अर्चना कुमारी। दिल्ली की एक सत्र अदालत ने उत्तर-पूर्व दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के एक मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ दंगा, आगजनी और चोरी समेत विभिन्न आरोप निर्धारित करने का आदेश दिया और कहा कि ‘प्रथम दृष्टया’ उनके विरूद्ध मामला बनता है।
अदालत अंकित, सौरभ शर्मा, रोहित, राहुल कुमार और सचिन के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रही थी। इन पांचों आरोपियों पर उस दंगाई भीड़ में शामिल रहने का आरोप है जिसने 25 फरवरी, 2020 को करावल नगर में चोरी करने के अलावा एक धर्मस्थल एवं अन्य संपत्तियों में आग लगा दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ मैं समझता हूं कि आरोपी व्यक्तियों के विरूद्ध प्रथम दृष्टया मामला बनता है।’’
अदालत ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धाराओं 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 149 (अवैध रूप से इकट्ठा होना), 188 (लोक सेवक के आदेश का उल्लंघन), 380 (किसी घर में चोरी करना), 427 (चोरी से नुकसान पहुंचाना) के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला बनता है। आरोपी भादंसं की धाराओं 435 (क्षति पहुंचाने की मंशा से आग लगाना या अन्य विस्फोटक का उपयोग करना), 436 (भवन को नष्ट पहुंचाने की मंशा से आग या विस्फोटक पदार्थ का उपयोग करना) और 450 (घरों में जबरन घुसना) के तहत भी सुनवाई का सामना करेंगे।
दो पुलिस अधिकारियों समेत विभिन्न गवाहों की गवाही का उल्लेख करते हुए अदालत ने कहा कि अवैध रूप से भीड़ जुटी जिसने एक खास समुदाय के लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता अली अहमद और 2 पुलिस अधिकारियों द्वारा दिए गए बयान से पता चलता है कि 25 फरवरी, 2020 को एक गैरकानूनी भीड़ इकट्ठा हुई और मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
भीड़ ने पीड़ितों के घरों में घुसकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। भीड़ में शामिल सभी लोगों ने एक सामान्य उद्देश्य यानी मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए यह किया।
कोर्ट ने कहा कि अली अहमद और दो पुलिस अधिकारियों द्वारा दिए गए बयान से पता चलता है कि एक गैरकानूनी भीड़ थी, जो 25 फरवरी 2020 को लगभग 11 बजे गली नंबर 12, कॉलोनी में इकट्ठा हुई थी और वे मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों में तोड़फोड़ कर रहे थे।