विपुल रेगे। हमास और इज़राइल के भीषण संघर्ष में पीड़ा से भर देने वाले समाचारों के बीच एक ऐसी खबर आई है, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। दक्षिणी इज़राइल में गाज़ा पट्टी में स्थित एकमात्र गाँव ऐसा रहा, जहाँ के निवासियों को आतंकी छू भी न सके। मात्र 650 लोगों की आबादी वाले छोटे से कस्बे में रहने वाली एक सुंदर युवती ने असाधारण साहस का परिचय देते हुए पच्चीस आतंकियों को ढेर कर दिया। मात्र तीन दिन में ये साहसी वीरांगना संपूर्ण विश्व में ख्याति पा चुकी हैं।
7 अक्टूबर की सुबह इज़राइल के लिए एक आम खुशनुमा सुबह थी। ये दिन यहूदियों के लिए धार्मिक छुट्टी का होता है। इस दिन समुदाय के लोग अवकाश पर रहते हैं और प्रार्थना करते हैं। ये कामकाजी सुबह नहीं थी इसलिए आम दिनों की अपेक्षा सावधानी कुछ कम थी। ‘निर अम’ गांव दक्षिणी इज़राइल में एक किबुत्ज़ है। इज़राइल में बहुत से ‘किबुत्ज़’ हैं। इसका अर्थ होता है कृषि समुदाय के लोगों के एकत्रीकरण का स्थान। गाज़ा पट्टी की ओर स्थित गांवों में सजगता बहुत रहती है।
वे हथियारबंद होते हैं और हमेशा किसी भी हमले से निपटने के लिए तैयार होते हैं। आतंकियों ने जानबूझकर ये दिन चुना ताकि उन्हें कम सुरक्षा मिले और वे आसानी से रिहायशी क्षेत्रों में दाखिल हो सके। ‘निर अम’ गांव में इनबर रॉबिन-लिबरमैन सैन्य सुरक्षा समन्वयक पद पर तैनात हैं। इस पद पर तैनात व्यक्ति आपातकालीन स्थितियों में अपने समुदाय की सुरक्षा करता है। 25 वर्षीय इनबर ने इस पद पर अपने चाचा का स्थान लिया था क्योंकि उनके चाचा की हमास आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
7 अक्टूबर की सुबह इनबर को अहसास हुआ कि बाहर की दिनचर्या कुछ असामान्य है। संपूर्ण इज़राइली राज्य में वह एक ऐसी महिला थी, जो आतंकी हमले को भांप गई थी। ‘निर अम’ किबुत्ज की पहली सैन्य सुरक्षा समन्वयक पागलों की तरह घर-घर भागती रही और लोगों को सूचना देती रही। बहुत ही कम समय में इनबर ने एक आत्मरक्षक यूनिट तैयार की क्योंकि छुट्टी का दिन होने के कारण सेना की मदद आने में देर होती। उन्होंने महिलाओं और बच्चों को एक सुरक्षित स्थान पर एकत्रित किया।
इसके बाद इनबर ने किबुत्ज की बाड़ पर घात लगाकर हमला करने की योजना बनाई। ये सब गांव वालों ने बहुत तेज़ी के साथ किया क्योंकि आतंकी गाँव में प्रवेश करने ही वाले थे। नागरिकों की हत्या करने आए आतंकी ‘निर अम’ गांव को ‘पीस ऑफ़ केक’ समझकर आगे बढ़े लेकिन जल्द ही उन्हें पता चला गया कि उनका सामना प्रशिक्षित सैन्य टुकड़ी से हो रहा है। सैनिक अभ्यास में प्रशिक्षित रॉबिन ने इस हमले का नेतृत्व किया। पच्चीस आतंकी ढेर कर दिए गए।
वे गाँव में नहीं घुस सके। बचे आतंकी भाग खड़े हुए। आतंकियों के सफाए के बाद आईडीएफ टीम ने गाँव खाली कराया। हमारी हीरोइन इनबर ने इसके बाद 9 अक्टूबर को अपना पच्चीसवां जन्मदिन मनाया। वे तेल अवीव के एक होटल में रुकी हुई हैं और अपना जन्मदिन मना रही हैं। ये जन्मदिन ख़ास है क्योकि आतंकियों से घृणा करने वाला हर व्यक्ति उन्हें बधाई दे रहा है। इज़राइल का मिज़ाज़ ही कुछ ऐसा है। एक ओर इज़राइली अपने अस्तित्व के आखिरी संघर्ष पथ पर चल दिए हैं और साथ ही उनके वीरों का उत्सव भी जारी है।