प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाओं में उमड़ रही भीड़ ने शायद कांग्रेस के हताश कर दिया है। हताशा में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी अनर्गल प्रलाप तो कर ही रहे थे, अब उनके नेता भी अनाप-शनाप बकने पर उतर आए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मानसिक दिवालियापन का परिचय देते हुए देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर ही हमला कर दिया है।
अशोक गहलोत ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर प्रहार करते हुए कहा कि ‘जातीय समीकरण के कारण रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बने हैं।’ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ”क्योंकि गुजरात के चुनाव आ रहे थे, वो (भाजपा) घबरा चुके थे कि हमारी सरकार गुजरात में नहीं बनने जा रही है, मेरा ऐसा मानना है कि रामनाथ कोविंद जी को बनाया (राष्ट्रपति), जातीय समीकरण बैठाने के लिए और आडवाणी साहब छूट गए।”
राष्ट्रपति पर अशोक गहलोत के विवादित बयान पर बीजेपी ने बिना किसी देरी करते हुए पलटवार किया। BJP प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि आज हम बहुत दुःख के साथ ये बात पूरे देश के सामने रखना चाहते हैं कि आज कांग्रेस पार्टी ने बहुत ही निचले स्तर पर जाकर चुनावी मर्यादा का उल्लंघन किया है। भारत के राष्ट्रपति, जो देश में सर्वोच्च पद है, उन पर भी कांग्रेस ने राजनीति करने की कोशिश की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देश के राष्ट्रपति जी को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
कांग्रेस को दलित विरोधी करार देते हुए नरसिम्हा राव ने कहा कि कांग्रेस क्या दलित समाज से आने वाले राष्ट्रपति जी के खिलाफ है? एक काबिल व्यक्ति और ज्ञानी व्यक्ति होने के बावजूद केवल जाति का नाम लेकर कांग्रेस राष्ट्रपति जी के साथ पूरे समाज और देश को बदनाम कर कर रही है।
नरसिम्हा राव ने आगे चुनाव आयोग से मामले में संज्ञान लेने की अपील करते हुए कहा कि हम चुनाव आयोग से अपील करते हैं कि देश के राष्ट्रपति पर इस तरह का बयान देने के मामले पर वह संज्ञान ले और अशोक गहलोत को नोटिस दें और उन्हें माफ़ी मांगने के लिए कहे।