संदीप देव। भाजपा IT cell प्रमुख अमित मालवीय के ट्वीट में लगाए दस्तावेज को ध्यान से पढ़िए। गुजरात के घांची मुस्लिमों को 1999 में भाजपा की सरकार (तब केन्द्र व राज्य दोनों में भाजपा सरकार थी) ने OBC का दर्जा कंटीन्यू कर उनके आरक्षण को बरकरार रखा था। घांची मुस्लिम को 1994 में OBC का दर्जा मिला था, जिसे भाजपा ने 1999 में सूची से बाहर न निकाल कर उसे बनाए रखा, जबकि उसी मुद्दे पर 1994 की कांग्रेस की सरकार गिरी थी। इसके तीन साल बाद यह घांची मुस्लिम ही थे, जिन्होंने 2002 में गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में 59 हिंदुओं को जलाकर मार डाला था!
संविधान निर्माताओं ने अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने से साफ मना कर दिया था। उस कमेटी के मुखिया सरदार पटेल थे और उसमें नेहरू, डॉ. आंबेडकर, के.एम.मुंशी आदि शामिल थे। लेकिन मंडल कमीशन बनाने (1979 में मोरारजी+ वाजपेई वाली जनसंघ सरकार) और उसे लागू करने (1990 में वीपी सिंह + भाजपा) वाली सरकार ने मुस्लिम-ईसाई के लिए असंवैधानिक रूप से आरक्षण का रास्ता खोल कर संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए संविधान निर्माताओं को ठेंगा दिखा दिया!
आज भाजपा IT cell प्रमुख द्वारा जारी इस दस्तावेज से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा मुस्लिम आरक्षण को गुपचुप तरीके से बढ़ाती और लागू करती रही है। मोदी सरकार के मंत्री रामदास आठवले के अनुसार आज OBC कोटा में 80% मुस्लिम जातियां आरक्षण का लाभ ले रही हैं। अर्थात् हिंदुओं की कीमत पर मजहबियों को सशक्त बनाने का काम तेजी से चल रहा है!
मुस्लिम-ईसाई को मजबूत करने और हिंदुओं को जातियों में बांटने का यह सबूत खुद भाजपा का IT cell प्रमुख दे रहा है। अब और क्या साक्ष्य चाहिए इनके हिंदू विरोधी होने का?