकानंद गुप्ता ने एक चश्मदीद गवाह के हवाले से दावा किया गया था कि सुशांत 13 जून को रिया चक्रवर्ती को छोड़ने उसके घर आए थे।
संभवतः सीबीआई उनसे अगले सप्ताह पूछताछ करने जा रही है। हालांकि अब भारत की जनता को इस मामले में सीबीआई के आधिकारिक बयान की प्रतीक्षा है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी लगातार सुशांत सिंह राजपूत केस में अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं। मंगलवार को उन्होंने स्वास्थ्य सचिव से इस केस के बारे में बात की है।
इससे उम्मीद जागी है कि इस केस में हत्या के एंगल से जाँच शुरू हो सकती है। गौरतलब है कि कई मीडिया संस्थान एम्स की रिपोर्ट के आधार पर प्रचारित कर रहे हैं कि सुशांत की मौत आत्महत्या थी। इसी मामले को लेकर स्वामी ने स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण से बात की है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने स्वास्थ्य सचिव से एम्स द्वारा जारी फोरेंसिक रिपोर्ट पर पांच सवाल किये हैं। स्वामी ने इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित खबर को लेकर भी सचिव से बात की। खबर में लिखा गया था कि ऑटोप्सी रिपोर्ट के आधार पर सुशांत की मौत को आत्महत्या घोषित किया गया था।
स्वामी के सवाल है 1-क्या एम्स टीम ने सुशांत के शव के अवशेषों का पोस्टमार्टम किया था या कूपर अस्पताल के डाक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर अपनी राय बना ली? 2-क्या डॉक्टर सुधीर गुप्ता को उनके उच्च अधिकारियों ने कहा था कि मीडिया में बयान दे? 3 -क्या एम्स टीम ने सबूतों को नष्ट किये जाने की जाँच की?
4-क्या मौत के कारणों पर निश्चित राय बनाने के लिए फॉरेंसिक मेडिकल बोर्ड के पास पर्याप्त सामग्री थी ? 5-क्या स्वास्थ्य मंत्रालय इस मामले को मंत्रालय के मेडिकल बोर्ड को भेजने पर विचार करेगा? विचारणीय है कि क्या यही काम एक माह पहले नहीं किया जा सकता था। ये देखते हुए कि इस केस में सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी, मामले में तेज़ गति से जाँच नहीं की गई।
अब तक ये नहीं बताया गया है कि सीबीआई की इतने दिनों की पूछताछ में क्या हासिल हुआ है। यदि सुशांत की रिपोर्ट मंत्रालय के मेडिकल बोर्ड में भेज दी जाती है, तो भी फोरेंसिक की दृष्टि से कुछ मिलेगा, इसमें संदेह दिखाई दे रहा है। इसकी अपेक्षा सीबीआई अपनी जाँच को ठीक तरह से और तेज़ी से आगे बढ़ाती है तो शायद कुछ परिणाम निकल सके। सारे संदिग्धों से पुनः पूछताछ की बात की जा रही थी लेकिन यहाँ तो संदिग्ध मुख्य गवाहों के विरुद्ध एफआईआर करवा रहे हैं।